Home पशुपालन Goat Farming: बकरी को किस स्टेज में कितने चारे की होती है जरूरत, इन चार प्वाइंट्स में पढ़ें
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Goat Farming: बकरी को किस स्टेज में कितने चारे की होती है जरूरत, इन चार प्वाइंट्स में पढ़ें

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फार्म पर चारा खाते बरबरे बकरे

नई दिल्ली. बकरियों की तमाम अवस्था में उनकी पोषण आवश्यकतायें अलग-अलग होती है. बकरियों के लिये दाना मिश्रण की बात हो या फिर कुछ और. एक्सपर्ट के मुताबिक बकरियों के लिये न केवल दाने की मात्रा बल्कि इसकी गुणवत्ता इनके उत्पादन को प्रभावित करती है. यदि बकरियों को अच्छी गुणवत्ता वाला दहलनी हरा चारा या दलहनी चारे से बनी ‘हे’ उचित मात्रा में उपलब्ध है तो इससे उत्पादन बेहतर मिल सकता है. वहीं दाने के मिश्रण में केवल अनाज जैसे जौ, बाजरा, मक्का, ज्वार, गेहूँ, जई आदि ही पर्याप्त है.

एक्सपर्ट कहते हैं कि अच्छी गुणवत्ता वाला दलहनी हरा चारा या इससे बनी हुई ‘हे’ उपलब्ध नहीं है तब बकरी के दाने के मिश्रण में उचित मात्रा में खल का मिलाना आवश्यक है. जिससे कि पोषण में प्रोटीन एवं ऊर्जा का उचित संतुलन रहे. इसके अतिरिक्त दाने के मिश्रण में 1.5 प्रतिशत नमक एवं 1.5 प्रतिशत खनिज लवण मिलाना आवश्यक है.

  • शुष्क बकरियां इस प्रकार की बकरियों को प्रतिदिन लगभग 500 ग्राम दहलनी या 1.0 किलोग्राम अदलहनी हरा चारा, 500-600 ग्राम दलहनी भूसा तथा लगभग 100 ग्राम दाना मिश्रण की आवश्यकता होती है.
  • दूध देने वाली बकरियां दूध देने वाली बकरियों को दलहनी हरा चारा कम से कम एक किलोग्राम प्रति बकरी प्रति दिन के हिसाब से अवश्य दें. यदि हरा दलहनी चारा उपलब्ध नहीं है तो उस दशा में बकरियों को दलहनी चारे से बनी हुई ‘हे’ खिलाकर उनकी पोषण आवश्यकताओं को पूरा किया जा सकता है. इसके अतिरिक्त प्रति किलो दूध उत्पादन के लिये 200-250 ग्राम दाना प्रति बकरी प्रति दिन देना चाहिए.
  • गर्भित बकरियाँ गर्भित बकरियों को ब्याने से लगभग 45 दिन शेष रहने के समय से प्रतिदिन 300-400 ग्राम अतिरिक्त दाने की आवश्यकता होती है. इससे बकरी से पैदा होने वाले बच्चे का जन्म के समय सामान्य वजन होगा, बकरी से दूध उत्पादन उपयुक्त मात्रा में होगा तथा दूध देते समय बकरी का स्वास्थ्य एवं वजन ठीक रहेगा. गर्भित बकरियों के पोषण के बारे में एक महत्वपूर्ण बात और ध्यान में रखनी चाहिए कि बकरी के ब्याने के 40-45 दिन पूर्व से गर्भाशय का आकार बढ़ने के कारण रूमन पर दबाव पड़ता है जिससे बकरी के आहार ग्रहण करने की क्षमता सामान्य से कम हो जाती है. अतः इस समय दिये जाने वाले चारे एवं दाने की गुणवत्ता उच्च कोटि की होनी चाहिए जिससे कि सामान्य से कम आहार ग्रहण करने के बावजूद भी बकरी की पोषण आवश्यकतायें पूरी हो सकें.
  • प्रजनक बकरों का पोषण- प्रजनन के लिये प्रयोग में लाये जाने की स्थिति में सामान्य पोषण (हरा चारा, दलहनी भूसा एवं 200-250 ग्राम दाना मिश्रण) के अतिरिक्त 400-500 ग्राम दाना मिश्रण प्रति बकरा प्रतिदिन के हिसाब से दिया जाना चाहिए. वर्ष के आखिरी बचे समय में सामान्य पोषण ही पर्याप्त होता है.

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