नई दिल्ली. जैसे-जैसे मछलियों की मांग बढ़ती जा रही है उसी तरह मछली पालन कमाई का बेहतरीन जरिया बनता चला जा रहा है. बहुत से ऐसे किसान हैं जिनके पास खेती योग्य जमीन नहीं है तो वह खेती से ज्यादा कमाई नहीं कर पा रहे हैं. उनके लिए मछली पालन एक बेहतरीन जरिया साबित हो सकता है. हालांकि उन्हें पता होना चाहिए कि किन मछलियों को पालने से ज्यादा मुनाफा होता है और उसके लिए नर्सरी, तालाब की क्या जरूरत होती है. देश में कुल मछली उत्पादन में 86 फ़ीसदी हिस्सा कार्प मछलियों का है. इसकी वजह इन मछलियों का पालन आसान होता है. इसके अलावा इनका वजन तेजी से बढ़ता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता भी ज्यादा होती है. इसके अलावा अगर किसान मछली पालन से ज्यादा मुनाफा कमाना चाहते हैं तो उन्हें मछलियों के बीज के संचयन का समय और नर्सरी तालाब प्रबंधन के बारे में भी जानकारी होना चाहिए.
ज्यादा उत्पादन के लिए इस बीज का करें संचयन
कार्प मछली जून जुलाई के महीने में प्रजनन करती है. ऐसे में जून अगस्त के बीच में बीज संचित करने से उन्हें विकास के लिए कम वक्त मिलता है. क्योंकि 4 से 5 महीने बाद सर्दियों का मौसम शुरू हो जाता है. जिसमें मछलियों का विकास काम होता है. जबकि इसके विपरीत अप्रैल में बीज संचयन किया जाए चाहे तो मछलियों के विकास के लिए 8 महीने यानी अप्रैल से नवंबर तक का समय मिल जाता है. इससे कम समय में ज्यादा उत्पादन होता है. मछली पलकों को मछलियों के ज्यादा उत्पादन के लिए फिंगरलिंग साइज के बीजों का भी संचयन करना चाहिए.
बीज डालने का सही समय क्या है
नर्सरी तालाब में स्पर्म संचयन करने के सही तरीके के बारे में बात की जाए तो स्पर्म के बैग को तालाब के पानी की सतह के ऊपर 20 से 30 मिनट के लिए बिना खोले रखें. जिससे बैग का तापमान तालाब के पानी के तापमान के बराबर हो जाए. इसके बाद बैग को खोलकर उसके किनारे मोड़ दें. जिससे तालाब का पानी उसमें भर जाए. फिर धीरे-धीरे बैग के मुंह को पानी के नीचे दबा दें. ताकि बैग में आसानी से पानी में जा सके और बीज को नुकसान न पहुंचे. नर्सरी तालाब का विकल्प होने पर कार्प मछली पालक सही समय पर यानी मार्च अप्रैल में तालाब में प्रति एकड़ 4000 से 5000 की दर से मछली बीज का संचयन कर सकते हैं. तालाब में मछलियों को डालने के बाद बचे हुए मछलियों के बीज को दोबारा संग्रहित करके आगे भी उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं.
बीज डालने वक्त क्या-क्या सावधानी बरतें
नर्सरी तालाब में मछलियों को जीवित रखने की दर बढ़ाने के लिए इन बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है कि मछली का बीज विश्वसनीय स्रोत से ही खरीदें. ताकि गुणवत्ता वाले बीजों की संचित करके अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके. बीज की पैकिंग करने से 1 दिन पहले उसे आहार देना बंद कर दें. ताकि पैकिंग के करते समय पेट पूरी तरह से खाली रहे. ऐसा न हो अपने पर धुलाई के दौरान उनके मल मूत्र से पैकिंग के बैग का पानी खराब हो सकता है. जिससे मछली बीज की मौत भी हो सकती है. मछली तालाब तक बीज की धुलाई सुबह या शाम के समय ही की जानी चाहिए ताकि उन्हें अधिक तापमान से बचाया जा सके. दोपहर के समय तापमान अधिक होने पर उनके करने का जोखिम ज्यादा बढ़ जाता है. पैकिंग की धुलाई के समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि मछलियों को चोट ना लगे और ना ही तनाव हो वरना तालाब के वातावरण में जिंदा रहने की संभावना कम हो जाती है. तनाव क्रश मछली आसानी से रोग ग्रस्त हो जाती हैं. मछली बीज को वैज्ञानिकों की सलाह के मुताबिक ही तालाब के नए वातावरण में डालकर संचित किया जाना चाहिए. ताकि बीज के जीवित रहने की दर ज्यादा हो सके.
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