Home पशुपालन Goat Farming: बकरियों को खिलाएं अरहर और मसूर का भूसा, गजब का मिलेगा फायदा, पढ़ें यहां
पशुपालन

Goat Farming: बकरियों को खिलाएं अरहर और मसूर का भूसा, गजब का मिलेगा फायदा, पढ़ें यहां

livestock animal news
चारा खाती बकरियों की तस्वीर.

नई दिल्ली. अगर आप पशुपालन का काम कर रहे हैं और उसमें अगर लागत को कम करने में कामयाब हो जाते हैं तो इससे फायदा ज्यादा मिलता है. पशुपालन में बकरी पालन वैसे भी फायदेमंद काम है और इसे कम लागत में भी पाला जा सकता है लेकिन अन्य पशुओं की तरह इस जानवर के भी खान-पान पर ज्यादा खर्च होता है. इसलिए बहुत से पशुपालक भाई इस काम को करके फायदा कमाना चाहते हैं. हालांकि यहां हमें इस बात का ध्यान रखना होगा कि पशुओं को उन्हीं चीजों को खिलाना है, जिससे उनकी तमाम जरूरतें पूरी हो जाएं. कहीं कम खर्च के चक्कर में कुछ ऐसी चीज ऐसी ना खिला दें, जिससे उनकी जरूरतें पूरी न हों और इससे उनके प्रोडक्शन पर असर पड़े.

आज के इस आर्टिकल में हम आपको बकरियों को ऐसा क्या खिलाया जाए, जिससे कि उनकी फार्मिंग पर लागत कम हो जाए, उसके बारे में बताने जा रहे हैं. इसके लिए आप मसूर का भूसा और अरहर का भूसा इस्तेमाल कर सकते हैं. जो बकरियों के लिए एक बेहतर चारा भी है और इससे बकरियां अच्छा प्रोडक्शन भी करती हैं. जबकि यह सस्ता भी मिलता है.

बकरियां करती हैं अच्छा प्रोडक्शन
एक्सपर्ट का कहना है कि इस वक्त मसूर और अरहर का भूसा सस्ती कीमतों पर उपलब्ध है. मार्च के महीने से ही मसूर का भूसा तो दो से ढाई रुपए किलो में आसानी से उपलब्ध हो जाता है. क्योंकि तब फसल की कटाई हुई होती है तो यह इस आसानी से उपलब्ध हो जाता है. वहीं अरहर का भूसा भी मार्च और अप्रैल से मिलने लगता है. अगर इन दोनों भूसे को आप स्टोर कर लेते हैं तो नवंबर तक यह आपको काम आएगा. सबसे अच्छी बात यह है कि इन दोनों ही भूसे को बकरियां बेहद ही चाव के साथ खाती हैं और इससे उन्हें फायदा भी होता है. बकरियां अच्छा प्रोडक्शन भी करती हैं.

बकरियों को मिलता है प्रोटीन, बढ़ता है दूध उत्पादन
अब बात आती है कि इन दोनों भूसे को खिलाने के फायदे की तो बता दें कि बकरी को मसूर और अरहर का भूसा खिलाने से उन्हें ऊर्जा मिलती है. अरहर मसूर का भूसा खाने से बकरियों का पेट ठीक रहता है. उनका वजन तेजी के साथ बढ़ता है. खासकर तब जब बकरियों के लिए हरे चारे की कमी हो जाती है. तब यह उनके लिए ज्यादा फायदेमंद होता है. यह दोनों भूसा बकरियों के लिए प्रोटीन का एक अच्छा सोर्स है, जो उनके विकास और स्वास्थ्य के लिए जरूरी है. यह भूसा बकरियों को आवश्यक जरूरी पोषक तत्व देता है, जो उनके स्वास्थ्य और दूध उत्पादन को बेहतर बनाने में मदद करता है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

अप्रैल महीने में भैंसे हीट में आती हैं और यह मौसम उनके गर्भाधान के लिए सही है. लेकिन इस बार अप्रैल के महीने में गर्मी अधिक है. ऐसे में गर्भाधान में प्रॉब्लम आ सकती है.
पशुपालन

Animal Husbandry: बरसात में पशुओं की देखरेख को लेकर पढ़ें ​सुझाव, जानें क्या करें क्या नहीं

पशुशाला में पशुओं के मल-मूत्र की निकलने का सही प्रबंधन करें. पशुशाला...

पशुपालन

Animal Husbandry: गोशाला खोलने के लिए जमीन देगी सरकार, सिंगल क्लिक में दिए 90 करोड़ रुपए

भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के तीन हितग्राहियों को प्रतीक स्वरूप ऋण स्वीकृति...