Home डेयरी Milk Production: इस तरह आजोला खिलाने से पशु ज्यादा दूध का करेगा उत्पादन, पढ़ें डिटेल
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Milk Production: इस तरह आजोला खिलाने से पशु ज्यादा दूध का करेगा उत्पादन, पढ़ें डिटेल

कम फाइबर के साथ अधिक कंसंट्रेट या अनाज (मक्का) के सेवन से अधिक लैक्टेट और कम वसा दूध होगा.
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. ये बात तो फैक्ट है कि दूध और मांस की मांग बढ़ रही है और आगे भी बढ़ेगी. यही वजह कि पशुपालन बेहद ही फायदेमंद कारोबार बनकर उभरा है. पशुपालन से किसानों को खूब फायदा भी हुआ है. ज्यादा उत्पादन की वजह से भारत दूध उत्पादन में नंबर देश है लेकिन अभी भी प्रति पशु उत्पादन में कमी भी है. अगर इस कमी को दूर कर लिया जाए तो भारत बहुत आगे चला जाएगा. इसमें दिक्कत पशुओं के प्रर्याप्त चारे की कमी के कारण है. यही वजह है कि सरकारें चारा उत्पादन पर भी जोर दे रही हैं ताकि पशुओं भरपूर चारा मिले और इससे उन्हें पशु की क्षमता के मुताबिक दूध मिल सके.

हरे चारे की उपलब्धता में कमी और घटते वनों और चारागाहों का क्षेत्रफल के कारण पशुओं को हरा चारा नहीं मिल पा रहा है. जबकि पशुओं को हरे चारे की जरूरत होती ही है. क्योंकि इससे पशुओं को कई फायदा होता है. हरे चारे की कमी को पूरा करने के विकल्प की बात की जाए तो आपको अजोला सबसे बेहतर पौधा हो सकता है. इसमें पशुओं के लिए सदाबहार पौष्टिक आहार प्रदान करने की क्षमताएं होती हैं. जिससे पशुओं को जरूरी खुराक भी मिल जाती है और उनसे उत्पादन भी बेहतर मिलता है. इस आर्टिकल में हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि अजोला को कैसे इस्तेमाल किया जाए कि ज्यादा से ज्यादा फायदा उठाया जा सके.

अजोला इस्तेमाल का तरीका
-एक्सपर्ट के मुताबिक ट्रे को एक बाल्टी के उपर रखकर पानी से अच्छे से धोना चाहिए. ताकि गोबर की गंध निकल जाए. धोने से छोटे-छोटे पौधे भी निकाल लेना चाहिए. बाल्टी में एकत्रित पानी एवं छोटे-छोटे पौधे को फिर गड्ढे में दबा देना चाहिए.

-गड्ढे से हासिल ताजा अजोला को व्यापारिक पशु दाने के साथ 1:1 के अनुपात मिलाकर पशु को खिलाना चाहिए. इससे फायदा मिलेगा.

-ताजा अजोला, पौल्ट्री (लेयर तथा ब्रॉयलर) को भी खिलाया जा सकता है. अजोला को सामान्य दाने के साथ 1:1 अनुपात में मिलाकर सप्ताह तक देने से दूध उत्पादन में बढ़ोत्तरी होती है इसके साथ-साथ पशुओं के स्वास्थ्य के गुण में वृद्धि होती है.

-उत्पादन दर में यह ग्रोथ अजोला की पौष्टिकता के आधार पर वृद्धि की गणना से कहीं अधिक है. ऐसा माना जाता है कि अजोला में केवल पौष्टिक तत्व ही नहीं बल्कि अन्य अवयव जैसे कि कैरोटिन आदि भी पाये जाते हैं, जो कि इस मनचाही वृद्धि दर को कम कर सकती है.

-गांव में, घर या बाड़ी में किसी भी स्थान पर अजोला का सत्यापन किया जा सकता है. अजोला इसलिए भी बेहतर है कि इसे पशुओं के साथ-साथ मुर्गियों को भी दिया जा सकता है. ये मुर्गियों के लिए बेहतरीन आहार है.

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