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Dairy Farming: दूध की बंपर कमाई के लिए पशुपालक अपनाएं ये नुस्खा, फैट और एसएनएफ भी बढ़ेगा

दुधारू पशुओं के बयाने के संकेत में सामान्यतया गर्भनाल या जेर का निष्कासन ब्याने के तीन से 8 घंटे बाद हो जाता है.
गाय-भैंस की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. हर पशु पालने वाले किसान की यह इच्छा होती है कि उसे दूध बेचकर ज्यादा कमाई हो. यही वजह है कि पशुपालक हमेशा ही दूध उत्पादन ज्यादा से ज्यादा हो इसको लेकर तमाम कोशिश नहीं करते रहते हैं. हालांकि बहुत कम लोगों को यह पता होगा कि अगर पशु दूध कम दें लेकिन इसकी क्वालिटी अच्छी हो तो फिर भी पशुपालक इससे अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इसलिए पशु पालने वाले किसानों को हमेशा इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि पशु जो दूध दे रहा है वह गुणवत्ता से भरपूर हो, न कि ज्यादा हो. आईए जानते हैं इसका तरीका क्या है.


एक्सपर्ट के मुताबिक पशुपालक भाई दूध की गुणवत्ता को बेहतर करके ज्यादा आय आर्जित कर सकते हैं. गाय या भैंस के दूध में फैट और एसएनएफ होता है. या जितना ज्यादा होता है दूध की गुणवत्ता इतनी ज्यादा अच्छी मानी जाती है. इसके अलावा अधिक फैट और एसएनएफ के दूध से बनी सामग्री की गुणवत्ता भी बेहतर हो जाती है, लेकिन ज्यादातर पशुपालकों को इस बात की जानकारी नहीं होती है. पशुपालकों को इस बात की जरूर जानकारी होगी कि गाय का दूध पतला और भैंस का दूध मोटा होता है. इसलिए भी क्योंकि गाय के दूध में कम फैट पाया जाता है, इसमें 90 प्रतिशत तक पानी होता है. वही भैंस के दूध में फैट ज्यादा होता है, इसमें कार्बोहाइड्रेट की मात्रा भी ज्यादा होती है.

क्या होता है एसएनएफ: इसके अलावा आंकड़े की मानें तो गाय के दूध में चार से पांच प्रतिशत फैट पाया जाता है. जबकि भैंस के दूध में 6 से 10 फ़ीसदी तक फैट होता. दूध के अंदर पानी और ​बैटरफैट के अलावा जो पदार्थ होते हैं उन्हें एसएनएफ सोलिड नॉन फैट कहते हैं. दूध की गुणवत्ता को बेहतर करने में यह पदार्थ आवश्यक माने जाते हैं. एसएनएफ में विटामिन लैक्टोज और खनिज पदार्थ भी शामिल होता है. गाय के दूध में अमूमन और एसएनएफ 5 फीसदी तक होता है. जबकि भैंस के दूध में 9 प्रतिशत तक एसएनएफ की मात्रा होती है.

इस तरह देना चाहिए चारा: गाय भैंस को पालने वाले पशु पालक अक्सर दूध के अंदर फैट और एसएनएफ को बढ़ाने के लिए हरे चारे की मात्रा को बढ़ा देते हैं. जबकि यह पूरी तरह से विपरीत असर करता है. गाय या भैंस का हरा चारा अधिक मात्रा में देने से उनकी दूध देने की क्षमता तो बढ़ जाती है लेकिन दूध से फैट और एसएनएफ काम हो जाता है. वहीं पशुओं को सूखा चारा देने से दूध में फैट और एसएनएफ की मात्रा बढ़ जाती है, लेकिन पशु की दूध देने की क्षमता कम हो जाती है. ऐसे में पशुपलकों को 60 प्रतिशत हरा चारा और 40 प्रतिशत सूखा चारा देना चाहिए. इस तरह पशु को चार देने से दूध की गुणवत्ता बेहतर होगी और पशु दूध भी सही मात्रा में देगा.

उन्नत नस्ल के पशुओं को खरीदें: कई बार दूध में फैट और एसएनएस की मात्रा कितनी होगी या गाय भैंस की नस्ल पर भी निर्भर करता है. ऐसे में अगर आप चाहते हैं कि दूध और फैट एसएनएफ का स्तर अधिक से अधिक हो तो सबसे जरूरी है की उन्नत नस्ल वाली गाय−भैंस खरीदें. इसके अलावा अगर आपके पास कोई भैंस और गाय है तो उन्हें सही मात्रा में आहार दें. इससे फैट और एसएनएफ को बढ़ाया जा सकता है. इससे आपको दूध की क्लवालिटी बेहतर मिलेगी और इसका दाम भी बहुत अच्छा मिलेगा. क्योंकि जब दूध की क्वालिटी अच्छी होगी तो दूध से बनने वाली समग्री भी अच्छी बनेगी. जाहिर ऐसे में पशुपालकों को फायदा तो होना ही है.

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