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Disease: मुंह में छाले और शरीर का अंग बाहर आने की देशी दवा बनाएं और घर पर करें पशुओं का इलाज

langda bukhar kya hota hai
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. पशुपालन में पशुओं को कई तरह की बीमारियों का सामना करना पड़ता है. इन बीमारियों का अगर वक्त रहते इलाज न किया जाए तो इससे पशुओं को बेहद गंभीर समस्याएं हो जाती हैं. पशुओं का उत्पादन तो घटता ही है, साथ ही उनकी सेहत भी खराब हो जाती है. इन दोनों ही कंडीशन में पशुपालक को नुकसान उठाना पड़ता है. पशुपालक कभी भी नहीं चाहते हैं कि उनका पशु बीमार पड़े लेकिन कई बार जानकारी के अभाव में भी पशु बीमार हो जाते हैं. अगर पशुपालकों को बीमारियों की जानकारी रहे और उनके बचाव का तरीका पता रहे तो पशुओं को बीमार होने से बचाया जा सकता है.

बात की जाए शरीर के अंग बाहर यानी फूल दिखाने की और खुरपका-मुंहपका रोग में मुंह के छाले पड़ने की तो यह दोनों ही परेशानियां पशुओं के लिए तकलीफदेह है. शरीर का अंग बाहर आ जाने पर ग्वारपाठा, जेल, हल्दी पाउडर छुई मुई की पत्तियों से घर पर ही पशुओं का इलाज किया जा सकता है. जबकि खुरपका-मुंहपका रोग में मुंह के छाले हो जाने पर जीरा, लहसुन, मेथी दाना, हल्दी पाउडर, नारियल, गुड़ और काली मिर्च का इस्तेमाल करके दवा तैयार की जा सकती है. इस दवा से बीमारी का इलाज किया जा सकता है. इन दोनों परंपरागत तरीकों को राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) ने बताया है.

शरीर का अंग बाहर आने की दवा कैसे करें तैयाार
शरीर का अंग बाहर आने पर दवा बनाने के लिए ग्वारपाठा जेल, १ पूरी पत्ती से निकला हुआ, हल्दी- 1 चुटकी और छुईमुई की पत्तियां 2 मुठ्ठी लेनी होती है. 1 पूरा ग्वारपाठा पत्ती से जेल निकाल लीजिये. इसे चिपचिपापन हटने तक बार बार धोएं. फिर पानी मिलाकर आयतन 1 लीटर करें. अब इसमें एक चुटकी हल्दी पाउडर मिलाकर आधा रहने तक उबालें और फिर ठंडा कर लें. छुईमुई की पत्तियों को अलग से पीसकर पेस्ट बना लें. लगाने के लिए बाहर निकले हुए अंग/हिस्से को ठीक से साफ कर लें. बाहर निकले हिस्से पर इस जेल को छिड़कें. जेल के सूख जाने पर बाहर निकले हिस्से पर छुईमुई की पत्तियों का पेस्ट लगाएं. जब तक अंग अंदर नहीं चला जाये, यह प्रयोग दोहराते रहें.

मुंह के छाले के लिए एक दिन की दवा करें तैयार
एक दिन की दवा तैयार करने के लिए जीरा 10 ग्राम, मेथीदाना-10 ग्राम, काली मिर्च-10 ग्राम, हल्दी पाउडर-10 ग्राम, लहसुन-4 कलियां, नारियल 1 नग और गुड़ 120 ग्राम ले लें. तैयार करने के लिए जीरा, मेथी और काली मिर्च को 20-30 मिनट के लिए पानी में भिगो दें. सभी सामग्रियों को बारीक पीसकर पेस्ट बना लें. एक सम्पूर्ण नारियल के बुरादे को इस मिश्रण में हाथ से मिलाएं. हर बार प्रयोग के लिए इस मिश्रण को ताजा बनाएं. इस मिश्रण को मुंह के अंदर जुबान और तालू पर धीरे-धीरे लगाएं. इस विधि को दिन में तीन बार 3-5 दिनों तक प्रयोग करें.

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