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Fish Farming: छोटा सा गड्ढा खोदकर भी आप कर सकते हैं मछली पालन, यहां पढ़ें इसका तरीका

fish pond
फिश फार्मिंग के लिए छोटा तालाब.

नई दिल्ली. क्या आपको पता है कि आप एक छोटा सा गड्ढा खोदकर मछली पालन कर सकते हैं, जी हां अगर आप 600 स्क्वायर फीट का गड्ढा खोदकर मछली पालन करना चाहते हैं तो यह संभव है. आपको बता दें कि मछली पालन आज के समय में काफी फायदेमंद व्यवसाय है. वहीं सरकार भी मछली पालन को प्रोत्साहन देने के लिए कई सारी स्कीम्स को चला रही है. ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग मछली पालन के काम में आगे आएं और मछली पालन करके अपनी इनकम को बढ़ा सकें. आइए इस आर्टिकल में जानते हैं कि कैसे छोटे से गड्ढे में मछली पालन करके किसान अपनी इनकम बढ़ा सकते हैं

अगर आप छोटे से गड्ढे में मछली पालन का काम शुरू करना चाहते हैं तो उसे तालाब के आकार को सबसे पहले अंतिम रूप देना होगा. इसके लिए तालाब की लंबाई 30 फीट होनी चाहिए. इसकी चौड़ाई 20 फिट रखना बेहतर होता है. 6 फीट इसकी गहराई रखेंगे तो बेहतर प्रोडक्शन मिलेगा. गर्मी के मौसम में पानी सूखता है. इसलिए पानी का स्तर पर्याप्त रखना जरूरी होता है.

तालाब में कितनी मछलियां डालनी चाहिए
इस तरह की तालाब में आप जलास और पंगेशियस मछली का पालन कर सकते हैं. तालाब का वॉल्यूम कितना रखना है, यह जानना भी आपके लिए बेहद जरूरी है. एक्सपर्ट कहते हैं कि आपको तालाब का वॉल्यूम तीन हजार क्यूबिक फीट में रखना होगा. इस तालाब में कुल 84 हजार 951 लीटर पानी की जरूरत पड़ेगी. आपको बता दें कि एक क्यूबिक फीड में 28.317 लीटर पानी की जरूरत होती है. वहीं इस तरह के तालाब में कुल 1500 मछलियों के बीज को डाला जाना चाहिए. तालाब में मृत्युदर 20 फीसदी तक हो सकता है. यानी यह मान लेते हैं कि तकरीबन 300 मछलियां खराब हो जाएंगी, या मर जाएंगी. अगर नहीं मरती हैं तो आपका फायदा ज्यादा होगा.

तालाब की ऐसे करें तैयारी
तालाब को कैसे तैयार किया जा सकता है इस बारे में भी जानना चाहिए. बता दें कि पानी डालने से पहले तालाब में गोबर डालना चाहिए. इसके बाद तालाब में पानी भरें और उसमें चूना और नमक भी मिलांए. चूना और नमक डालने के बाद पानी को 48 घंटे के लिए तैयार होने के लिए छोड़ दें. मछली के बीज को पानी में डालने से पहले पोटेशियम परमैग्नेट में एक-दो घंटे के लिए रखा जाता है ताकि सारे संक्रमण दूर हो जाएं. क्योंकि मछलियों को एक पानी से निकलकर दूसरी जगह लाया जाता है, जिससे उनका वातावरण बदलता है. 48 घंटे के बाद तालाब में मछली के बीज को डालना चाहिए. तालाब में एरिरऐशन बनाए रखना जरूरी है.

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