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Fish Farming: तालाब में सबसे जल्दी बढ़ती है ये मछली, एक साल में भर देगी आपकी जेब

एक तालाब में तीन लेयर में मछलियां रहती हैं. पहली लेयर में रोहू जैसी मछली, बीच की लेयर में कतला और नीचे की सतह पर सिल्वर कॉर्प रहती है
प्रतीकात्मक तस्वीर।

नई दिल्ली. खेती के अलावा किसान आजकल मछली पालन में अच्छी इनकम कर रहे हैं. मछली पालन एक ऐसा बिजनेस है, जिसमें कुछ ही महीने में पैदावार होनी शुरू हो जाती है. एक अच्छे मछली पालन के लिए अच्छा तालाब का होना बेहद जरूरी है. वहीं अच्छी प्रजाति की मछलियां भी होना जरूरी हैं. कई बार देखने को मिलता है, कि मछलियों की प्रजाति के बारे में जानकारी ना होने से मछली पालन करने वालों को कुछ नुकसान उठाना पड़ जाता है. जैसे पशुओं में अच्छी नस्ल का मवेशी होना जरूरी है, वैसे ही मछलियों में भी अच्छा बीज का होना बेहद जरूरी है. यदि आप भी मछली पालन करना चाहते हैं और कुछ ही समय में अपनी इनकम को बढ़ाना चाहते हैं तो हम आपको बता रहे हैं, कि कौन सा ऐसा बीज है, जो आपको अच्छी इनकम देगा.

तालाब में पाई जाने वाली मछलियां तीन सतहों पर रहती हैं. हर स्तर पर अलग किस्म की मछली रहती है. जिस प्रकार से हमें आक्सीजन की जरूरत होती है, ठीक उसी प्रकार मछलियों को भी हर लेवल पर आक्सीजन चाहिए. तालाब की निचली सतह पर रहने वाली मछलियों को भी अच्छी सेहत के लिए आक्सीजन भरपूर चाहिए.

तीन सतहों पर रहती हैं मछलियां: एक तालाब में तीन लेयर में मछलियां रहती हैं. पहली लेयर में रोहू जैसी मछली, बीच की लेयर में कतला और नीचे की सतह पर सिल्वर कॉर्प रहती है. ये तीनों मछलियां तालाब में पालकर आप अच्छी इनकम ले सकते है. लेकिन कतला ऐसी खास किस्म की मछली है, जो सबसे जल्दी बढ़ती है और आपको मछली पालन में अच्छी इनकम दे सकती है.

कतला के बारे में जानिए: कतला देश के कई हिस्सों में मिलने वाली मछली है. आमतौर पर कतला सीधे स्वभाव की मछली है, ये चौड़े शरीर, लंबे सिर और काले ​सिलेटी कलर में मिलती है. इसका निचला होंठ समतल और मोटा होता है. वहीं किनारों पर से सिलवर रंग और हल्के गुलाबी रंग के चाने होते हैं. कतला की पीठ और पेट से अधिक बाहर की तरफ होती है. इसके पंख काले रंग के होते हैं. ये पानी की ऊपरी सतह से भोजन लेती है और इसके विकास के लिए किनारे और सतह की वनस्पति बहुत उपयोगी होती है.

मॉनसून के मौसम में देती है अंडे: कतला मछली मॉनसून के मौसम में एक बार अंडे देती है. स्वादिष्ट भोजन और हाई प्रोटीन के कारण इसकी मांग काफी है. इसे बेहद आसानी से साफ और गहरे पानी के टैंकों और तालाबों में पाल सकते हैं. कतला की ग्रोथ धान के खेतों में भी होती है. यह एक साल में करीब 1400 ग्राम तक की हो सकती है. कतला मछली 0.80-1.20 लाख तक अंडे देती है. कतला का सालाना प्रोडक्शन 0.08 मिलियन प्रति एकड़ होता है. यह जल्दी बढ़ने वाली मछली है, जो कि एक वर्ष में 1200-1400 ग्राम वजन ले सकती है.

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