नई दिल्ली. ग्रामीण अंचलों में पशुपालन सेक्टर से जुड़कर हजारों किसान अब दोहरी आय हासिल कर रहे हैं. एक तो खेती किसानी से उन्हें जो फायदा हो ही रहा है. इसके साथ ही पशुपालन से भी किसानों को फायदा मिल रहा है. जब खेती किसानी में नुकसान होता है तो पशुपालन से किसान उसकी भरपाई कर लेते हैं. हालांकि पशुपालन करने में भी कई बातों का ध्यान रखना जरूरी होता है. यदि ऐसा नहीं ध्यान दिया गया तो इसमें भी नुकसान होने की गुंजाइश रहती है. खास करके पशु के आहार से जुड़ी सावधानी अपनाना बहुत जरूरी है.
हम यहां बात कर रहे हैं भैंस के आहार की. भैंस को पशुपालक ऐसा क्या खिलाएं, जिससे वह हेल्दी रहे और ज्यादा उत्पादन करे. भैंस को दिया जाने वाले आहार में क्या-क्या खिलाया जाए, जिससे भैंस की तमाम जरूरत पूरी हो जाएं. उन्हें प्रोटीन भी मिले और उन्हें तमाम जरूरी तत्व मिल जाएं. आइए आपको यहां 12 पॉइंट्स में इसे समझाते हैं. अगर इन टिप्स को अपने फॉलो कर लिया तो आपका पशु सेहतमंद भी होगा और ज्यादा प्रोडक्शन भी करेगा.
- आहार संतुलित होना चाहिए. इसके लिए दाना मिश्रण में प्रोटीन तथा ऊर्जा के स्रोतों एवम् खनिज लवणों का समुचित समावेश होना चाहिए.
- आहार स्वादिष्ट व पौष्टिक होना चाहिए और इसमें किसी भी तरह की बदबू नहीं आनी चाहिए.
- दाना मिश्रण में अधिक से अधिक प्रकार के दाने और खलों को मिलाना चाहिए. इससे दाना मिश्रण की गुणवत्ता तथा स्वाद दोनों में बढ़ोतरी होती है.
- आहार आसानी से पचने वाला हो. कब्ज करने वाले या दस्त करने वाले चारे/को नहीं खिलाना चाहिए.
- भैंस को भरपेट चारा खिलाना चाहिए. भैसों का पेट काफी बड़ा होता है और पेट पूरा भरने पर ही उन्हें संतुष्टि मिलती है. पेट खाली रहने पर वह मिट्टी, चिथड़े व अन्य अखाद्य एवं गन्दी चीजें खाना शुरू कर देती हैं. जिससे पेट भर कर वह संतुष्टि का अनुभव कर सकें.
- उम्र व दूध उत्पादन के हिसाब से प्रत्येक भैंस को अलग-अलग खिलाना चाहिए ताकि जरूरत के अनुसार उन्हें अपनी पूरी खुराक मिल सके.
- भैंस के आहार में हरे चारे की मात्राा अधिक होनी चाहिए.
- भैंस के आहार को अचानक नहीं बदलना चाहिए. यदि कोई बदलाव करना पड़े तो पहले वाले आहार के साथ मिलाकर धीरे-धीरे आहार में बदलाव करें.
- भैंस को खिलाने का समय एक तय करें. इसमें बार-बार बदलाव न करें. आहार खिलाने का समय ऐसा रखें जिससे भैंस अधिक समय तक भूखी न रहे.
- दाना मिश्रण ठीक प्रकार से पिसा होना चाहिए. यदि साबुत दाने या उसके कण गोबर में दिखाई दें तो यह इस बात को इंगित करता है कि दाना मिश्रण ठीक प्रकार से पिसा नहीं है तथा यह बगैर पाचन क्रिया पूर्ण हुए बाहर निकल रहा है लेकिन यह भी ध्यान रहे कि दाना मिश्रण बहुत बारीक भी न पिसा हो. खिलाने से पहले दाना मिश्रण को भिगोने से वह सुपाच्य तथा स्वादिष्ट हो जाता है.
- दाना मिश्रण को चारे के साथ अच्छी तरह मिलाकर खिलाने से कम गुणवत्ता व कम स्वाद वाले चारे की भी खपत बढ़ जाती है. इसके कारण चारे की बरबादी में भी कमी आती है. क्योंकि भैंस चुन-चुन कर खाने की आदत के कारण बहुत सारा चारा बरबाद करती है.
- सबसे जरूरी बातों ये भी शामिल है कि भैंस का चारा सस्ता होना चाहिए. क्योंकि अगर चारा सस्ता होगा तो आपको फायदा ज्यादा होगा. हालांकि ये भी ध्यान दें कि सस्ते के चक्कर में उसे ऐसा चारा न खिलाएं जो उसके शरीर के लिए फायदेमंद न हो.
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