नई दिल्ली. पशुपालन और डेयरी व्यवसाय के जरिए किसानों की आय को दोगुनी करने की चाह रखने वाली उत्तर प्रदेश की सरकार ने नन्द बाबा दुग्ध मिशन के अंतर्गत 621 गठित दुग्ध समितियों को 2 करोड़ रुपये से ज्यादा का फंड दिया है. उत्तर प्रदेश के पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह ने पीसीडीएफ स्थित कार्यालय में योजना के तहत 621 गठित दुग्ध समितियों के खाते में डीबीटी के जरिए 2 करोड़ 23 लाख 56 हजार रुपये दिए. बता दें कि हर समिति को इसमें से 36 हजार रुपये मिलेंगे.
दरअसल, सरकार की ओर से प्रदेश के सभी ब्लॉक को दुग्ध समितियों को कवर किये जाने के क्रम में नन्द बाबा दुग्ध मिशन योजना के तहत 621 गांवों में इन समितियों को बनाया गया है. मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा दुग्ध विकास के क्षेत्र में आगामी 05 वर्षों में एक हजार करोड़ की लागत से प्रदेश को नन्द बाबा दुग्ध मिशन के द्वारा दुग्ध उत्पादन में अग्रणी राज्य बनाये रखने के लिए फंड दिया है. इसके लिए गांवों में दुग्ध सहकारी समितियों द्वारा दूध उत्पादकों को उनके दूध का सही दाम मिल रहा है.
डेयरी आय बढ़ाने का बेहतरीन जरिया
मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लगातार विकास को तय करने, किसानों को उनके दूध का फायदेमंद रुपये दिलवाने और कृषि आधारित ढांचा सुदृढ़ करने में दुग्ध विकास विभाग लागातार कोशिशें कर रहा है. दूध व्यवसाय ही एकमात्र ऐसा व्यवसाय है जो किसानों एवं पशुपालकों के लिए अतिरिक्त आय का बेहतरीन जरिया है. दुग्ध विकास मंत्री की ओर से दूध उत्पादकों से अपील की गइ्र है कि समितियों के माध्यम से दूध व्यवसाय को अपनाएं. इससे वे अपनी आय को आसानी से दोगुना कर सकते हैं.
लगातार उत्पादन बढ़ाने की है जरूरत
वहीं प्रमुख सचिव दुग्ध विकास रविन्द्र ने कहा कि नन्द बाबा दुग्ध मिशन दुधारू पशुओं के माध्यम से स्वरोजगार को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है. मौजूदा वक्त में दूध उत्पादन में उत्तर प्रदेश पहले स्थान पर है लेकिन दूध उत्पादन को और ज्यादा बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि दुग्ध विकास विभाग द्वारा दुग्ध उत्पादन में वृद्धि के साथ ही प्रदेश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने में अपना पूर्ण योगदान दिया जायेगा. इस दौरान राकेश कुमार मिश्रा दुग्ध आयुक्त, आनन्द कुमार प्रबंध निदेशक पीसीडीएफ आदि मौजूद रहे.
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