Home पोल्ट्री Poultry Ranikhet Disease: पोल्ट्री में बेहद खतरनाक है रानीखेत बीमारी, जानें इसकी डिटेल
पोल्ट्री

Poultry Ranikhet Disease: पोल्ट्री में बेहद खतरनाक है रानीखेत बीमारी, जानें इसकी डिटेल

ये बीमारी सभी उम्र की मुर्गियों व टर्की में समान रूप से पाई जाती है.
प्रतीकात्मक फोटो, Live stock animal news

नई दिल्ली. देश में पोल्ट्री का बिजनेस इनकम का एक बेहतरीन जरिया बनता जा रहा है. इस बिजनेस से लाखों लोग जुड़े हुए हैं और न सिर्फ मोटी कमाई कर रहे हैं बल्कि रोजगार भी दे रहे हैं. सरकारें भी पोल्ट्री बिजनेस को बढ़ावा देने के लिए योजनाएं चला रही है. वैसे तो मुर्गी पालन का व्यवसाय बहुत ही फायदेमंद है लेकिन जब इन्हें बीमारियां लगने लगती हैं तो ये मुर्गी पलकों को बहुत नुकसान पहुंचाता है. इसलिए मुर्गी पालन व्यवसाय में मुर्गी पालक को मुर्गियों में होने वाली बीमारी के बारे में हमेशा ही जानकारी होना चाहिए और उन्हें यह भी पता होना चाहिए कि इसका इलाज क्या है और इस बीमारी मुगियों को कैसे बचा सकते हैं. आज उन्हीं बीमारियों में से एक रानीखेत बीमारी के बारे में यहां जिक्र किया गया है. आईए जानते हैं. इस बीमारी के बारे में इससे क्या नुकसान है. इसका कैसे इलाज किया जा सकता है.

रानीखेत बीमारी का कोई पुख्ता इलाज नहीं मिल पाया है. हालांकि टीकाकरण के जरिए इसे बचाव संभव है. इसमें आर 2 बी और एनडी किल्ड जैसे टीके लगाए जाते हैं. विशेषज्ञों के मुताबिक मुर्गियों को 7 दिन 28 दिन और 10 हफ्ते में टीका देना सही रहता है. जिससे रानीखेत बीमारी से बचा जा सकता है.

जानिए रानीखेत के बारे में: रानीखेत रोग को (न्यूकेसल डिजीज) कहा जाता है. ये बीमारी सभी उम्र की मुर्गियों व टर्की में समान रूप से पाई जाती है. यह एकदम तीव्र गति से फैलने वाली, भयंकर छूतदार बीमारी है, जिसमें तंत्रिका तंत्र व श्वसन तंत्र दोनों प्रभावित होते हैं. इस बीमारी में मुर्गियों को सांस लेने में परेशानी होती है. मुर्गियों को तेज बुखार भी होता है. अंडे के उत्पादन में गिरावट देखने को मिलती है. मुर्गियां हरे रंग की बीट करने लगती हैं. कभी-कभी पंख और पर लकवा ग्रस्त भी हो जाती हैं.

रानीखेत बीमारी के कारण: ये रोग वाइस्स (मिक्सोवाइर्स) जनित है. इस रोग का इन्क्यूबेशन पीरियड (रोग के विषाणु शरीर में प्रवेश के समय से लेकर रोग के लक्षण स्पष्ट होने तक का समय) 5 से 7 दिन है. ये रोग हवा के द्वारा फैलने वाला रोग है.

मर भी जाती हैं मुर्गियां

  • बीमार मुर्गियों के साथ स्वस्थ पक्षी रखने पर।
  • मृत मुर्गी को, खुले में छोड़ने से।
  • बीमार पक्षियों के आहार व पानी के बरतनों एवं संक्रमित लिटर द्वारा

मुर्गी शाला के पास रोगी जंगली पड़ियों द्वारा
मुर्गियों की देखभाल करने वाले मनुष्यों तथा आगन्तुकों द्वारा
रोगी पक्षियों की बीट, आंसू, नाक एवं मुंह से निकलने वाले स्राव से
लक्षण
इस रोग के चार रूप होते हैं :
(i) विरूलेंट फार्म या उग्र रूप (एशियन टाईप)
इस अवस्था में मृत्यु दर 100% तक हो सकती है

  • बीमारी 3-4 दिन तक रहती है और कभी-कभी एक ही दिन में सब मुर्गियां मर
    जाती हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

बीमार मुर्गी का वजन कम हो जाता है और हर समय उदास रहती है.
पोल्ट्री

Poultry Disease: चूजों पर ज्यादा अटैक करती है ये बीमारी, इम्युनिटी को पहुंचाती है नुकसान

इसलिए नुकसान का खतरा ज्यादा रहता है. यह भयंकर छूतदार बीमारी है...

livestock animal news
पोल्ट्री

Maize Crop Production: किस वजह से देश में मक्का की उत्पादकता है कम, कैसे बढ़ेगी ये भी जानें

एक तरफ कुछ राज्यों में ​वैश्विक उत्पादन आंकड़े को छू लिया तो...

poultry farming
पोल्ट्री

Poultry Farming: कैंसर की तरह खतरनाक है मुर्गियों को होने वाली ये बीमारी, पढ़ें डिटेल

धीरे-धीरे फैलकर पक्षियों के किसी भी बाहरी और भीतरी अंगों को प्रभावित...

maize crop
पोल्ट्री

Poultry Feed: जानें भारत के किस राज्य में सबसे ज्यादा हुआ मक्का उत्पादन, कई बड़े देश भी पीछे छूटे

एथेनॉल मिश्रण लक्ष्यों के बढ़ने के साथ, उत्पादकता को बढ़ाना खाद्य सुरक्षा...