नई दिल्ली. सरकार फिशरीज सेक्टर को बढ़ावा देने का काम कर रही है. सरकार की ओर हजारों करोड़ रुपए फिशरीज सेक्टर की ग्रोथ के लिए खर्च किए जा रहे हैं. सरकार प्रधानमंत्री मत्स्य सपंदा योजना के तहत मछली पालकों, मछुआरों की मदद भी कर रही है ताकि ये लोग मछली पालन के काम में और मजबूती के साथ काम करें ताकि देश में मछली पालन के काम को और ज्यादा बढ़ावा मिले. जबकि इससे उनकी इनकम भी बढ़े. सरकार देश में कृषि पर आधारित रहने वाले किसानों को भी मछली पालन से जोड़ने का काम कर रही है.
वहीं सरकार देश में ऑर्गेनिक फिश फार्मिंग को भी बढ़ावा देने का काम कर रही है, ताकि इससे भी लोगों को फायदा हो और रोजगार के नए अवसर खोले जा सकें. सरकार की ओर से इस कड़ी में सिक्किम के सोरेंगे में देश का पहला आर्गेनिक फिशरीज कलस्टर बनने जा रहा है. जिससे इस सेक्टर को खूब फायदा होगा.
पीएम मोदी ने इस बारे में क्या कहा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में ऑर्गेनिक फार्मिंग के साथ अब ऑर्गेनिक फिशिंग की ओर ये एक मजबूत कदम माना जा रहा है. जिससे स्थानीय युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर खुलेंगे और और दुनिया भर में भारत की पहचान अलग बनेगी. इस संबंध में पीएम मोदी ने आगे कहा कि केंद्र सरकार राज्य सरकार के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रही है. सिक्किम में ऑर्गेनिक बास्केट और समृद्ध करने के लिए देश का पहला ऑर्गेनिक फिशरीज कलेक्टर बनाया जा रहा है. जो सिक्किम को दुनिया में एक नई पहचान देगा. ऑर्गेनिक फार्मिंग के साथ-साथ सिक्किम को ऑर्गेनिक फिशिंग के लिए भी जाना जाएगा. दुनिया में ऑर्गेनिक फिश और फिश प्रोडक्ट की बहुत ज्यादा डिमांड है. जिसको देखते हुए सिक्किम एक बड़े एक्सपोर्टर के रूप में उभरेगा और मछली पालन के क्षेत्र में स्थानीय युवाओं को रोजगार मिलेगा.
क्या है ऑर्गेनिक फिश फार्मिंग का फायदा
आपको बता दें कि ऑर्गेनिक फिश फार्मिंग एक ऐसा मछली पालन का तरीका है, जिसमें हानिकारक रसायन और कीटनाशकों को या फिर एंटीबायोटिक दावाओं का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. यह एक ऐसा तरीका है जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित और स्वस्थ मछलियों को पैदा करने में मददगार साबित होता है. ऑर्गेनिक फिश फार्मिंग में किसान प्राकृतिक तरीकों से मछली पालन करते हैं. जैसे कि प्राकृतिक खाद का उपयोग करके और मछली के भोजन के लिए प्राकृतिक संसाधनों का इस्तेमाल किया जाता है. यह एक ऐसा तरीका है जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित बताया जाता है और स्वस्थ मछलियों को पैदा करता है.
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