नई दिल्ली. अंडे भले ही प्रोटीन की सबसे सस्ते सोर्स हों लेकिन साल भर इसे लोग अपनी डाइट में शामिल नहीं करते हैं. जबकि एक्सपर्ट कहते हैं कि अंडो का सेवन हर मौसम में किया जाना चाहिए. जिससे बॉडी में प्रोटीन की कमी दूर हो सके. पोल्ट्री कारोबार से जुड़े एक्सपर्ट साल के 8 महीना अंडों की डिमांड कम होने की वजह से इसे मिड डे मील और आंगनवाड़ी कार्यक्रम में शामिल करने की मांग करते रहे हैं. देश के कई प्रदेशों ने इसे शामिल भी किया है. जबकि कई राज्य में ये शामिल नहीं हुए हैं.
मिड डे मील और आंगनवाड़ी कार्यक्रम में बच्चों की डाइट में अंडों को शामिल करने के पीछे मुख्य रूप से दो वजह गिनाई जाती है. एक तो उभरते हुए बच्चों के लिए अंडे प्रोटीन का बेहतरीन सोर्स हैं. इसके साथ ही कुपोषण दूर करने में भी अंडे फायदेमंद हैं. वहीं पोल्ट्री कारोबार के लिए भी या फायदेमंद हैं. क्योंकि इन दोनों कार्यक्रम में अंडे शामिल होते ही साल भर इसकी डिमांड रहेगी और पोल्ट्री कारोबारी को इसका फायदा मिलता रहेगा. एक्सपर्ट का यह भी कहना है कि किसी भी मौसम में अंडे आसानी से पांच रुपये में उपलब्ध हो जाएंगे.
14 राज्यों में एमडीएम में शामिल
बात की जाए की अंडों को मिड डे मील और आंगनवाड़ी कार्यक्रम में शामिल करने की तो ऐसा नहीं है कि राज्यों ने इसे शामिल नहीं किया है. देश के 14 राज्यों में मिड डे मील में अंडों को बच्चों की डाइट में शामिल किया गया है. जबकि आंगनवाड़ी कार्यक्रम में 7 राज्यों में बच्चों, गभवर्ती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली मां की डाइट में अंडों को शामिल किया गया है. आंध्र प्रदेश में हफ्ते में 5 दिन मिड डे मील में अंडे दिए जाते हैं. वहीं आंगनवाड़ी में 3 से 6 के साल के बच्चों को और प्रेग्नेंट वूमेन के साथ स्तनपान कराने वाली महिलाओं को हफ्ते में 4 बार दिया जाता है.
बिहार और झारखंड में भी दिए जाते हैं
इसके अलावा बिहार में मिड डे मील में हफ्ते में एक बार, असम में एक बार, छत्तीसगढ़ में दो बार और यहां आंगनवाड़ी में भी दो बार अंडे दिए जाते हैं. जम्मू कश्मीर में एक बार मिड डे मील में, झारखंड में मिड डे मील में दो बार और आंगनवाड़ी में तीन बार, कर्नाटक में मिड डे मील में दो बार, केरल में एक बार, उड़ीसा में एमडीएम में दो बार और आंगवाड़ी कार्यक्रम के तहत हफ्ते में 5 बार अंडे दिए जाते हैं.
यहां पूरे महीने दिये जाते हैं अंडे
इसके अलावा तमिलनाडु में मिड डे मील में पांच बार और तीन बार आंगनवाड़ी में एंड परोसे जाते हैं. तेलंगाना में मिड डे मील में वीक में तीन बार और आंगनवाड़ी में 6 माह से 3 साल तक बच्चों को महीने में 16 बार, 3 से 6 साल तक बच्चों को 30 दिन अंडे दिए जाते हैं. यहां प्रेगनेंट और लैक्टिंग मदर को पूरा महीना अंडा दिया जाता है. त्रिपुरा में एमडीएम में 2 और आंगनवाड़ी में एक बार, उत्तराखंड में एमडीएम में एक बार, वेस्ट बंगाल में एमडीएम में दो बार और आंगनवाड़ी कार्यक्रम के तहत तीन बार अंडे दिए जाते हैं. जबकि उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में ना तो अंडा में डे मील में शामिल है ना ही आंगनवाड़ी कार्यक्रम की तहत दिया जाता है.
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