नई दिल्ली. पशुपालन में सिर्फ गाय—भैंस या बकरी नहीं पाली जाती है. बल्कि भेड़ खरगोश भी पाला जा सकता है और इससे फायदा उठाया जा सकता है. इसी बात को किसानों समझानें के मकसद से केंद्र उत्तरी शीतोष्ण क्षेत्रीय केंद्र (भेडूफार्म) गडसा, जिला कुल्लू (हिमाचल प्रदेश) में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति किसानों का तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गा था. जहां किसानों को भेड़ और खरगोश पालन के फायदों के बारे में बताया गया. किसानों को एक्सपर्ट ने बताया कि गाय के साथ अगर किसान इन पशुओं का भी पालन करते हैं तो मुनाफा कई गुना बढ़ जाएगा.
डॉ. अरुण कुमार तोमर की अध्यक्षता में हुए कार्यक्रम में केंद्र के प्रभारी डॉ. आर पुरुषोत्तम, नोडल अधिकारी डॉ. अब्दुल रहीम चौधरी, डॉ रजनी चौधरी, डॉ पल्लवी चौहान एवं इंद्र भूषण कुमार, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी आदि ने भी भाग लिया. कार्यक्रम में हिमाचल परंपरा से स्वागत सत्कार प्रभारी डॉ. आर पुरुषोत्तमन द्वारा किया गया. केंद्र के अध्यक्ष डॉ आर. पुरुषोत्तमन ने किसानों को गाय पालने के साथ-साथ भेड़ एवं खरगोश पालने हेतु प्रोत्साहित किया.
साइंटिफिक पशुपालन पर दिया जोर
वहीं इस अवसर पर इंद्र कुमार भूषण, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी ने किसानों के हित में संस्थान व केंद्र द्वारा चलाये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की सराहना करते हुए किसानों को केंद्र से जुड़े रहने की अपील की. मुख्यअतिथि व केंद्र के निदेशक डॉ. अरुण कुमार तोमर ने सभी किसानों को वैज्ञानिक तरीके से भेड़-बकरी एवं खरगोश पालन करने के तरीके सीखने की जरुरत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि किसानों को तीन फसलों पर ध्यान देना जरूरी है जो हैं खेती, पशुपालन एवं देश का भविष्य बच्च. इसके अतिरिक्त उन्होंने किसानों को अपने बच्चों के माध्यम से अपनी संस्कृति एवं पहचान को बनाए व बचाए रखने की सलाह दी. इस तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में अच्छे नस्ल के पशुओं का चयन, चारा, प्रजनन, ऊन कतरन, टीकाकरण आदि पर दोनों उपयोजनाओं के 60 किसानों को लेक्चर्स व प्रैक्टिकल कक्षा केंद्र के विभिन्न वैज्ञानिकों द्वारा दिया गया.
किसानों को प्रमाणपत्र भी बांटे गए
ट्राइबल सब प्लान 28 (24 महिला व 4 पुरुष) एवं एससीएसपी 32 (25 महिला व 7 पुरुष) इस प्रकार कुल 60 किसानों को दोनों उपयोजनाओं से निशुल्क कीटनाशक स्प्रे मशीन के साथ प्रमाण पत्र का भी वितरण किए गए. डॉ. अब्दुल रहीम, वैज्ञानिक ने प्रशिक्षण कार्यक्रम में भाग लेने के लिए दूर-दराज से आये किसान भाई-बहनों एवं संस्थान के सभी वैज्ञानिकों, अधिकारियों एवं कर्मचारियों का आभार व्यक्त किया. कार्यक्रम के सफल संचालन में क्षेत्रीय केंद्र के तकनीकी कर्मचारियों एवं प्रशासन द्वारा पूरा सहयोग किया गया. वहीं ट्राइबल सब प्लान एवं एससीएसपी उपयोजना के प्रशिक्षण का समन्वयन डॉ. आर पुरुषोत्तम, डॉ अब्दुल रहीम चौधरी, डॉ रजनी चौधरी एवं डॉ. पल्लवी चौहान द्वारा किया गया.
Leave a comment