Home डेयरी Dairy: एक्सपर्ट बोले, क्वालिटी वाला उत्पादन होगा तो मिलेगा बढ़िया रिर्टन, किसानों क्या करना चाहिए
डेयरी

Dairy: एक्सपर्ट बोले, क्वालिटी वाला उत्पादन होगा तो मिलेगा बढ़िया रिर्टन, किसानों क्या करना चाहिए

cow and buffalo cross breed
गाय और भैंस की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. इंडियन डेयरी एसोसिएशन, पश्चिमी क्षेत्र, स्वदेशी मवेशी अनुसंधान के सहयोग से महात्मा फुले कृषि विद्यापीठ, राहुरी (एमपीकेवी) का सह प्रशिक्षण केंद्र (आईसीआरटीसी) और 5-6 के दौरान कृषि महाविद्यालय, पुणे में स्मार्ट एंड सस्टेनेबल डेयरी फार्मिंग” पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. जहां BAIF डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन कार्यक्रम में लगभग 300 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. इस दौरान शैक्षणिक संस्थान, निजी और सहकारी डेयरी, अन्य डेयरी संबंधित कंपनियां और छात्र मौजूद रहे, जहां पर डेयरी सेक्टर की तमाम चुनौतियां, इससे होने वाले फायदे आदि के बारे में विस्तार से चर्चा की गई. वहीं कार्यक्रम में किसानों में इस पेशे में और ज्यादा स्मार्ट होने को लेकर वकालत की गई.

अच्छे खाद्य पदार्थों का उत्पादन करें
सम्मेलन में डॉ. जे.बी. प्रजापति, अध्यक्ष, आईडीए ने कहा कि उद्योग जगत के साथ मिलकर उन तरीकों पर चर्चा करें जिनसे डेयरी फार्मिंग की जा सकती है. किसानों और डेयरी पेशेवरों को हमारे व्यवसाय को बनाए रखने के लिए स्मार्ट होना होगा. इस दौरान आईडीए, नई दिल्ली के अध्यक्ष डॉ. आर.एस. सोढ़ी ने कहा कि उद्योग टिकाऊ का मतलब है कि यह होना है कि किसान उत्पादक के लिए व्यावसायिक रूप से व्यवहार्य और उपभोक्ता को किफायती दाम में अच्छे खाद्य उत्पाद मिलने चाहिए. कोई चैरिटी तो नहीं कर सकता है. सक्षम होने के लिए निश्चित रूप से व्यावसायिक फैसिलबिलिटी की आवश्यकता है. लगातार अच्छे खाद्य पदार्थों का उत्पादन करें और उपलब्ध करायें. आने वाले 25 वर्षों में. ग्रामीण शहरी जनसंख्या अनुपात 50:50 होने जा रहा है. इसलिए आवश्यक है कि याद रखें, जो भोजन बिकेगा या जिसे हमें उगाना है वह स्वादिष्ट है, शुद्ध प्राकृतिक पोषण के साथ और किफायती हो.

डेयरी उद्योग पर ज्यादा फोकस की जरूरत
उन्होंने कहा कि उद्योग के लिए एक बड़ी चिंता लड़ाई है. मिलावट, जिससे उपभोक्ता का विश्वास खोने के कारण खपत कम हो जाती है. भारत दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाएं, जो सभी बड़े खाद्य पदार्थों की ओर ले जाती हैं. दुनिया की कंपनियां अपने उत्पाद बेचने के लिए देश में आने की कोशिश कर रही हैं. किसान की इनपुट लागत को कम करके और फ़ीड रूपांतरण अनुपात में सुधार करके दुधारू पशुओं का पोल्ट्री उद्योग द्वारा इसका प्रबंधन बहुत कुशलता से किया जाता है और इसकी आवश्यकता भी है. डेयरी उद्योग को और अधिक फोकस में लाया गया.

दुग्ध उद्योग पर पड़ा है नकारात्मक प्रभाव
कहा कि गर्भधारण का अनुपात लगभग 25% मवेशी शून्य है. इस प्रकार, हमें गर्भाधान के सुधार पर ध्यान देने की आवश्यकता है. संपूर्ण मूल्य शृंखला में ऊर्जा की खपत कम करने की आवश्यकता है. दक्षता, पारदर्शिता और विश्वास लाने के बाद से एकीकरण भी बहुत महत्वपूर्ण है. नियमित डेटा रखरखाव और विश्लेषण से हमें अधिक जानकारी मिलेगी. किसान की औसत रिटर्न दूध की बिक्री कीमत का लगभग 50% है. इससे दुग्ध उद्योग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है, जिसे समृद्धि लाने के लिए बढ़ाने की जरूरत है. इससे पहले सम्मेलन का शुभारम्भ पर महात्मा फुले को श्रद्धांजलि अर्पित की गई.

Written by
Livestock Animal News Team

Livestock Animal News is India’s premier livestock awareness portal dedicated to reliable and timely information.Every news article is thoroughly verified and curated by highly experienced authors and industry experts.

Related Articles

हरित प्रदेश मिल्क प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन सदस्यों को बोनस का तोहफा दिया जा रहा है.
डेयरी

Dairy Animal: ठंड में दूध उत्पादन नहीं होगा कम, यहां जानें क्या करें

नई दिल्ली. अभी पूरी तरह से ठंड पड़ना भी शुरू नहीं हुई...

डेयरी

Dairy: सागर ऑर्गेनिक प्लांट की हुई शुरुआत, स्वदेशी उत्पादों को मिलेगा बढ़ावा, पढ़ें अन्य फायदे

नई दिल्ली. केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने गुजरात के...

डेयरी

Dairy Sector: भारत और न्यूजीलैंड की साझेदारी से डेयरी सेक्टर को मिले ये तीन बड़े फायदे, पढ़ें यहां

नई दिल्ली. राष्ट्रीय डेयरी बोर्ड NDDB और इंडियन इम्यूनोलॉजिकल्स लिमिटेड के चेयरमैन...