Home मछली पालन GADVASU को मछल-झींगा प्रोसेसिंग में मिली ये कामयाबी, घरेलू मछली की खपत बढ़ाने प्लान किया तैयार
मछली पालन

GADVASU को मछल-झींगा प्रोसेसिंग में मिली ये कामयाबी, घरेलू मछली की खपत बढ़ाने प्लान किया तैयार

नई दिल्ली. गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के मत्स्य पालन महाविद्यालय (सीओएफ) को मछली और झींगा प्रोसेसिंग, वैल्यू एडिशन और वेस्ट मूल्यांकन पर भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) द्वारा वित्त पोषित अपना तीसरा अनुभवात्मक शिक्षण कार्यक्रम (ईएलपी) मिला है. जिसकी लागत 34 लाख रुपये है. इस कार्यक्रम के तहत, मछली पालन विज्ञान ग्रेजुएट के छात्र मछली और शंख को मूल्यवर्धित मछली उत्पादों में प्रोसेस करने और प्रोसेसिंग वेस्ट से आर्थिक उप-उत्पाद विकसित करने के व्यावहारिक कौशल प्राप्त करेंगे, साथ ही संभावित रोजगार के लिए प्रबंधकीय विशेषज्ञता भी हासिल करेंगे.

डॉ. विजय कुमार रेड्डी, डॉ. सिद्धनाथ और एक सहयोगी वैज्ञानिक, डॉ. सरबजीत कौर की वैज्ञानिक टीम इस कार्यक्रम का संचालन करेगी.

क्या फायदा होगा
जहां तक क्षेत्रीय महत्व का सवाल है, राज्य में सुविधाजनक रेडी-टू-कुक या रेडी-टू-ईट पौष्टिक मूल्यवर्धित मत्स्य उत्पादों को बढ़ावा देकर घरेलू मछली की खपत को बढ़ावा दिया जाएगा.

मछली, शंख प्रोसेसिंग में कुशल मानव संसाधन की अनिवार्य रूप से जरूरत है, विशेष रूप से पंजाबियों के बीच बिना पकाए मछली उत्पादों की उच्च मांग और दक्षिण-पश्चिम पंजाब के अंतर्देशीय लवणीय क्षेत्रों में झींगा पालन के विस्तार के संदर्भ में.

कुलपति डॉ. जतिंदर पॉल सिंह गिल ने इस बात पर जोर दिया कि खाद्य क्षेत्र में कच्चे माल को टिकाऊ और उच्च मूल्य वाले उत्पादों में बदलने और कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए वैल्यू एडिशन बेहद जरूरी है.

उन्होंने आगे कहा कि मत्स्य पालन पेशेवरों को प्रोसेसिंग कौशल से लैस करने से उत्पादकों को लाभ बढ़ाने, उपभोक्ता माँगों को पूरा करने और उत्पादों की व्यापक उपलब्धता के साथ बाजार में लाभ प्राप्त करने में मदद मिलेगी. जिससे इस क्षेत्र के सतत विकास को बढ़ावा मिलेगा.

प्रोस्ट ग्रेजुएट अध्ययन विभाग के डीन डॉ. संजीव कुमार उप्पल ने इस कार्यक्रम के लिए कॉलेज को बधाई दी. उन्होंने बताया कि राज्य कृषि विश्वविद्यालयों में मछली पालन के बुनियादी ढाँचे के विकास, मजबूती में आईसीएआर का वित्तपोषण महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

मछली में कुछ बीमारियां ऐसी हैं जो पूरे मछली के बिजनेस को नुकसान पहुंचा सकती हैं.
मछली पालन

Fish Farming: तालाब में इन वजहों से ऑक्सीजन की हो जाती है कमी, मरने लगती हैं मछलियां

वहीं बरसात में तालाब में अमोनिया बनने लगती है. जब तालाब की...

for startups regarding validation of their products & services, access to funding, market linkages, technology adoption and sustainability concerns.
मछली पालन

Fish Farming: मछली पालन में ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो इन मछलियों को पालें

गौरतलब है कि मछली बेहतरीन काम है और इससे सालाना 4 से...

rohu fish
मछली पालन

Fish Farming: मछली पालन से कैसे 4 से 5 महीने में कमा सकते हैं 15 लाख रुपए, जानें यहां

उत्तर प्रदेश मछली पालन विभाग मुताबिक 4 से 5 महीने में लाखों...