नई दिल्ली. यह बात सभी जानते हैं कि हमारे देश में मुर्गी पालन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. पोल्ट्री संचालक मुर्गी पालन करके फायदा भी उठाते हैं, लेकिन उनके सामने परेशानी तब खड़ी हो जती है जब मुर्गियां बीमार हो जाती हैं. इससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है. मुर्गियों में खासकर के चूजों में खूनी दस्त की समस्या बहुत रहती है. जिससे बीमारी फैल जाती है और चूजों के साथ—साथ मुर्गियों की भी मौत हो जाती है. हालांकि पोल्ट्री संचालकों को मुर्गियों में काक्सिडीयोसिस रोग यानि खूनी दस्त के लक्षण और बचाव के बारे में पता हो तो वो खुद को नुकसान से बचा सकते हैं.
यह रोग तेजी के साथ फैलता है
एक्सपर्ट कहते हैं कि कई बार मौसम में है बदलाव की वजह से मुर्गियों की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है. इसी दौरान यह रोग मुर्गियों में फैल जाता है. मुर्गियों की आंतों से खून का साव होना, मुर्गियों में कमजोरी होना, आंतों की कोशिकाओं में सूजन भी आ जाना, दाना पानी कम मात्रा में खाना इनके मुख्य लक्षण है. जबकि मल में खून भी आना इनके लक्षण में से एक हैं. डॉ. केशव कुमार शर्मा पशु चिकित्सा अधिकारी राजकीय, पशु चिकित्सालय दिल्ली सरकार कहते हैं कि मुर्गियों में काक्सिडीयोसिस रोग, लक्षण और बचाव के बारे में पोल्ट्री संचालकों को पता होना चाहिए. उन्होंने कहा कि ये बहुत खतरनाक रोग है. खासतौर पर मुर्गियों में चूजे होते हैं. जब चूजे 0 से से लेकर 8वें हफ्ते तक ज्यादा होता है.
वैक्सीन लगवाना चाहिए
उन्होंने बताया कि जबकि बड़ों में ये बीमारी कम होती है. जबकि बीमारी होने पर छोटा बच्चा सुस्त हो जाता है. खाना पीना कम कर देता है. उसका वजन घटने लगता है. साथ ही साथ पहले उसे पतला दस्त होता है फिर खूनी दस्त में परिवर्तित हो जाता है. इसके पश्चात उसकी मौत हो जाती है. किसी एक में होता है तो यह अन्य में भी यह बीमारी फैल जाती है. ऐसे में जो भी बीमार चूजा है, उसे एक तरफ कर देना चाहिए और स्वस्थ को एक तरफ रखना चाहिए. सावधानी ये है कि चूजे को वक्त रहते ही वैक्सीन लगवा देना चाहिए. यदि बीमारी आ गई है तो एंट्री काक्सिडीयोसिस मेडिसिन देना चाहिए.
स्वच्छता का रखें खास ख्याल
यदि ऐसा नहीं करेंगे तो पूरी मुर्गियों में बीमारी फैल जाएगी और प्रोडक्शन हमारा डाउन हो जाएगा. उससे नुकसान भी उठाना पड़ेगा. पोल्ट्री में चूजों के खानपान, रखरखाव और स्वच्छता का खास ध्यान देना चाहिए. इन तीन चीजें इसका मूल मंत्र हैं. जिससे बीमारी से मुर्गियों को दूर रख सकते हैं. इनका रखरखाव बहुत अच्छे ढंग से करना चाहिए और समय से वैक्सीनेशन भी करना चाहिए. इससे उसकी इंटरनल इम्यूनिटी बनी रहती है. हमें हवादार कमरे में रखना चाहिए. साथ-साथ उनकी बीट को भी समय पर साफ करना चाहिए.
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