नई दिल्ली. जब भी त्योहार का सीजन नजदीक आता है तो इस बात की चर्चा शुरू हो जाती है कि डेयरी प्रोडक्ट में मिलावट की जा रही है. मसलन, डेयरी प्रोडक्ट से बनी मिठाइयों में मिलावट शुरू हो गई है. खोया मिलावटी है, पनीर मिलावटी है और घी मिलावटी है. हालांकि जब तक साइंटिफिक तरीके से इसकी जांच ना की जाए तो सौ फीसद यकीन से ये नहीं कहा जा सकता है कि दूध या अन्य डेयरी प्रोडक्ट मिलावटी हैं. हालांकि कुछ ऐसे तरीके जरूर हैं, जिन्हें फॉलो करके दूध के बारे में पताया लगाया जा सकता है कि ये मिलावटी है या फिर सही है. इसमें ग्राहकों की जागरूकता भी बेहद जरूरी है. क्योंकि सरकार की तरफ से कई कदम उठाए जाने के बावजूद भी मिलावट की बातें सामने आती रहती हैं.
आपको बताते चलें कि डेयरी कंपनियां भी दूध की क्वालिटी चेक करती हैं लेकिन उनके पास इसके लिए कई नई टेक्नोलॉजी की मशीनें होती हैं. आनंदा डेयरी के एमडी राधेश्याम दीक्षित ने बताया कि डेयरी कंपनी जब किसानों से दूध कलेक्ट करती है तो प्रॉपर कंप्यूटर सिस्टम लगाकर दूध का वजन और क्वालिटी की टेस्टिंग करती हैं. क्वालिटी टेस्ट होने के बाद उस दूध को चिलिंग सेंटर पर लाया जाता है. वहां पर तय डिग्री टेंपरेचर ठंडा किया जाता है. उसके बाद फैक्ट्री में ले जाया जाता है. बता दें कि तकरीबन 17 तरह के टेस्ट चिलिंग प्लांट पर 40 प्रकार की टेस्टिंग फैक्ट्री में की जाती है. इस पूरे प्रोसेस के बाद पता चल जाता है कि दूध में मिलावट है कि नहीं. इसके बाद कस्टमर के लिए इससे पनीर, घी और अन्य डेयरी प्रोडक्ट बनाया जाता है और उसे मार्केट में बेचा जाता है.
कैसे कस्टमर चेक करें क्वालिटी
हालांकि कस्टमर भी दूध की क्वालिटी घर पर ही चेक कर सकते हैं. इसके लिए सबसे पहले कस्टमर की जागरूकता जरूरी है.
कस्टमर को कुछ घरेलू टिप्स के जरिए ही कंपनी का दूध या फिर डेयरी किसान से लिया गया दूध चेक जरूर कर लेना चाहिए.
हलवाइयों का तरीका भी अपनाया जा सकता है. इस तरीके के मुताबिक सबसे पहले दूध का मावा बनाएं. अगर 1 लीटर दूध में 220 से 250 ग्राम मावा बन रहा है तो यह दूध ठीक माना जाता है.
दूसरे तरीके की बात की जाए तो दही जमाकर दूध की क्वालिटी को चेक किया जा सकता है. अगर चक्का दही जम रहा है तो इसका मतलब की दूध ठीक है.
अगर दूध को चेक करना चाहते हैं तो गर्म करने के बाद उसमें नींबू डालें और अगर दूध फट जा रहा है तो यह दूध सही माना जाएगा. अगर कुछ और मिला होगा तो दूध फटेगा नहीं.
हर घर में टेस्टिंग किट लेना आसान नहीं है. देश में 150 करोड़ की आबादी में हर जगह टेस्टिंग किट से जांच संभव नहीं है.
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