Home पशुपालन GADVASU: अब कुत्ते-बिल्लियों का भी हो रहा है मोतियाबिंद का ऑपरेशन, लगाए जा रहे हैं लैंस
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GADVASU: अब कुत्ते-बिल्लियों का भी हो रहा है मोतियाबिंद का ऑपरेशन, लगाए जा रहे हैं लैंस

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प्रतीकात्मक फोटो

नई दिल्ली. गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय, लुधियाना के पशु चिकित्सा सर्जरी और रेडियोलॉजी विभाग द्वारा “फार्म और साथी जानवरों में एनेस्थीसिया, सर्जरी और इमेजिंग में प्रगति” पर एक राष्ट्रीय स्तर का प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किया गया. यह 21 दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आईसीएआर द्वारा प्रायोजित था और सेंटर फॉर एडवांस्ड फैकल्टी ट्रेनिंग (सीएएफटी) के तत्वावधान में आयोजित किया गया था.

लेप्रोस्कोपिक सर्जरी,ऑर्थोपेडिक सर्जरी की दी जानकारी
सीएएफटी के निदेशक और एचओडी डॉ. नवदीप सिंह ने बताया कि 9 राज्यों और 18 संस्थानों के 24 वैज्ञानिक और शिक्षक प्रशिक्षण में शामिल हुए. यह प्रशिक्षण कार्यक्रम व्यापक था और इसमें गाय, भैंस, घोड़े, कुत्ते और बिल्ली जैसे जानवरों की विभिन्न प्रजातियों में सर्जरी, एनेस्थीसिया, न्यूनतम इनवेसिव तकनीक और नैदानिक इमेजिंग के पहलुओं को शामिल किया गया था. विभाग के पास कुत्तों में मोतियाबिंद के लिए लेंस प्रत्यारोपण, कलर डॉपलर, 3डी/4डी अल्ट्रासाउंड, दंत चिकित्सा, एंडोस्कोपी, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी, ऑर्थोपेडिक सर्जरी, कोलिक सर्जरी और एनेस्थीसिया उपकरण जैसी उन्नत सुविधाएं हैं.

किसानों-पालतू पशु मालिकों को उत्कृष्ट सेवा देना
उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि डीन पोस्ट ग्रेजुएट स्टडीज डॉ. एसके ने आयोजकों को एनेस्थीसिया और सर्जरी के क्षेत्र में किए जा रहे उत्कृष्ट कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि यह विभाग पंजाब के किसानों और पालतू पशु मालिकों को उत्कृष्ट सेवाएं प्रदान करने के लिए जाना जाता है. समापन समारोह के मुख्य अतिथि अनुसंधान निदेशक डॉ. जेपीएस गिल ने सर्जरी के विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट कार्य की सराहना की जिसके कारण यह देश में शीर्ष स्थान बरकरार रख सका. डॉ. नवदीप सिंह ने बताया कि विभाग ने 32 प्रशिक्षण पाठ्यक्रम आयोजित किए हैं और विभिन्न राज्य पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों/राज्य कृषि विश्वविद्यालयों/आईसीएआर संस्थानों के 470 से अधिक सर्जनों/चिकित्सकों को अब तक प्रशिक्षित किया गया है.

डॉ. एसके इस प्रशिक्षण पाठ्यक्रम के समन्वयक महाजन और डॉ. पल्लवी वर्मा ने बताया कि प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान पंजाब, कर्नाटक, असम और पश्चिम बंगाल के विशेषज्ञों द्वारा 60 से अधिक व्याख्यान और व्यावहारिक प्रदर्शन की व्यवस्था की गई.डॉ. जे मोहिन्द्रू ने धन्यवाद ज्ञापित किया.

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