नई दिल्ली. पशुधन सेक्टर सालदर साल ग्रोथ करता जा रहा है. सरकार की ओर से जारी किए गए ताजे आंकड़े भी इसकी गवाही दे रहे हैं. पशुपालन सेक्टर के उछाल के बारे में केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन ने बताया कि पशुधन क्षेत्र भारतीय अर्थव्यवस्था में कृषि का एक महत्वपूर्ण उपक्षेत्र है. साल 2014-15 से वर्ष 2022-23 के दौरान 9.82 फीसदी की सीएजीआर से बढ़ा और यह देश के सबसे तेजी से बढ़ते क्षेत्रों में से एक बना गया है. उन्होंने बताया कि कुल कृषि और इससे जुड़े क्षेत्र के जीवीए में पशुधन का योगदान साल 2014-15 में 24.36 प्रतिशत से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 30.22 फीसदी हो गया है.
उन्होंने अपने बयान में कहा कि राष्ट्रीय खाता सांख्यिकी 2024 के अनुसार पशुधन क्षेत्र ने वर्ष 2022-23 में कुल जीवीए का 5.5 फीसदी योगदान दिया है. पशुधन क्षेत्र का उत्पादन मूल्य वर्ष 2022-23 के दौरान चालू मूल्य पर 17.25 लाख करोड़ रुपये यानि 205.81 बिलियन अमेरिकी डॉलर है. अकेले दूध के उत्पादन की बात की जाए तो 11.16 लाख करोड़ रुपये यानि 133.16 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक है जो कृषि उपज में सबसे अधिक है. ये धान और गेहूं के संयुक्त वैल्यू से भी अधिक है.
दूध उत्पादन 125 फीसदी की ग्रोथ
उन्होंने बताया कि दूध उत्पादन की वैल्यू में बहुत ज्यादा ग्रोथ हुई है, जो वर्ष 2014-15 में 4.96 लाख करोड़ रुपये से 125 फीसदी बढ़कर वर्ष 2022-23 में 11.16 लाख करोड़ रुपये हो गया है. आगे कहा कि पशुपालन क्षेत्र 100 मिलियन से अधिक ग्रामीण परिवारों को आजीविका सहायता प्रदान करता है. पिछले 9 वर्षों में दूध उत्पादन में 57.62 फीसदी की ग्रोथ हुई है, जो वर्ष 2014-15 के दौरान 146.3 मिलियन टन से बढ़कर वर्ष 2022-23 के दौरान 230.60 मिलियन मीट्रिक टन हो गया है.
प्रति वक्ति दूध की उपलब्धता भी बढ़ी
पिछले 9 वर्षों में दूध का उत्पादन 5.9 फीसदी की वार्षिक ग्रोथ दर से बढ़ रहा है और जबकि विश्व दूध उत्पादन प्रति वर्ष 2 फीसदी की दर से ही बढ़ रहा है. वर्ष 2022-23 में दूध की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 459 ग्राम प्रतिदिन है. जबकि वर्ष 2022- 23 के दौरान विश्व औसत 325 ग्राम प्रतिदिन का है. प्रति व्यक्ति उपलब्धता वर्ष 2013-14 में 307 ग्राम दिन से बढ़कर 2022-23 में 459 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन हो गई है, जो 49.51 प्रतिशत की ग्रोथ दर्शाती है.
अंडों की प्रोडक्टिविटी में भी हुआ इजाफा
मंत्री राजीव रंजन ने बताया कि देश में अंडे का उत्पादन वर्ष 20014-15 में 78.48 बिलियन अंडों से 76.32 फीसदी बढ़कर 138.38 बिलियन अंडे हो गया है. अंडे की प्रति व्यक्ति उपलब्धता, वर्ष 2014-15 में प्रति वर्ष 62 थी. अब ये बढ़कर वर्ष 2022-23 में प्रति साल 101 अंडा हो गई. पिछले 9 वर्षों के दौरान, गोपशुओं और भैंसों की औसत उत्पादकता वर्ष 2013-14 के दौरान प्रति वर्ष 1648.17 किलोग्राम प्रति पशु से 27 फीसदी से बढ़कर वर्ष 2021-22 में 2079 किलोग्राम प्रति पशु प्रति वर्ष हो गई है, जो दुनिया में हाई प्रोडक्टिविटी ग्रोथ है.
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