नई दिल्ली. कृषि का पशुधन भारतीय अर्थव्यवस्थार में बहुत ही अहम रोल है. जबकि कुछ वर्षों में ये तेजी के साथ बढ़ा है. कुल सकल मूल्य वर्द्धन (GVA) में पशुधन का योगदान करीब 30 फीसदी तक हो गया है. बता दें कि दूध हो या फिर अंडा, मीट और चिकन सभी में तेजी के साथ इजाफा हुआ है. यही वजह है कि दूध के मामले में भारत ने दुनियाभर में दूसरे देशों के की अपेक्षा पांच गुना ज्यादा तेजी से तरक्की की है. वहीं पोल्ट्री सेक्टर में भी भारत ने बड़ी लकीर खींचने में कामयाबी हासिल की है.
केन्द्रीय मत्य्र -पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला ने केन्द्र सरकार के नौ साल पूरे होने के मौके पर मंत्रालय की उपलब्धियां गिनाते हुए कहा है कि पशुपालन और डेयरी विभाग देशभर में इसके विकास और प्रचार के लिए कई तरह की स्कीम करने पर काम कर रहा है. कहा कि केन्द्र सरकार पहले ही 2026 तक देशभर में पशुपालन और डेयरी के विकास पर फोकस करते हुए कई बड़ी योजनाओं में संशोधन करने के साथ ही एक विशेष पशुधन क्षेत्र पैकेज को मंजूरी दे भी दे चुका है.
मंत्री परषोत्तम रूपाला ने कहा है कि भारत में पशुधन और मुर्गी पालन के तमाम संसाधन मौजूद हैं. जो ग्रामीण जनता की सामाजिक और आर्थिक स्थिति को बेहतर बनाने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं. आंकड़ो की बात की जाए तो 20वीं पशुधन जनगणना के मुताबिक देश में लगभग 303.76 मिलियन गोवंश (मवेशी, भैंस, मिथुन और याक), 74.26 मिलियन भेड़, 148.88 मिलियन बकरियां, 9.06 मिलियन सूअर और लगभग 851.81 मिलियन मुर्गियां हैं.
वहीं मंत्री परषोत्तम रूपाला ने एक अहम जानकारी देते हुए बताया कि अकेले डेयरी सेक्टर ऐसा है जो राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था में पांच फीसदी का योगदान देता है. उन्होंने कहा कि आज देश में आठ करोड़ से ज्यादा किसान सीधे डेयरी सेक्टर से रोजगार हासिल कर रहे हैं. भारत आज विश्व के दूध उत्पादन में 23 फीसद का बड़ा योगदान देता है. बीते आठ साल में देश में दूध उत्पादन 51.05 फीसदी बढ़ा है. वहीं वर्ष 2014-15 के दौरान दूध का उत्पादन 146.3 मिलियन टन था जो साल 2021-22 में बढ़कर 221.06 मिलियन टन हो चुका है. वहीं अच्छी बात ये है कि विश्व में जहां दूध उत्पादन जहां 1.2 फीसदी से बढ़ रहा है तो वहीं भारत में ये रफ्तार 6.4 फीसदी है. साल 2021-22 में प्रति व्यक्ति दूध की उपलब्धता 444 ग्राम प्रति दिन हो चुकी है. वहीं साल 2020-21 में ये आंकड़ा 394 ग्राम प्रति दिन था.
परषोत्तम रूपाला ने कहा (FAOSTAT) डेटा 2020 के अनुसार, भारत विश्व में अंडा उत्पादन में तीसरे और मीट उत्पादन में अब आठवीं पोजिशन पर है. देश में अंडा उत्पादन 2014-15 में 78.48 बिलियन से बढ़कर साल 2021-22 में 129.60 बिलियन के पास पहुंच गया है. वहीं देश में अंडे का उत्पादन आठ फीसदी की दर से हर साल बढ़ा है. साल 2021-22 में अंडे की प्रति व्यक्ति उपलब्धता 95 अंडे प्रति वर्ष हो गई है. देश में मीट का उत्पादन 2014-15 में 6.69 मिलियन टन से बढ़कर साल 2021-22 में 9.29 मिलियन टन तक पहुंच गया है.
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