नई दिल्ली. बहुत से पशुपालक भाई अपने पशुओं के साथ कई एक्सपेरिमेंट करते हैं. जिससे उन्हें फायदा भी मिलता है. उनका पशु तंदुरुस्त हो जाता है और बेहतर उत्पादन करता है. अगर आप बकरी पालक हैं तो क्या आपने कभी अपनी बकरियों को मक्खन या देसी घी खिलाया है. जी हां, आपने सही पढ़ा. अगर आप अपनी बकरियों को देसी घी और मक्खन खिलाते हैं तो उन्हें इसके कई फायदे मिलते हैं. बकरियों की तेजी के साथ ग्रोथ होती है. बहुत से पशुपालक भाई कुछ खास मौके पर बकरियों को मक्खन और देसी घी खिलाते हैं.
एक्सपर्ट का कहना है कि अगर गाभिन बकरी को देसी घी और मक्खन खिलाया जाए तो बकरियों को बच्चा पैदा करने में आसानी होती है. आइए जानते हैं कि मक्खन और देसी घी कब खिलाना चाहिए और इसके क्या फायदे हैं.
कब खिलाना चाहिए देसी घी और मक्खन
एनिमल एक्सपर्ट का कहना है कि अगर गर्मी के दिनों में गाभिन बकरियों को आधा किलो मक्खन खिला दें तो इससे जब बकरी को जब बच्चा पैदा होने वाला होगा तब इस समय होने वाली तमाम मुश्किलें दूर हो जाएंगी. वहीं बकरी आसानी के साथ बच्चा पैदा कर पाएगी लेकिन ध्यान रखने वाली बात यह है कि जब बकरी 4 महीने की गाभिन हो जाए तब बकरी को आधा किलो की मात्रा में मक्खन खिलाना है. वहीं ठंड के मौसम में चार महीने की गाभिन बकरी को देसी घी खिलाया जा सकता है. इस दौरान देसी खिलाने से बकरियां को बच्चा पैदा करने में आसानी होती है.
देसी घी और मक्खन खिलाने के फायदे
अगर ऐसे भी बकरियों को आप मक्खन खिलाते हैं तो उन्हें अतिरिक्त ऊर्जा मिलती है. इससे वसा भी मिलती है. उनकी ग्रोथ होती है और वजन तेजी से बढ़ता है. खासतौर पर बकरों को मक्खन खिला सकते हैं. दूध उत्पादन बढ़ाने में भी मक्खन फायदेमंद है. मक्खन में मौजूद विटामिन और खनिज भी उनकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है. बता दें कि मक्खन से बकरियों को विटामिन ए, डी, ई और बी12 जैसे पोषक तत्व मिलते हैं. वहीं अगर आप बकरी और बकरों को देसी घी खिलाते हैं तो उनकी शारीरिक वृद्धि होती ऊर्जा स्तर बढ़ता स्वास्थ्य में सुधार होता है. घी में पोषक तत्व होते हैं, जो बकरियों के शरीर के लिए जरूरी होता है. घी बकरियों के शरीर में चर्बी जमा करता है. जिससे उनका वजन बढ़ता है और वह फुर्ती के लिए होता है. ये बकरियों को ऊर्जा प्रदान करता है, जिससे वह अधिक समय तक सक्रिय रह सकती हैं.
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