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Fish Farming: फिश सेक्टर से जुड़े लोग सरकार की इन दो योजनाओं का फायदा उठाएं और करें कमाई

CIFE will discover new food through scientific method
मछली का प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. मछली पालन कई तरह से किया जाता है. कुछ किसान तालाब में मछली को पालते हैं तो कुछ किसान टैंक में भी मछली पालन कर रहे हैं. मछली पालन करके उन्हें अच्छी खासी आमदनी होती है. मछली पालन करना जहां एक काम है तो वहीं इसका दूसरा पार्ट मछली को तालाब से सही टाइम से निकलकर बाजार तक पहुंचाना और उसके बाद वहां से ग्राहकों तक पहुंचाना होता है. मान लीजिए कि किसान मछली पालन कर लें लेकिन उसे बाजार न मिले तो उसका मछली पालन करने का कोई फायदा नहीं होगा. इससे उसे मछली पालन में नुकसान हो जाएगा. उत्पादन के बावजूद उसे मछलियों का अच्छा रेट नहीं मिलेगा. इसलिए जरूरी है कि मछली सही समय से बाजार में और फिर ग्राहकों तक पहुंच जाए.

फिश एक्सपर्ट का कहना है कि जितना अच्छा दाम जिंदा मछली का मिलता है, उतना अच्छा दाम बर्फ में भेजी जाने वाली मछली का नहीं मिलता है. क्योंकि ग्राहकों को जिंदा मछली ज्यादा पसंद होती है. ग्राहक उसे ज्यादा स्वादिष्ट मानते हैं. इसलिए जिंदा मछली कि ग्राहकों तक पहुंच बनाना भी जरूरी है. सरकार कई ऐसी योजनाएं चल रही है, जिसके जरिए तालाब से दुकानदारों और उनसे ग्राहकों तक सही समय पर मछली पहुंच जाए. सरकार चाहती है कि इन योजनाओं का फायदा उठाकर मछली पालन से जुड़े लोग अपनी इनकम बढ़ाएं. अगर उन्हें पैसों की कमी पड़ रही है तो फिर वो सरकार से मदद ले सकते हैं.

मोबाइल, रिटेल रंगीन मछली सेलिंग सेंटर
सरकार की ओर से मछली स्टोरेज करने के लिए केंद्र खोलने के लिए मदद की जा रही है. इसके अंदर कूलर, तौलने की मशीन, मछली कटिंग और सफाई व्यवस्था के लिए बर्तन और सामान के लिए 10 लाख रुपए का बजट तय किया है. अगर आप इसे खोलना चाहते हैं तो सरकार सब्सिडी दे रही है. यूनिट लागत पर सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत यानि 4 लाख रुपए और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग व सभी महिलाओं व सहकारी समितियों को 60 प्रतिशत यानि 6 लाख रुपए की सब्सिडी दी जाएगी.

चिल्ड ट्रक खरीदने के लिए मदद
मछलियों को एक जगह से दूसरी जगह बिना खराब हुए लेने जाने वाले ट्रक पर 25 लाख रुपए खर्च करने की जरूरत पड़ती है. इस तरह का स्पेशल ट्रक खरीदने पर सरकार सामान्य वर्ग को 40 प्रतिशत यानि 10 लाख रुपए और अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति वर्ग और सभी महिलाओं व सहकारी समितियों को 60 प्रतिशत यानि 15 लाख रुपए का अनुदान देने की बात कही है. यानि 10 लाख रुपए से इस काम को शुरू कर सकते हैं. इससे अच्छी कमाई होगी.

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