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Animal News: गाय-भैंस को सर्द मौसम से बचाने के लिए कैसा होना चाहिए शेड, क्या खिलाना है ये भी जानें

दुधारू पशुओं के बयाने के संकेत में सामान्यतया गर्भनाल या जेर का निष्कासन ब्याने के तीन से 8 घंटे बाद हो जाता है.
गाय-भैंस की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. ठंड का मौसम करीब है. ऐसे में जरूरी है कि गाय-भैंस को सर्द मौसम से बचाने के लिए अभी से तैयारियां शुरू कर दी जाए. अगर अभी से तैयारी नहीं की गई तो फिर ठंड की वजह से पशुओं को परेशानी हो सकती है. हो सकता है इससे उनकी तबीयत खराब हो जाए और प्रोडक्शन पर असर पड़े. इसलिए बेहद ही जरूरी है कि ठंड के लिहाज से शेड को बनाया जाए. या शेड बना है तो उसमें ठंड से बचाव के तमाम उपाय किये जाएं. ऐसे करने से पशुओं को ठंड से बचाया जा सकता है और उन्हें किसी भी तरह कोई दिक्कत नहीं होगी.

एक्सपर्ट का कहना है कि गाय-भैंस को पालने वाले लोगों को शेड में कुछ जरूरी बदलाव करने चाहिए. मसलन शेड के अंदर सुबह के वक्त अच्छी धूप आए, ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए. रात में ठंडी हवाएं चलती हैं, इन हवाओं से पशुओं को बचाने के लिए खिड़की दरवाजे पर टाट आदि लगा देना चाहिए, ताकि हवाओं को रोका जा सके. वहीं पशुओं के शेड में ताजा पानी की व्यवस्था होनी चाहिए उन्हें पानी पिलाया जाए लेकिन ये ध्यान दिया जाए कि पानी ठंडा नहीं होना चाहिए. इसके अलावा भी कुछ जरूरी चीजें हैं, जिन्हें ठंड के मौसम के लिहाज से करना जरूरी हैं.

कैसा होना चाहिए शेड, पढ़ें यहां
पशु शेड का निर्माण हमेशा ही जलवायु के मुताबिक होना चाहिए.
शेड में मौसम के हिसाब से बदलाव किए जाएं इस तरह से उसे डिजाइन करना चाहिए.
पशु शेड तीन तरफ से कम से कम 5 फीट ऊंची दीवार से घिरा होना चाहिए.
ऐसा शेड बनाया जाए, जिससे पर्दे लगाकर ढाका जा सकता है.
फार्म में गर्म हवा के लिए ब्लोअर या रेडिएटर का इस्तेमाल करना चाहिए.
शेड में रोशनी की व्यवस्था भी हर हाल में होनी चाहिए.
पशुओं के दूध निकालने की जगह अलग रखने का फायदा मिलता है.

यह काम भी जरूर करें पशुपालक
पशुओं को हरा चारा भरपूर मात्रा में सुखा कर देने से फायदा होता है.
देर शाम में पशुओं को हरा चारा खाने के लिए देना चाहिए.
जब भी पशुओं को पानी दिया जाए, उन्हें गर्म कर कर पानी पिलाएं.
कोशिश करें कि पशुओं को मोटे कपड़े और बोरे आदि से ढककर रखें.
पशुओं को खली और गुड़ भी खिलाना चाहिए.
पशुओं के पेट के कीड़े मारने वाली दवा खिलाने से फायदा होता है.
पशुओं को टीका भी जरूर लगवा दें.
मक्खी मच्छर से बचने के लिए बड़े में लैमनग्रास की व्यवस्था की जा सकती है.

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