Home मछली पालन Fish Farming: जानें रोहू मछली पालने के फायदे, इस तरह घटाएं फीडिंग कास्ट और बढ़ाएं मुनाफा
मछली पालन

Fish Farming: जानें रोहू मछली पालने के फायदे, इस तरह घटाएं फीडिंग कास्ट और बढ़ाएं मुनाफा

rohu fish
रोहू मछली की प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. फिश फार्मिंग एक बेहतरीन काम है और इससे अच्छी खासी इनकम हो सकती है. सालाना आप 5 से 6 लाख रुपए तक फिश फार्मिंग से आप कमा सकते हैं. अगर आप भी मछली पालक हैं या मछली पालन चाहते हैं तो जान लें कि मछली पालन में रोहू मछली पालन ज्यादा फायदेमंद होता है. क्योंकि रोहू मछली ज्यादा टेस्टी होती है. इस वजह से इसकी बाजार में डिमांड और कीमत ज्यादा होती है. रोहू मछली पालने से किसानों को ज्यादा मुनाफा मिलता है और भी इसके कई फायदे हैं. इसमें औषधीय गुण भी होते हैं. अन्य मछलियों की तुलना में ज्यादा पौष्टिक भी मानी जाती हैं.

एक्सपर्ट कहते हैं कि रोहू मछली को तालाब और जलाशयों में आसानी के साथ पाला भी जा सकता है. अगर आप मछली पालन करना चाहते हैं और रोहू मछली को ही पालना चाहते हैं तो यहां हम आपको कुछ ऐसी जानकारियां देना जा रहे हैं जो कल्चर को ज्यादा आसान बना देगा. तो आइए जानते हैं कि रोहू मछली पालने के क्या-क्या फायदे हैं और इनको पालने में किन-किन बातों का ध्यान देना चाहिए.

यहां पढ़ें रोहू मछ​ली की खासियत
रोहू मछली की बात की जाए तो यह साल में 500 ग्राम से 1 किग्रा तक वजन हासिल कर लेती है. मॉनसून के मौसम में रोहू मछली एक बार अंडे देती है तो मछली अपने शरीर की प्रति किलोग्राम वजन के हिसाब से दो से ढाई लाख तक अंडो का उत्पादन करती है. रोहू मछली के तैयार होने की बात की जाए तो या 8 से 10 महीने में तैयार जाती है. जबकि अन्य प्रजातियों की मछलियां 16 से 18 महीने तक का समय लेती हैं. रोहू मछलियों की दूसरी खासियतों के बारे में बात किया जाए तो इसमें ओमेगा 3 फैटी एसिड, विटामिन ए, विटामिन बी, विटामिन सी और विटामिन डी होता है. या उच्च गुणवत्ता वाले प्रोटीन का अच्छा सोर्स भी मानी जाती है.

ये है रोहू मछली की पहचान
रोहू मछली के बारे में कहा जाता है कि यह तेजी से बढ़ती है. यह मछली शाकाहारी मानी जाती है. रोहू मछली का शरीर लंबा और गोल होता है और यह भूरे रंगों से रंग की होती है. रोहू मछली के शरीर पर स्केल भी होते हैं. उनके शरीर पर सात पंख होते हैं और इनके सिर के नीचे तीखा मुंह होता है. मछली के नीचे के होंठ झालर की तरह होते हैं. मछली का एक हिस्सा सफेद होता है. रोहू मछली की पीठ की तरफ का ​हिस्सा काला और हरा होता हे.

इन बातों को भी जान लें
रोहू पालन करने से पहले जान लें कि रोहू मछली हमेशा तालाब के बीच के हिस्से में रहती है. रोहू मछली के फार्मिंग में एरियेशन करना बहुत जरूरी होता है. क्योंकि इन्हें ऑक्सीजन की ज्यादा जरूरत होती है. अक्सर तालाब में ऑक्सीजन कमी हो जाती है. इस वजह से एरिएटर चलाना बेहद जरूरी होता है. खासकर के तब जब रोहू मछली को पाला जा रहा है. अगर आप रोहू मछली पाल रहे हैं और प्लैंकटन का सही उत्पादन कर रहे हैं तो फीडिंग कास्ट को 50 फीसदी तक घटा सकते हैं.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

Interim Budget 2024
मछली पालन

Fish Farming: नए सिरे से पंगेसियस मछली का पालन कैसे करें, जानें यहां

नहीं तो इससे आपको तालाब के पास जाने में दिक्कत आएगी. तालाब...