नई दिल्ली. इसमें कोई शक नहीं है कि पशुपालन से किसानों की इनकम को दोगुना किया जा सकता है. इस बात को सरकार भी समझ चुकी है. यही वजह है कि सरकार पशुपालन को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाओं पर काम कर रही है. पशुपालकों को जागरुक किया जा रहा है. एक्सपर्ट का भी कहना है कि दूध उत्पादन से पशुपालकों को फायदा हो सकता है. बस जरूरत इस बात की है कि किसानों को उन तमाम चीजों की जानकारी हो जाए, जो इसके लिए जरूरी है. राजस्थान के बाड़मेर में इन्हीं बातों की जानकारी देने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. जहां पशुपालकों को जरूरी टिप्स दिए गए हैं.
डेयरी व्यवसाय को पारदर्शिता और बड़े स्तर पर करने से ही दुग्ध उत्पादकों का आर्थिक विकास संभव है. यह बात परावा ढाणी ग्राम पंचायत परावा में आयोजित एक दिवसीय जन जागरूकता प्रशिक्षण कार्यक्रम में कार्यक्रम प्रबंधक हनुमान राम चौधरी ने कही. यह कार्यक्रम सोसायटी टू अपलिफ्ट रूरल इकोनॉमी बाड़मेर द्वारा केयर्न फाउंडेशन के सहयोग से संचालित डेयरी विकास एवं पशुपालन परियोजना के तहत हुआ.
योजनाओं का फायदा उठाने की दी सलाह
एक्सपर्ट ने बताया कि प्रति परिवार उन्नत नस्ल के पशुओं की कम संख्या और कम दूध उत्पादन डेयरी व्यवसाय की मुख्य समस्या है. उन्होंने पशुपालकों को किसान क्रेडिट कार्ड, मुख्यमंत्री मंगला बीमा योजना, खेत तलाई, तारबंदी योजना, नशा मुक्ति, बाजरा मूल्य संवर्धन, बरसाती पानी संग्रहण, पौधरोपण और प्राकृतिक खेती की जानकारी दी. एक्सपर्ट ने जैविक दूध, मावा, पनीर, बिलोना गाय का घी जैसे उत्पाद बनाकर बाजार में बेचने पर जोर दिया. चौधरी ने हरा चारागाह विकास, सुपर नेपियर घास, अजोला घास, चारा बीट, चुकंदर, उञत पशु प्रबंधन और पशुधन अभिलेखन की जानकारी दी. महिलाओं को सशक्त, जागरूक और हुनरमंद बनकर परिवार की आय बढ़ाने में भागीदारी का आह्वान किया. उन्होंने दुग्ध उत्पादकों से शुद्ध और ताजा दूध दूध डेयरी पर लाने की अपील की.
प्रगतिशील किसानों ने साझा किया अनुभव
वहीं पशुपालक भाइयों को स्वच्छ दूध उत्पादन के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी गई. प्रगतिशील दूध उत्पादक घेवाराम मेघवाल, हीरा कुमारी, सीमा कुमारी, दरिया देवी, पंखी देवी, लहरी देवी मेघवाल, भागवती कुमारी पटेल और देवी सिंह देवड़ा ने अपने विचार रखे. कार्यक्रम में डेयरी की 10 महिला सदस्यों को किचन गार्डन के लिए उन्नत किस्म की सब्जी किट वितरित की गई. प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता में विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया. प्रशिक्षण में 36 महिलाओं सहित कुल 46 पशुपालकों ने भाग लिया. सभी प्रतिभागियों को बैग और अन्य चीजें दी गईं.
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