नई दिल्ली. पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की कोशिशें जारी हैं. दिल्ली स्थित सिविल सेवा अधिकारी संस्थान में दूध की स्थिति को लेकर हुई समीक्षा बैठक में ये बताया गया है कि अब किसान राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत डेयरी फार्मों से आईवीएफ-ईटी गर्भवती बछिया खरीद सकेंगे. राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना में 30 फार्म स्थापित करने की परिकल्पना की गई है, जिनमें से प्रत्येक में 500 रोग-मुक्त, उच्च आनुवंशिक योग्यता वाली बछिया रखने की क्षमता होगी. पशुपालकों को जब इन फार्मों से रोग मुक्त बछिया मिलेगी तो उन्हें आगे चलकर बेहतर दूध उत्पादन मिलेगा, वहीं इन पशुओं से ज्यादा उत्पादन करने वाली बछिया भी मिलेगी.
बता दें कि एनडीडीबी के अध्यक्ष डॉ. मीनेश सी शाह ने नई दिल्ली स्थित सिविल सेवा अधिकारी संस्थान में दूध की स्थिति की समीक्षा बैठक में भाग लिया. बैठक की अध्यक्षता पशुपालन एवं डेयरी विभाग की सचिव अलका उपाध्याय पशुपालन एवं डेयरी मंत्रालय ने की. बैठक में डीएएचडी की अतिरिक्त सचिव सुश्री वर्षा जोशी के साथ-साथ डीएएचडी, एनसीडीएफआई और देश भर के राज्य सहकारी डेयरी संघों के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए.
मिलावट रोकने पर दिया जोर
बैठक में देश में दूध की वर्तमान स्थिति, अब तक की प्रगति, प्रमुख चुनौतियों और आगे की रणनीतिक कार्रवाइयों पर विस्तृत चर्चा हुई. डीएएचडी की सचिव ने बताया कि देश भर में दूध की स्थिति स्थिर और पूरी तरह नियंत्रण में है, जो सरकार द्वारा विवेकपूर्ण नीतिगत उपायों के कारण संभव हुआ है. इसमें समय पर हस्तक्षेप और डेयरी सहकारी समितियों द्वारा खरीद के प्रयासों को बढ़ाना शामिल है, जिससे किसानों को लाभकारी मूल्य मिलना सुनिश्चित हो सके. उन्होंने मिलावट की समस्या से निपटने के लिए दूध और दूध उत्पादों के गुणवत्ता नियंत्रण को और मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया. उन्होंने मिलावट के खतरों के बारे में हितधारकों और उपभोक्ताओं को शिक्षित करने के लिए व्यापक जागरूकता अभियान चलाने का भी आह्वान किया.
दूध उत्पादन बढ़ेगा
सचिव ने हितधारकों और राज्य सहकारी डेयरी संघों से सहकारी सदस्यता बढ़ाने और श्वेत क्रांति 2.0 पहल के तहत नई ग्राम-स्तरीय डेयरी सहकारी समितियों की स्थापना करने की दिशा में काम करने का आग्रह किया. उन्होंने कहा कि ये कदम दूध उत्पादन को बढ़ाने और डेयरी किसानों की ग्रामीण आजीविका में सुधार करने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे. डीएएचडी ने भारत सरकार की संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन योजना के तहत एक नए शुरू किए गए घटक, हीफर रीयरिंग सेंटर पर एक संक्षिप्त प्रस्तुति भी दी.
लोन देने के लिए बनेगी योजना
इस योजना में 30 फार्म स्थापित करने की परिकल्पना की गई है. जिनमें से प्रत्येक में 500 रोग-मुक्त, उच्च आनुवंशिक योग्यता वाली बछिया रखने की क्षमता होगी. किसान इन फार्मों से आईवीएफ-ईटी गर्भवती बछिया खरीद सकेंगे. एनडीडीबी के अध्यक्ष ने प्रस्ताव दिया कि आरजीएम के तहत 35 फीसदी सब्सिडी के अलावा, एनडीडीबी ऐसी सुविधाएं स्थापित करने में रुचि रखने वाले दूध संघों और संघों को लोन देने के लिए एक योजना लेकर आएगी.
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