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pashudhan beema yojana: महज इतने रुपये में यूपी सरकार कर रही पशुओं का बीमा, खत्म होगा आर्थिक जोखिम

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प्रतीकात्मक फोटो.

नई दिल्ली. पशुपालन में जितना लाभ है, उतना आर्थिक जोखिम भी है. अगर ठीक से पशुपालन नहीं किया गया तो पशुओं के मरने की आंशका बढ़ जाती है और किसान या पशुपालक को आर्थिक नुकसान झेलना पड़ता है. इसी नुकसान से बचने के लिए अब उत्तर प्रदेश सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य राष्ट्रीय पशुधन मिशन की जोखिम प्रबंधन और पशुधन बीमा योजना के तहत पशुओंके लिए बीमा योजना शुरू की है. इसके तहत सरकार पशुओं को एक तरह से सुरक्षा कवच दे रही है. इस बीमा योजना में यूपी सरकार पशुपालकों को बीमा प्रीमियम में 90 फीसदी तक की सब्सिडी दे रही है. इस योजना में 50 फीसदी प्रदेश सरकार का अंश है तो 25 से लेकर 40 परसेंट तक केंद्र सरकार का अंश होगा. पशुपालकों को पशुओंको एक से तीन साल तक सुरक्षित रखने के लिए महज बीमा प्रीमियम के तौर पर 376 रुपये देने होंगे.

देश की अर्थव्यवस्था में पशुधन बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. खासतौर पर अगर हम ग्रामीण परिवेश की बात करें तो पशुपालन के जरिए से प्राप्त होने वाली अतिरिक्त आय किसान, पशुपालकों को आत्मनिर्भर बनाती है. सरकार द्वारा संचालित ये पशुधन बीमा योजना किसानों और पशुपालकों के पशुओं की मृत्यु की दशा में होने वाली आर्थिक क्षति को कम करके आर्थिक सुरक्षा भी प्रदान करती है.

यूपी के पशुपालक क्यों नहीं ले रहे बीमा योजना का लाभ
उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से 11.78 करोड़ रुपये की सब्स्डिी सहायता किसानों को
पशु बीमा के तौर पर मिली है.यूपीएलडीबी के सीईओ नीरज गुप्ता के अनुसार पिछले 7 महीने में विभाग के द्वारा 100034 पशुओं का बीमा किया गया है. इस योजना के तहत दुधारू पशुओं की मृत्यु के नुकसान से बचने के लिए पशुपालक को केवल 376 रुपये वार्षिक प्रीमियम देना होगा. इस योजना का लाभ लेने से किसानों को लाभ हो रहा है. इसलिए पशुपालक और किसानों को अपने पशुओं का बीमा कराना चाहिए.

ऐसे करवाएं अपने पशुओं का बीमा
अगर आप अपने पशु का बीमा करवाना चाहते हैं तो सबसे पहले अपने नजदीकी पशु अस्पताल में बीमा योजना की जानकारी देनी होगी.
पशुचिकित्सक और बीमा एजेंट किसान के घर आकर पशु के स्वास्थ्य की जांच करेंगे.
जांच होने के बाद पशु चकित्सक स्वास्थ्य प्रमाण पत्र जारी करेगा.
बीमा एजेंट जांच होने के बाद पशु के कान में एक टैग लगाएगा, जिससे ये पता चल सकेगा कि पशु का बीमा हो चुका है.
किसान और पशु की एक साथ फोटो खींची जाएगी.
ये सब प्रक्रिया पूरी होने के बाद बीमा पॉलिसी जारी कर दी जाएगी.
अगर आपका पशु खो जाता है तो बीमा कंपनी को सूचित करना होगा.
अगर पशु का टैग गिर गया है तो भी बीमा कंपनी को सूचित करना होगा, जिससे नया टैग लगाया जा सके.

हरियाणा सरकार ने भी शुरू की है पशुओं के लिए बीमा योजना
हरियाणा सरकार ने पशुपालक हरियाणा पशुधन बीमा योजना को शुरू किया है. अगर इस योजना का पशु पालक लाभ लेंगे तो उन्हें होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है. पशुपालक हरियाणा पशुधन बीमा योजना का लाभ सालाना प्रीमियम अदा करने के बाद एक वर्ष की अवधि के दौरान अगर पशु के मर जाता है तो बीमा कंपनी संबंधित पशु पालक को मुआवजा देगी. इस योजना का लाभ परिवार के पहचान पत्र पर पांच बड़े जानवर या फिर 50 छोटे जानवरों का बीमा कराकर दिया जा सकता है. इस बीमा योजना को एससी वर्ग के लिए पूरी तरह से फ्री रखा गया है जबकि बीसी और सामान्य वर्ग को गाय, भैंस, बैल, ऊंट के साला सौ रुपये अदा करने होंगे और बकरी, भेड़, सूअर के लिए 25 रुपये प्रति वर्ष बतौर प्रीमियत के रूप में अदा करने होंगे.

एससी वर्ग के लिए फ्री
हरियाणा सरकार ने पशुपालक हरियाणा पशुधन बीमा योजना को शुरू किया है. अगर इस योजना का पशु पालक लाभ लेंगे तो उन्हें होने वाले नुकसान से बचाया जा सकता है. इसलिए पशुपालकों को बीमा करवाना चाहिए. इस योजना में पशुपालक या किसानों को मामूली सा अंशदान देकर बीमा योजना का लाभ लेना चाहिए. ये बीमा योजना एससी परिवारों के लिए पूरी तरह से निशुल्क है जबकि बीसी और सामान्य वर्ग परिवारों को 25 रुपये से 100 रुपये तक का वार्षिक अंशदान पर दी जाती है.

आनलाइन कर सकते हैं आवेदन
पशुपालक हरियाणा पशुधन बीमा योजना का लाभ लेने वाले इच्छुक पशुपालक व किसान अपने नजदीकी कॉमन सर्विस सेंटर पर जाकर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं. इस योजना में पशुओं को बीमा कवर प्रदान किया जाएगा. पशुपालक हरियाणा पशुधन बीमा योजना में गाय, भैंस, बकरी, भेड़, सूअर भार वाहक पशु जैसे घोड़ा, गधा, खच्चर, टट्टू,ऊंट,याक, मिथुन को प्रदान किया जाता है.

कैसे लिया जा सकता है योजना का लाभ
पशुपालक हरियाणा पशुधन बीमा योजना का लाभ लेने के लिए बीमा कंपनियों ने कुछ क्राइटएरिया तय कर रखे हैं. बीमा राशि पशु विभाग के कर्मचारी स्वास्थ्य और दूध के हिसाब से कीमत तय करते हैं. अनुमानित भेड़ बकरी के 5 हजार और भैंस—गाय के दूध और स्वास्थ्य के हिसाब से एक लाख तक मिल सकता है.नीचे गए बिंदुओं में से किसी भी स्थिति मे अगर पशु मर जाता है तो बीमा कंपनी पशुपालक या किसान को हर हाल में मुआवजा देगी.

पशु को करंट लगने से.
नहर या जोहड़ में डूबने से.
बाढ़ के कारण मौत हो जाने से.
आग लगाने के कारण मर जाने से.
वाहन से टकराने के बाद मर जाने से.
प्राकृतिक आपदा के कारण मर जाने से.
बीमारी से मौत होने की स्थिति में.
किसी भी कारण हादसा हो जाने की स्थिति में.

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