नई दिल्ली. हाल ही में खाद एवं औषधि प्रशासन एफडीए की टीम ने महाराष्ट्र में नकली पनीर की 442 किलोग्राम की खेप को जब्त कर लिया है. अधिकारियों ने बताया कि इस पनीर में मिलावट की गई है. नमूने एकत्र करने के बाद खास सुरक्षा अधिकारी और पूरी टीम ने पूरे माल को नष्ट कर दिया. गौरतलब है कि जहां प्रमाणिक पनीर की कीमत लगभग 300 किलोग्राम है तो वहीं इस पनीर की कीमत बाजार में 200 किलोग्राम है. जबकि वहां पकड़ी गई पनीर में पैकेजिंग और लेबलिंग के साथ-साथ कीमत में भी अंतर नजर आया है.
महाराष्ट्र की एफडीए टीम द्वारा फास्ट फूड कंपनी पर वनस्पति तेल का उपयोग करने का भी आरोप लगाने के बाद मैकडॉनल्ड्स ने कहा कि केवल दूध आधारित असली पनीर का ही उपयोग करते हैं. जबकि टीम का कहना है कि होटल में उद्योग में एक ऐसे सस्ते विकल्प के रूप में पनीर का चलन तेजी से बढ़ा है. वहीं इससे डेयरी क्षेत्र के लोगों में भी नाराजगी देखी जा रही है. वहीं अब इसके उपयोग व आपूर्ति की व्यवस्था पर बहस शुरू हो गई है.
एनालॉग पनीर कैसे बनती है
एफडीए के सहायक आयुक्त प्रशांत देशमुख का कहना है कि पनीर एनालॉग वनस्पति तेल और दूध पाउडर या ठोस पदार्थ से मिलकर तैयार किया जाता है. दूध वसा के लिए के लिए ब्यूटिरो रेफ्रेक्टोमीटर या बीआर मीटर 40 फीसदी -44 फीसदी के बीच है, लेकिन वनस्पति वसा के लिए 44 फीसदी से ऊपर है. यदि एफडीए को रेटिंग 44 परसेंट से ज्यादा मिलती है तो इसे पनीर एनालॉग की श्रेणी में रखा जाता है. देशमुख ने कहा कि एफडीए टीम ने दिए मिलावटी पनीर के खिलाफ एक बड़ा अभियान शुरू कर दिया है. खराब पनीर के खिलाफ चल रहे हमारे अभियान के दौरान पहले दो स्थानों पर नमूने एकत्र किए जा चुके हैं. मिलावट और से निपटने के लिए एफडीए की पहली माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला बीकेसी में खुलेगी.
विकल्प का उपयोग किया जा रहा
रही बात शाकाहारी पनीर की तो वनस्पति तेलों पर नट्स, सोया, नारियल तेल और जड़ वाली सब्जियों सहित पौधे पर आधारित सामग्री से बनाया जाता है. इसमें अगर या टैपिओका, पोषण खमीर, जीवाणु संस्कृतियां और एसिड जैसे गाढ़े पदार्थ शामिल हैं तो असली पनीर की बजाय विकल्प का उपयोग किया जा रहा है. वहीं इन तमाम आरोप के बीच मैकडॉनल्ड इंडिया की ओर से बयान में कहा गया है कि संस्थान असली पनीर का उपयोग करने वैश्विक मानकों का पालन करने वाले आपूर्तिकर्ताओं के साथ सहयोग करने और सामग्री और उच्च गुणवत्ता वाले भोजन के लिए अपनी प्रतिबद्धता पर जोर देता है. जबकि महाराष्ट्र मैकडॉनल्ड’एस आउटलेट का लाइसेंस लंबित कर दिया है और सुधार करने का निर्देश दिया गया है.
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