नई दिल्ली. जिस तरह से चूजों को पोल्ट्री फार्म में लाने के बाद पहले तीन दिनों तक उसका ख्याल रखना होता है. चूजों को 30-33 डिग्री सेल्सियस तापमान में रखा जाता है और चूजों को जल्दी से अनलोड करते ही फार्म के अंदर ले जाकर तुरंत ही फीड दिया जाता है. उसी तरह से चौथे, पांचवे और छठे दिन भी उनका ख्याल रखना होता है. पोल्ट्री एक्सपर्ट डॉ. इब्ने अली कहते हैं कि अभी चूजा कुछ ही दिनों के होते हैं तो देखभाल जरूरी है. बात की जाए चौथे दिन के मैनेजमेंट की तो पोल्ट्री फार्मर को सुबह के पानी में, एक ही पानी में 10 ग्राम नेक्साम्यून दवा और 10 मिलीलीटर विमरल प्रति 1000 चूजों को देना चाहिए.
चौथे दिन शाम को ALCAEU 12 ग्राम प्रति 1000 चूजों को देना शुरू करें. कुल पानी की खपत लगभग 40 से 45 लीटर होनी चाहिए. चौथा दिन बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि इस दिन तक चूजे ठीक से फ़ीड का सेवन करना शुरू कर देते हैं और वातावरण में खुद को ढाल लेते हैं. तापमान और वेंटिलेशन की उचित देखभाल करनी चाहिए. पांचवे दिन सुबह के पानी में 10 ग्राम निक्साम्यून और प्रति 1000 चूजों को समान पानी में दें. इसके बाद भी मृत्यु दर नहीं देखी जाती है तो ALCAEU को रोक दिया जाना चाहिए.
पांचवे दिन कितना होना चाहिए वजन
पांचवें दिन तक चूजों का औसत वजन लगभग 125-130 ग्राम होना चाहिए और मृत्यु दर 0.2 फीसदी होनी चाहिए, यानि 1000 पर अगर सिर्फ 2 चूजे मरते हैं मामला गंभीर नहीं है. सर्दियों में पानी की खपत 55 लीटर या उससे कम होनी चाहिए. पांचवा दिन महत्वपूर्ण है क्योंकि कई लोग छठे दिन एनडी टीका देते हैं, इसलिए 5वें दिन नेक्साम्यून फायदेमंद होता है. तापमान की जांच करें. एक अलग ब्रूडर में कमजोर, छोटे और सुस्त चूजों को हटा दें. यदि आवश्यक हो तो ब्रूडर क्षेत्र बढ़ाएं.
रात में इतनी देर करें अंधेरा
पोल्ट्री एक्सपर्ट डॉ. इब्ने अली के मुताबिक इस दिन सुबह नाक या आंख के रास्ते से वैक्सीनेशन करना चाहिए. इसके बाद 10 ग्राम नेक्साम्यून और प्रति 1000 चूजों को पानी में दें. पानी में कोई भी सैनिटाइजर न मिलाएं. अखबारों को नीचे से हटा दें. चिक ट्रे निकालें और फीडर में ही फीड दें. धीरे-धीरे फर्श की जगह बढ़ाएं. ब्रूडर की ऊंचाई बढ़ाएं और तापमान बनाए रखें. किसी भी तरह की परेशानी या किसी अन्य तनाव से बचाएं. जब दिन में मौसम गर्म हो जाए तो उन्हें वेंटिलेशन दें. इस समय मृत्यु दर को कभी भी अनदेखा न करें. पोस्टमॉर्टम करें और कारण की पहचान करने की कोशिश करें. इस समय तनाव से बचना चाहिए. कुल मृत्यु दर अब तक 0.4 फीसदी से कम होनी चाहिए. रात में 1 घंटे का अंधेरा जारी रखना चाहिए.
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