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Dairy Animal: दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुओं को जरूर दें मिनरल मिक्सचर, न देना का नुकसान भी पढ़ें

गोवंश के लिए योगी सरकार ने समाज को भी इस अभियान का हिस्सा बनाते हुए कई प्रोत्साहन योजनाएं चला रखी हैं.
चारा खाती एफएफ गाय.

नई दिल्ली. पशुपालन में पशुओं की देखरेख बेहद ही जरूरी है, नहीं तो दूध उत्पादन पर बुरा असर पड़ता है. जिससे डेयरी फार्मिंग में घाटा हो सकता है. एनिमल एक्सपर्ट कहते हैं कि दूध उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुओं को मिनरल मिक्सचर जरूर देना चाहिए. यही वजह है कि समय—समय पर पशुपालकों को खनिज मिश्रण की उपयोगिता की जानकारी भी दी जाती है. एक्सपर्ट कहते हैं कि पशु पोषण में मिनरल मिक्सचर की भूमिका अहम है. देश में पशुपालन छोटे-बड़े स्तर पर सबसे बड़ा व्यवसाय हैं. दूध उत्पादन चार बातों पर निर्भर करता है. पशु की नस्ल, प्रबंधन, पोषण और आवास व्यवस्था. इनमें से पोषण सबसे जरूरी है.

एक्सपर्ट के मुताबिक दुधारू पशुओं की उत्पादकता और विकास दर बढ़ाने में संतुलित आहार जरूरी है. पशु के कुल खर्च का 70 प्रतिशत हिस्सा सिर्फ आहार पर होता है. चारे में सभी जरूरी खनिज नहीं होते। खनिजों की मात्रा क्षेत्र के अनुसार बदलती है. इसलिए हर क्षेत्र के लिए अलग खनिज मिश्रण बनाना जरूरी है.

गाय-भैंस 15 तरह के खनिज तत्वों की होती है जरूरत
खनिज तत्व हड्डियों और दांतों को मजबूत बनाते हैं. शरीर में प्रोटीन और वसा जैसे यौगिकों का हिस्सा होते हैं. एंजाइमों की क्रियाशीलता में मदद करते हैं. रक्त और शरीर के द्रवों में घुलनशील लवणों के रूप में कई कार्य करते हैं. ये अम्ल-क्षार संतुलन बनाए रखते हैं. पेशियों और तंत्रिकाओं की उत्तेजना में भी सहायक होते हैं. गाय-भैंस जैसे दुधारू पशुओं को 15 तरह के खनिज तत्वों की जरूरत होती है. इनमें से कुछ की मात्रा ज्यादा चाहिए, जैसे कैल्शियम, फॉस्फोरस, सोडियम, पोटेशियम, मैग्नीशियम, क्लोरीन और सल्फर. कुछ की कम मात्रा चाहिए, जैसे लोहा, मैग्नीज, कॉपर, मोलिब्डेनम, जिंक, कोबाल्ट, आयोडीन और सेलेनियम. पशु शरीर में कुल भार का 4 प्रतिशत हिस्सा खनिज तत्व होते हैं.

खनिज मिश्रण न देने का नुकसान
एक्सपर्ट के मुताबिक मिनरल मिक्सर से बछड़ों की विकास दर बढ़ती है. वे जल्दी परिपक्व होते हैं. नर-मादा दोनों की प्रजनन क्षमता बढ़ती है. प्रजनन अंतराल कम होता है. भोजन उपयोग क्षमता बढ़ती है. दूध उत्पादन और रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है. क्षेत्र विशेष के लिए यह आर्थिक रूप से भी फायदेमंद है. खनिज मिश्रण की कमी से पशु स्वास्थ्य पर असर पड़ता है. बछड़ों की वृद्धि रुकती है. दूध कम होता है. परिपक्वता देर से आती है और प्रजनन क्षमता घटती है. इसलिए बेहद ही जरूरी है कि पशुओं को खनिज मिश्रण जरूर दिया जाए.

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