नई दिल्ली. भेड़ों से मीट और कपड़ा मिलता आ रहा है. टिकाऊ और गर्म कपड़े बनाने के लिए अभी तक और दूसरी ऐसी वस्तु नहीं निकली हैं, जिसे ऊन के स्थान पर काम में लाया जा सके. बुरे और अच्छे समय में जब भी इंसान विभिन्न प्रदेशों में जा कर बसा, उस समय उसके पौष्टिक भोजन का मुख्य साधन भेड़ें ही रही हैं. भेड़−बकरियों की तरह पेड़ की बढ़वार को कोई हानि नहीं पहुंचाती हैं. जबकि भेड़ की मेगनियों से भूमि उपजाऊ बनती हैं और इसका प्रभाव भूमि में काफी समय तक रहता है. गर्मी में पशुओं को लू लगने का खतरा बढ़ जाता है, जिससे वे सुस्त हो जाते हैं और उनकी भूख कम हो जाती है. पशुओं को हरा चारा, स्वच्छ पानी और ठंडे स्थान पर रखें. इंसानी ही नहीं पशु भी इस गर्मी में बेहाल हो जाते हैं.
भेड़-बकरी पालन एक ऐसा व्यवसाय है जो ग्रामीण परिवारों के सामाजिक-आर्थिक विकास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है. बकरी के मांस और दूध के रूप में बहु-आयामी उपयोग के कारण इसे गरीब आदमी की गाय के रूप में जाना जाता है. एक अनुमान के मुताबिक विश्व में भेड़ की 200 नस्लें हैं.
- गर्मी के मौसम में पानी सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है. इसलिए इस मौसम में भेड़ को भरपूर मात्रा में साफ और ठंडा पानी पिलाएं. धूप में रखा खुला पानी न रखें.
- गर्मी में पशु का शरीर अधिक तापमान नहीं सहन कर पाता है. उनमें लू लगने के लक्षण दिखने लगते हैं. यदि तापमान 42 डिग्री से बढ़ जाए, तो पशुओं में लू के लक्षण दिखाई दे सकते हैं. लू लगने पर पशु मुंह खोलकर तेजी से सांस लेने लगते हैं.
- लू लगने पर पशु सुस्त हो जाते हैं और उसकी गतिविधियां कम हो जाती है. अधिक गर्मी की वजह से पशु को भूख कम लगती है, लेकिन वह अधिक पानी पीता है. साथ ही, पेशाब भी कम हो जाता है. लू लगने पर पशुओं के दिल की धड़कन तेज हो जाती है.
- गर्मी के दिनों में भेड़ को रात में खाना खिलाएं. भूसे की मात्रा कम कर दें. दाना और मिनरल के मिश्रण की मात्रा बढ़ा दें. हरा व मुलायम चारा दें. साथ ही भेड़ को चारे में 100 ग्राम सोडियम बाइकार्बोनेट व 100 ग्राम तेल भी दें.
- गर्मी से बचाव के पर्यात इंतजाम करें. तेज हवा फेंकने वाले पंखे लगा दें. कूलर भी लगा सकते हैं. अगर ये संभव नहीं हो तो भेड़ के ऊपर पानी में भीगी टाट पट्टी ही डाल दें ताकि ठंडक बनी रहे.
- भेड़ों की ऊन कतरन नहीं कराई हो वह हीट स्ट्रोक से बचाव के लिए ऊन कतराई करवाएं. आपको ऊन पर पानी डालने से बचना चाहिए क्योंकि ऊन एक इन्सुलेटर की तरह काम करता है और वे ठंडे नहीं होंगे.
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