Home पशुपालन Goat Farming: यहां लोन पर मिलती हैं बकरियां, ब्याज में देने होते हैं मेमने, जानें अनोखे गोट बैंक के बारे में
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Goat Farming: यहां लोन पर मिलती हैं बकरियां, ब्याज में देने होते हैं मेमने, जानें अनोखे गोट बैंक के बारे में

Here goats are available on loan, lambs have to be given in interest, know about the unique Goat Bank. livestockanimalnews
लाभार्थियों के साथ बैंक संचालक नरेश देशमुख.

नई दिल्ली. पैसे जमा करने के लिए बैंक, ब्लड बैंक, रोटी बैंक का नाम तो सुना और उसे देखा भी होगा लेकिन क्या कभी गोट बैंक का नाम सुना है, नहीं न, चलो हम आज आपको इस बैंक के बारे में पूरी जानकारी मुहैया कराते हैं. ये बैंक कैसे काम करता है और किस तरह से महिलाओं को स्वावलंभी बनाने में लगा है. ये बैंक महाराष्ट्र के अकोला जिले में 52 साल के नरेश देशमुख नाम के किसान ने आज से पांच साल पहले खालाा था, जो आज पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. ये बैंक 10—12 हजार कीमत की बकरी को महज 1100 रुपये में देता है और ऋण के तौर पर पैसा नहीं बल्कि 40 महीनों में महज चार बच्चे लेता है. बैंक प्रत्येक व्यात पर डेढ़ माह का बच्चा लेता है. इससे बैंक और महिलाओं दोनों का लाभ होता है. बता दें कि ये 1100 रुपये आवेदक से बतौर एग्रीमेंट के तौर पर लिए जाते हैं.

सरकार भी प्रोत्साहित करने की बना रही योजना
गोट बैंक महिलाओं को स्वावलंभी बनाने में का काम कर रहा है. अकोला के 52 साल के किसान नरेश देशमुख का ये बैंक पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. इस बैंक में डिमांड विदर्भ, खानदेश और पश्चिमी महाराष्ट्र के अलग—अलग जिलों से आने लगी है. इतना ही नहीं ठाणे जिले की पालघर, नंदुरबार, जलगांव, नागपुर और हिंगोली जिले के लोग गोट बैंक से बकरियां ले भी गए हैं. इस बैंक की सकारात्मका को देखते हुए प्रदेश सरकार भी इस बैंक को प्रोत्साहित करने के लिए योजना बना रही है. ऐसी बकरियों को रोजगार के ल‍िए महिलाओं को देने की बात चल रही है.

अब तक 1100 बकरियां दी जा चुकी हैं
गोट बैंक के संचालक किसान नरेश देशमुख से जब इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया कि इस बैंक के मकसद को देश के हर गांव-शहर तक ले जाना है. कोशिश की जा रही है कि हर जिले, हर तहसील और ग्राम पंचायत स्तर पर ऐसे गोट बैंक खोलने की योजना है. उन्होंने बताया कि ठाणे जिले के पालघर, अमरावती, हिंगोली, बुलढाणा और जलगांव जिले में इस साल इस बैंक ने 1100 से अधिक गर्भवती बकरियां दी हैं. अगर बैंक को लाभ की बात करें तो बैंक को 40 महीने में बतौर ऋण 4400 बकरियां म‍िल जाएंगी.

क्या है बैंक से लाभ लेने की प्रक्रिया
बैंक संचालक नरेश देशमुख बताते हैं कि बैंक से लाभ लेने के लिए बहुत ज्यादा शर्तें नहीं हैं. बकरी लेने के लिए आवदेनकर्ता को सिर्फ 1100 रुपये जमा कराने होते हैं. एक बॉड भरकर प्रेगेंट बकरी दी जाती है. मगर, जब बकरी के व्यात पर लाभार्थी बैंक को एक—डेढ़ माह बाद एक बच्चा बतौर ऋण के तौर पर देनार पड़ेगा. बकरी साल में दो बार बच्चे देती है. यानी एक साल में चार बच्चे बैकरी देती है तो उसे बैंक को दो बच्चे लौटाने होंगे. बैंक की शर्त है कि 40 महीनों में इस प्रेग्नेंट बकरी के 4 मेमने उन्हें सूद के तौर पर लौटाने होंगे.

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