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Meat: जानें 10 साल में कितना बढ़ा देश में मीट उत्पादन, यहां पढ़ें पशुवार डिटेल

red meat and chicken meat
प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. देश में दिन-ब-दिन मीट खाने वाले संख्या में इजाफा हो रहा है. जबकि देश में मीट प्रोडक्शन भी साल दर साल बढ़ रहा है. अगर साल 2014 से अब तक मीट प्रोडक्शन की बात की जाए तो देश में 3533000.16 टन तक मीट प्रोडक्शन बढ़ चुका है. एक्सपर्ट कहते हैं कि यह नंबर आने वाले वर्षों में और ज्यादा बढ़ेंगे, क्योंकि देश में मीट खाने वालों की संख्या भी बढ़ रही है. देश के तकरीबन 70 फ़ीसदी लोग मीट खा रहे हैं. इस वजह से ये कहना गलत न होगा कि मीट प्रोडक्शन बढ़ेगा.

भारत सरकार के पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के मुताबिक देश में पहली बार साल 1998-99 में मीट प्रोडक्शन को काउंट किया गया था. उस साल 1859000.43 टन मीट प्रोडक्शन हुआ था. वहीं साल 2022-23 तक ये आंकड़ा बहुत ज्यादा बढ़ गया है. अब देश में 79 लाख टन मीट का उत्पादन ज्यादा हो रहा है. इससे पता चलता है कि मीट को लेकर लोगों के नजरिए में भी बदलाव हुआ है. 2014-15 में 6691000.08 टन प्रोडक्शन हुआ था. साल 2015-16 में 7019000.96 टन मीट प्रोड्यूस किया गया.

2014 से कब-कब कितना बढ़ा प्रोडक्शन
वहीं साल 2014-16 में 701900.96 टन, 2016-17 में 738500.61 टन, 2017-18 में 7655000.63 टन, 2018-19 में 8114000.45 टन, 2019-20 में 8599000.97 टन, 2020-21 में 8797000.91 टन, 2021-22 में 9292000.13 टन और 2022-23 में ये उत्पदान बढ़कर 976800.64 टन हो गया है. जो अब तक का सबसे ज्यादा है. बताते चलें कि देश में जिस तरह से मीट प्रोडक्शन बढ़ रहा है उसी तरह से एक्सपोर्ट भी बढ़ रहा है. अमेरिकी कृषि विभाग की विदेशी कृषि सेवा द्वारा जारी एक रिपोर्ट पर गौर करें तो वर्ष 2024 में भैंस मीट का प्रोडेक्शन और एक्सपोर्ट करने वालों के लिए बहुत अच्छा रहेगा. बताया जा रहा है कि उत्पादन और एक्सपोर्ट दोनों में ही उछाल आएगा. इसके पीछे रिपोर्ट में तीन महत्वपूर्ण कारण बताए गए है. रिपोर्ट में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि इस दौरान भारत में पशुओं की संख्या भी बढ़ेगी.

भैंस के मीट की खपत बढ़ी है
वहीं मीट के लिए काटी जाने वाली भैंसों की तादाद में भी हर साल इजाफा हो रहा है. 2024 बाजार वर्ष (जनवरी-दिसंबर) के लिए जारी रिपोर्ट में 2023 में 2.92 मिलियन टन के मुकाबले 2024 में भैंस के मांस की खपत 2.97 मिलियन टन (एमटी) होने का अनुमान लगाया है. भैंस के मीट के लिए सबसे बड़ी खपत युवा उपभोक्ताओं द्वारा भोजन में इस्तेमाल करने के कारण है. दिसंबर 2023 में आई पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की रिपोर्ट में भैंसों की संख्या को बढ़ाया हुआ दिखाया गया. मंत्रालय ने बकरे और मुर्गों की संख्या के बारे में बताया है. रिपोर्ट में बताया गया है कि भैंस की डिमांड सिर्फ भारतीय बाजार में ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में भी लगातार बढ़ रही है.

किस मीट की कितनी रही हिस्सेदारी
वहीं देश में अलग-अलग मीट के उत्पादन की हिस्सेदारी की बात की जाए तो सबसे ज्यादा मीट उत्पादन पोल्ट्री सेक्टर में हुआ. साल 2021-22 में 51.14 परसेंट के साथ चिकन मीट की हिस्सादेारी 9.77 मिलिसन टन रही. साल 2021-22 में बफैलो मीट का उत्पादन 12949000.62 टन उत्पादन हुआ था. वहीं 2022-23 में यह आंकड़ा बढ़कर 13620000.31 एक हो गया. भेड़ के मीट की बात की जाए तो साल 2021-22 में 69561000.99 टन उत्पादन हुआ था. जबकि अगले साल इसमें भी इजाफा हुआ और 73703000.64 टन हो गया. वहीं बकरी के मीट का उत्पादन साल 2021-22 में 111322000.95 टन का उत्पादन किया गया. अगले साल इसमें भी इजाफा हुआ और यह बढ़कर 123400000.36 हो गया.

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