नई दिल्ली. मछली पालन एक बेहद ही अच्छा कारोबार है. जिसे करके आप अच्छी इनकम हासिल कर सकते हैं. मछली पालन के कई फायदे भी हैं. जहां मछली से लोगों के लिए भोजन की आपूर्ति होती है तो मछली पालन से भुखमरी की समस्या भी कम हो सकती है. वहीं मछली पालन रोजगार के अवसर को बढ़ाने वाला कारोबार है. इससे न सिर्फ आपको बेहतर इनकम हासिल होगी. बल्कि आप दूसरों को रोजगार भी दे सकते हैं. मछली में ओमेगा 3 फैटी एसिड होता है. जिससे मछली खाना बेहद ही फायदेमंद होता है. अगर आप भी मछली पालन करना चाहते हैं तो यह बेहतर काम है, जिसे करके आप अच्छी कमाई कर सकते हैं.
फिश एक्सपर्ट कहते हैं कि मछली पालने के लिए सरकारी योजनाएं भी उपलब्ध हैं. इसकी मदद लेकर आप मछली पालन कर सकते हैं. मछली पालने के लिए मछलियों को पौष्टिक आहार देने की जरूरत होती है. मछलियों के आहार में प्रोटीन, कार्बोहाइड्रेट, विटामिन और खनिज भी देना होता है. जिससे मछली की ग्रोथ तेजी से होती है और मछली पालकों को फायदा होता है. आज के इस आर्टिकल में हम पंगेसियस मछली के बारे में बात करने जा रहे हैं. आइए जानते हैं कि पंगेसियस मछली पालने से क्या-क्या फायदे हैं और इसको को पलते हैं तो कितनी कमाई की जा सकती है.
ज्यादा देखरेख की पड़ती है जरूरत
फिश एक्सपर्ट का कहना है कि पंगेसियस मछली एक बेहतरीन मछली होती है. अगर आप आईएमसी या किसी और कार्प की फार्मिंग करते हैं तो आपको एक एकड़ के तालाब में 20 से 30 क्विंटल तक मछली का उत्पादन मिलता है जबकि पंगेसियस मछली का पालन करते हैं तो एक एकड़ के तालाब में तकरीबन 100 क्विंटल मछली का उत्पादन आप कर सकते हैं. हालांकि इस मछली को पालने में एक चीज का ध्यान देना बेहद जरूरी होता है. इसे ज्यादा रखरखाव की और देखरेख की जरूरत होती है, नहीं तो इसका उत्पादन कम हो सकता है.
पंगेसियस कम ऑक्सीजन में रह सकती है
पंगेसियस मछली पर किलो का वजन हासिल करने में महज 70 का खर्च आता है. जबकि आप होलसेल में इस मछली को बेचते हैं तो मार्केट रेट 110 से 120 रुपये आपको आसानी से मिल जाएगा. यानी आप 40 से 50 रुपये आसानी से एक मछली से कमा सकते हैं. पंगेसियस मछली की खासियत ये है कि इसमें प्रोटीन, ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन डी, विटामिन 12 और सेलेनियम जैसे पोषक तत्व मौजूद होते हैं. इस मछली में हड्डी नहीं होती है और इसमें गंध कम आती है. पंगेसियस मछली की मांग घरेलू और विदेशी दोनों बाजारों में होती है. यह मछली कम ऑक्सीजन में भी रह सकती है.
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