नई दिल्ली. मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए सरकार की ओर से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. जिसमें प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना और फिशरीज एंड एक्वाकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर डेवलेपमेंट फंड (एफआईडीएफ) के तहत करोड़ों रुपए जारी किए गए हैं. जिसके तहत मछली पालकों, मछली कारोबार से जुड़े हर तबके के लोगों को फायदा मिलेगा. योजना इसलिए चलाई जा रही है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग मछली पालन के काम में आगे आएं और इससे उन्हें फायदा मिले. वहीं सरकार की मंशा ये भी है कि मछली पालन से भी किसानों की इनकम को दोगुना दिया जाए.
सरकार का मानना है कि अगर किसान मछली पालन करते हैं तो 4 साल में सरकार की ओर से प्रधानमंत्री मत संपदा योजना के तहत की 3996,54.2 लाख रुपए जारी किए हैं. ताकि इसे मछली पालन को बढ़ावा दिया जा सके. सरकारी अधिकारियों का कहना है कि मछली पालन बढ़ता है तो इससे बहुत से लोगों को फायदा होगा. इससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे. जिससे बेरोजगारी भी दूर होगी. लोगों को नौकरियां मिलेंगी. आइए जानते हैं कि सरकार की ओर किस राज्य में प्रधानमंत्री मत्स्य सम्पदा योजना (पीएमएमएसवाई) के तहत कितना पैसा जारी किया गया है.
आंध्र प्रदेश को 48 हजार लाख रुपए दिए
सरकार की ओर से हर राज्य में इस योजना के तहत फंड जारी किया गया है. योजना के तहत अंडमान निकोबार को 696.70 लाख रुपए और आंध्र प्रदेश को 48211.79 लाख रुपए जारी किए गए हैं. वहीं अरुणाचल प्रदेश को 9447 लाख रुपए, असम को 20731 लाख रुपए और बिहार को 79.28 जारी किया गया है. जबकि छत्तीसगढ़ को 20569 लाख रुपए, दमन एवं दीव और दादर, नगर हवेली को 178 लाख रुपए जारी किया गया है. इसके अलावा देश की राजधानी दिल्ली दिल्ली को 163 रुपए मिले हैं. गोवा को 4405 लाख रुपऐ, गुजरात को 6516, हरियाणा को 10151 हिमाचल प्रदेश को 3813, जम्मू और कश्मीर को 7961, झारखंड को 11570, कर्नाटक को 35958 और केरल को 31882 लाख रुपए जारी किए गए हैं.
इन राज्यों को भी मिला फंड
इसके अलावा लद्दाख को 1016 लाख रुपए जारी किए गए हैं. मध्य प्रदेश को 19013 लाख रुपए सरकार ने दिए हैं. महाराष्ट्र में 27870 लाख रुपए इंवेस्ट किया है. मणिपुर में 2944, मेघालय में 3596, मिजोरम में 6347, नागालैंड में 6709, ओडिशा में 25983, पांडुचेरी में 5713, पंजाब में 2476, सिक्किम में 3300, तमिलनाडु में 13631, तेलंगाना में 9582, त्रिपुरा में 5859 लाख रुपए दिए हैं. उत्तर प्रदेश में 28911 लाख रुपए, उत्तराखंड में 8780 और पश्चिम बंगाल में 5075 लाख दिए गए हैं.
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