नई दिल्ली. पोल्ट्री सेक्टर में भारत ने नई ऊंचाइयां हासिल की हैं. जहां ब्रॉयलर चिकन उत्पादन में लगातार ग्रोथ हुई है, जिस वजह से दुनिया में उत्पादन के मामले में हम तीसरे स्थान में पहुंच गए हैं, तो वहीं अंडा उत्पादन के मामले में हमारा स्थान चौथा है. देश में लोग पोल्ट्री फार्मिंग से जुड़ रहे हैं और इससे अपनी आजीविका चला रहे हैं. न सिर्फ ग्रामीण इलाके बल्कि शहरों में भी पोल्ट्री फार्मिंग का काम किया जा रहा है. पोल्ट्री फार्मिंग गरीबी रेखा के नीचे वाले ग्रामीण परिवारों के लिए भी आजीविका और पोषण सुरक्षा प्रदान करने का जरिया बन गई है. अगर आप भी पोल्ट्री फार्मिंग करना चाहते हैं तो ये काम आपके लिए बेहतरीन हो सकता है. जिससे आपको अच्छी कमाई होगी.
मुर्गियों से अच्छा प्रोडक्शन लेने के लिए उनकी तेजी से ग्रोथ जरूरी है. इसके लिए उन्हें पोषक तत्वों से भरपूर फीड दिया जाना चाहिए. इस आर्टिकल में हम इसी पर बात करने जा रहे हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि मुर्गियों को प्रोटीन, विटामिन और खनिज भी दिया जाना चाहिए. इससे मुर्गियां तेजी से बढ़ती हैं और पोल्ट्री फार्मर को फायदा मिलता है. इसलिए पोल्ट्री फार्मर्स को हमेशा पोषक तत्वों से भरपूर चारा अपनी मुर्गियों को खिलाना चाहिए.
क्या-क्या खिलाना चाहिए, जानें यहां
-पोल्ट्री एक्सपर्ट के मुताबिक हरा चारा प्रोटीन खनिज और विटामिन का बेहतरीन सोर्स होता है. इससे मुर्गियों की हैल्थ और अंडा उत्पादन बढ़ता है.
-अगर मुर्गियों को पत्तीदार हरा चारा, फूल आने से पहले काट कर खिला दिया जाए तो उन्हें प्रोटीन खनिज और विटामिन भरपूर मात्रा में मिल जाता है.
-पोल्ट्री एक्सपर्ट कहते हैं कि हरे चारे में बरसीम और लोबिया सबसे बेहतरीन माने जाते हैं. इसके अलावा गोभी, गाजर, मूली आदि के पत्ते भी मुर्गियों को खिलाए जा सकते हैं. इससे भी उन्हें फायदा मिलता है.
-मुर्गियों को पालक की सब्जी के पत्ते को भी खिलाया जा सकता है. मुर्गियों के आहार में अजोला भी दिया जाता है. हरे चारे को साफ पानी में धोकर काटकर अच्छी तरह से मुर्गियों खिलाना चाहिए तो उत्पादन बेहतर मिलता है.
-अगर आप मुर्गियों को हरा चारा दे रहे हैं तो दिन में 30 से 50 ग्राम प्रतिदिन दे सकते हैं. जबकि चूजा है तो तब 20 से 30 ग्राम प्रतिदिन देना चाहिए.
-मुर्गियों को आहार के तौर पर सूती कपड़े के टुकड़े, बोरे का टुकड़ा, गोबर के सूख कंडे और थोड़ा कच्चा गोबर भी दिया जाता है. दीमग लगी लकड़ी के सूखे टुकड़े भी मुर्गियां खाती हैं.
-एक संकर नस्ल की मुर्गियों को रोजाना 110 से 140 का नाम दाना देना जरूरी होता है. क्योंकि ठंड में मुर्गियों को भूख बढ़ जाती है.
-बर्तन दाने से भरा होना चाहिए. अगर मुर्गियां दाना कम खाती हैं तो अंडों की संख्या भी कम हो जाती है. वजन में गिरावट आती है.
-मुर्गियों को मकई और सोयाबीन का भोजन भी कराना चाहिए. इससे ऊर्जा और प्रोटीन मिलती है. जबकि प्रोडक्शन भी बेहतर हो जाता है. टेस्ट बढ़ाने के लिए नमक भी मिलाया जाता है.
-तेज विकास और अच्छे स्वास्थ्य के लिए चूजों को प्रोटीन और सांद्रण मिश्रण देना चाहिए. जब चूजे तीन से चार हफ्ते के हो जाएं तब कुछ सूखा फटा हुआ गेहूं मैश करके देना चाहिए.
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