Home मछली पालन Fish Farming: मछली पालन के लिए ऐसे तैयार करें तालाब, होगा बंपर प्रोडक्शन, पढ़ें डिटेल
मछली पालन

Fish Farming: मछली पालन के लिए ऐसे तैयार करें तालाब, होगा बंपर प्रोडक्शन, पढ़ें डिटेल

तालाब में खाद का अच्छे उपयोग के लिए लगभग एक सप्ताह के पहले 250 से 300 ग्राम प्रति हेक्टेयर बिना बुझा चूना डालने की सलाह एक्सपर्ट देते हैं.
तालाब में मछली निकालते मछली पालक

नई दिल्ली. मछली पालन एक बेहतरीन व्यवसाय है. इसको करके ग्रामीण इलाकों में लोग अच्छी इनकम हासिल कर रहे हैं. हालांकि इसको करने के लिए और ज्यादा से ज्यादा फायदा हासिल करने के लिए पशुपालन की तरह ही कई बातों का ख्याल रखना होता है. एक्सपर्ट का कहना है कि जिस तरह से खेती किसानी के लिए जमीन की जरूरत होती है. उसी तरह मछली उत्पादन के लिए तालाब की जरूरत होती है. मछली पालन के लिए उपयुक्त तालाब का चयन या फिर निर्माण जब तक नहीं होगा, अच्छा प्रोडक्शन भी नहीं होगा. इसलिए जरूरी है कि इसका चयन भी किया जाए.

एक्सपर्ट का मानना है कि जिस प्रकार खेती के लिये भूमि आवश्यक है, उसी प्रकार से मछली पालन के लिये तालाब की जरूरत होती है. गांवों में तमाम आकार के तालाब व पोखर मौजूद होते हैं. जो कि व्यक्तिगत भी होते हैं. कई संस्था के भी होते हैं और ग्राम पंचायत भी प्रॉपर्टी होते हैं. इस तरह के रिजर्वायर का इस्तेमाल मिट्टी निकालने, सिंघाड़े की खेती करने, पशुओं को पानी पिलाने या खेती योग्य भूमि की सिंचाई आदि के लिये किया जाता है.

मई तक तालाब को कर लें दुरुस्त
मछली पालन के लिये 0.2 से 5.0 हेक्टर तक के ऐसे तालाबों का चयन करना चाहिए, जिनमें सालभर 8-9 माह पानी भरा रहता हो. तालाबों को भरा रखने के लिये जल आपूर्ति का साधन होना चाहिए. एक्सपर्ट का कहना है कि तालाब में वर्षभर एक से दो मीटर पानी अवश्य बनी रहना चाहिए. तालाब का सुधार कार्य अप्रैल व मई तक कर लेना चाहिए, जिससे मछली पालन करने के लिये समय मिल सके. उपयुक्त जगह का चयन नये तालाब के निर्माण के लिये उपयुक्त जगह का चयन जरूरी है. तालाब निर्माण के लिये मिट्टी में पानी रोकने की क्षमता व उसकी उर्वरता पर अवश्य ध्यान देना चाहिए.

कहां करा सकते हैं मिट्टी की जांच
एक्सपर्ट के मुताबिक चिकनी मिट्टी वाली भूमि में तालाब का निर्माण हमेशा सही होता है. इस पानी में पानी को रोकने की क्षमता ज्यादा होती है. जिस पानी की अम्लीय या क्षारीयता अधिक हो, उस पर भी तालाब बनाया जाना उचित नहीं होता है. मिट्टी का पी-एच 6.5-8.0, आर्गेनिक कार्बन 1 प्रतिशत तथा मृदा में रेत 40 प्रतिशत, सिल्ट 30 प्रतिशत व क्ले 30 प्रतिशत हो तो बेहतर रहता है. तालाब निर्माण के पहले मिट्टी की जांच, मछली विभाग की प्रयोगशाला या अन्य मिट्टी प्रयोगशाला से अवश्य करवा लेना चाहिए. नये तालाब का निर्माण एक महत्वपूर्ण कार्य है. इस संबंध में मत्स्य या पशुपालन विभाग के अधिकारियों का परामर्श जरूर लेना चाहिए.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

मछली पालन

Fish Production: सरकार का मछली उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाने पर दिया जोर, जानें कैसे होगा ये काम

उन्होंने सभी हितधारकों के प्रयासों की प्रशंसा की और नियमित निगरानी, बेहतर...

fish farming
मछली पालन

Fish Farming: मछली पालक हैं तो इस महीने में ये काम जरूर कर लें

वहीं बारिश के बाद पानी में ऑक्सीजन का स्तर भी बढ़ जाता...

अगर आप छोटे गड्ढे में मछली पालन का बिजनेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको तालाब के आकार को चुनना होगा. एक से 2000 स्क्वायर फीट के तालाब में आप बढ़िया मछली पालन कर सकते हैं.
मछली पालन

Fish Farming: मछली उत्पादन में 104 परसेंट का इजाफा, जानें कितना बढ़ गया उत्पादन

विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में आय और आजीविका उत्पन्न करते हैं....

Fisheries, Fish Rate, Government of India, Live Stock Animal News, Boat
मछली पालनसरकारी स्की‍म

Fisheries Sector: इस कार्यक्रम में 7 राज्यों को फिश सेक्टर में मिलेगी 52 करोड़ की सौगात, बढ़ेगा फिश प्रोडक्शन

नई दिल्ली. मत्स्य पालन विभाग, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय ‘आईलैंड...