Home पोल्ट्री Poultry Farming : इन टिप्स से करें पोल्ट्री बिजनेस, मार्केट में मिलेगा भरपूर मुनाफा, होगी बंपर कमाई
पोल्ट्री

Poultry Farming : इन टिप्स से करें पोल्ट्री बिजनेस, मार्केट में मिलेगा भरपूर मुनाफा, होगी बंपर कमाई

livestockanimalnews- kisan andolan: Chicken supply will be affected in Delhi
प्रतीकात्मक फोटो. livestockanimalnews

नई दिल्ली. देश में पोल्ट्री कारोबार बड़े पैमाने पर किया जाने वाला व्यवसाय बनता जा रहा है. हर साल 8 से 10 फीसदी की दर से ये कारोबार बढ़ रहा है. इसके चलते इससे जुड़कर बहुत से किसान अच्छी आय कमा रहे हैं. अगर देश में मुर्गी की खपत की बात की जाए तो अकेले देश की सबसे बड़ी दिल्ली की गाजीपुर मंडी से करीब 5 लाख मुर्गों की खपत होती है. यदि आप भी पोल्ट्री सेक्टर में उतरना चाहते हैं तो ये आपके लिए बिल्कुल सही खबर है, जिसमें कुछ टिप्स के जरिऐ आपको मालूम हो जाएगा कि पोल्ट्री कारोबार को कैसें करें, इससे क्या फायदा होता है और क्या-क्या तरीके आजमाएं कि नुकसान न उठाना पड़े़


अक्सर ये होता है कि मांग और खपत में संतुलन जब बिगड़ जाता है तो मुर्गे का रेट गिर जाता है. ये तब होता है जब खपत से ज्यादा मुर्गा उपलब्ध होता है. कोशिश करें कि इस समस्या की जड़ तक पंहुचने का प्रयास करते हैं. मुर्गे की उपलब्धता तब ज्यादा बढ़ जाती है जब हम त्योहारों के लिए ज्यादा चूजा डाल देते हैं और उम्मीद के मुताबिक मुर्गे सेल नहीं होते हैं. जबकि आम दिनों में ऐसा कभी भी नहीं होता है. क्योंकि तब आप कम चूजा डालते हैं. तब आपके दिमाग में ये बैठा होता है कि आम दिनों में लोग कम मुर्गा खाते हैं.

फिर फंस जाता है माल: गौरतलब है कि ऐसे त्योहार हर दो तीन महीनों पर आते रहते हैं, मसलन नया साल के बाद होली, उसके बाद ईद, उसके बाद शादी का लगन, रक्षा बंधन, दशहरा छठ आदि, हर त्योहार में एक दिन के सेल के लिए 20 गुना ज्यादा चूजा डाला जाता है. त्योहार के तीन दिन पहले और तीन दिन बाद सेल नहीं होती है. जबकि त्योहार के दिन दस गुना सेल होती है लेकिन बाकी दिन मुर्गा फंस जाता है. फंसने के बाद वही मुर्गा 3 किलो का हो जाता है और दो मुर्गी से तीन मुर्गी का मांस मिलने लगता है।.

क्या करें पोल्ट्री संचालक: हर त्योहार के बाद बाजार फंसता है और रेट लंबे समय तक गिरा हुआ रहता है. इस समस्या का समाधान सिर्फ और सिर्फ किसान के पास है. अगर किसान साल भर एक तरह से चूजा डालें तो त्योहार के लिए अत्याधिक चूजा न डालें तो इस समस्या का समाधान हो सकता है. यही एक मात्र समाधान है. इसके अलावा दूसरा समाधान है ही नहीं. अगर आप हमेशा एक जैसा चूजा डालेंगे तो चूजे का रेट भी 30 से नीचे ही रहेगा.

चूजों की कोई कमी नहीं है: डीलर एवं फार्मर को इस वर्ष की होली के लिए कम चूजा डालना चाहिए. ताकि होली के बाद मुर्गा न फंसे. ईद के लिए भी ज्यादा चूजा न डालें. लोकसभा इलेक्शन में मुर्गे की खपत पर कोई असर नहीं पड़ता है तो इलेक्शन के लिए भी अधिक चूजा न डालें ताकि आपका अगला चार महीना फायदे के साथ गुजरे. वहीं अपनी पूंजी को घिसे पीटे पुराने आइडिया पर बर्बाद न करें. एक ज़माने में जब चूजे की उपलब्धता कम रहती थी तब लोग त्योहारों में पैसा कमाते थे. अब तो चूजे की कमी जैसा कोई बात ही नहीं है.

चूजे का रेट कम होने से मिलेगा फायदा: अगर आपको चूजा चाहिए तो रेट दीजिए 1000 KM से चूजा चला आएगा. कमाई तभी हो सकती है जब मुर्गे की किल्लत होगी. आज बाजार में चूजे की किल्लत जैसी कोई बात नहीं है. चूजे का रेट 42 है लेकिन चूजे की कोई कमी नहीं है. अगर सब मिल कर बहुत ज्यादा चूजा डाल दिए तो होली से ले कर ईद तक बुरे रेट का सामना करने के लिए तैयार रहिए. साधारण गति से चूजा डालें. हर रेट का लाभ मिलेगा. त्योहार के चूजे में सारी पूंजी नहीं झोंकना चाहिए. अगर मुर्गा पालने वालों के कोई त्योहार है तो वो है चूजे का रेट 15 रुपया होना. 42 और 50 का चूजा आपके घर खुशी नहीं ला सकता है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

poultry farming
पोल्ट्री

Poultry Farming: बरसात में मुर्गियों को हो सकती है कई खतरनाक बीमारी, यहां पढ़ें बचाव का तरीका

बारिश में मुर्गियों को बीमारियों से बचाने के लिए क्या उपाय किए...

poultry farming, poultry feed, marigold, poultry
पोल्ट्री

Poultry: यहां जानें, 100 देसी मुर्गियों के पालने पर कितना आएगा खर्च

पोल्ट्री एक्सपर्ट का कहना है कि अगर 100 देसी मुर्गियों को पलते...

poultry farming
पोल्ट्री

Poultry: बरसात में मुर्गियों को बीमारी से बचाने के लिए करें ये तीन काम

मुर्गियों को गर्माहट ज्यादा पसंद होती है. ऐसे में उन्हें नमी वाली...

पोल्ट्री

Poultry Farming: देसी मुर्गी पालना फायदेमंद है या नहीं, जानें यहां

देसी मुर्गी प्रति किलो 400 से 500 रुप किलो आसानी से बिक...