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Biogas Plant: फिक्स्ड डोम बायोगैस प्लांट करेगा पाल्यूशन में कमी, MOU हुआ साइन

पीएयू फिक्स्ड डोम टाइप बायोगैस प्लांट एक ईंट की चिनाई वाली संरचना है, जो इसे टिकाऊ, निर्माण में आसान और देश के सभी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त बनाती है
पीएयू के अनुसंधान डायरेक्टर डॉक्टर अजमेर सिंह धत्त और मनजीत सिंह ने अपने-अपने इस एमओए पर साइन किए।

नई दिल्ली. खेतों से निकलने वाली पराली बायोगैस प्लांट में काम आ रही है. प्रदूषण भी नहीं होगा और इससे बायोगैस भी काम में आएगी. ये कचरे का प्रबंधन करने में भी हेल्प करता है. कचरे को सड़ने और प्रदूषण का कारण बनने देने के बजाय यह उसे बायोगैस में तब्दील कर देता है. ये ईंधन की जगह ले सकता है. इससे धुआं कम होता है और हवा साफ रहती है. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (पीएयू) ने पीएयू फिक्स्ड डोम टाइप फैमिली-साइज बायोगैस प्लांट तकनीक के व्यावसायीकरण के लिए सुनाम स्थित फर्म के साथ एमओए साइन किया. जिसकी कैपेसिटी 1 एम³/दिन से लेकर 25 एम³/दिन तक है. यह एमओए फर्म को पूरे देश में इस स्थायी ऊर्जा समाधान को लागू करने के लिए गैर-अनन्य अधिकार प्रदान करता है.
पीएयू के अनुसंधान डायरेक्टर डॉक्टर अजमेर सिंह धत्त और मनजीत सिंह ने अपने-अपने इस एमओए पर साइन किए. डॉक्टर धत्त ने इसे कम खर्च में बेहतर परिणाम और पर्यावरण अनुकूल बायोगैस तकनीक के सफलतापूर्वक व्यावसायीकरण के लिए डॉक्टर सरबजीत सिंह सोच को बधाई दी.

नई विधि के बारे में बताते हुए डॉक्टर सोच ने कहा कि पीएयू फिक्स्ड डोम टाइप बायोगैस प्लांट एक ईंट की चिनाई वाली संरचना है, जो इसे टिकाऊ, निर्माण में आसान और देश के सभी क्षेत्रों के लिए उपयुक्त बनाती है. पारंपरिक फ्लोटिंग ड्रम बायोगैस प्लांट के विपरीत यह मॉडल 60-70 प्रतिशत अधिक लागत प्रभावी है और इसके रखरखाव की जरूरतें काफी कम है. इसके अलावा प्लांट से निकलने वाला घोल हाई क्वालिटी वाले जैविक खाद के रूप में कार्य करता है जो मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाता है.

अब तक पंजाब में 60000 से अधिक बायोगैस प्लांट लगे डॉक्टर सोच ने बताया कि आज तक पंजाब में 60,000 से अधिक ऐसे बायोगैस प्लांट लगाए जा चुके हैं, जो इसकी सही काम करने को प्रूफ करता है. कृषि और कृषि आधारित उद्योगों में ऊर्जा पर अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजना (एआईसीआरपी) के तहत स्थाई ऊर्जा समाधानों को बढ़ावा देने में पीएयू की उत्कृष्टता को “सर्वश्रेष्ठ केंद्र पुरस्कार-2024 से मान्यता दी गई.

14 MOU पर साइन किए पीएयू के प्रौद्योगिकी विपणन और आईपीआर सेल के एसोसिएट निदेशक डॉक्टर खुशदीप धरनी ने बताया कि पीएयू ने इस अभिनव तकनीक के व्यावसायीकरण के लिए 14 एमओए पर हस्ताक्षर किए हैं. उन्होंने ऊर्जा-कुशल समाधान विकसित करने और प्रसारित करने के लिए पीएयू के समर्पण पर जोर दिया. यह तय करते हुए कि वैज्ञानिक प्रगति किसानों, उद्यमियों और उद्योगों तक पहुंचे ताकि स्थाई कृषि और नवीकरणीय ऊर्जा को अपनाया जा सके.

ये होता है फिक्स्ड डोम बायोगैस प्लांट फिक्स्ड डोम बायोगैस प्लांट एक बंद गुंबद के आकार का डाइजेस्टर होता है जिसमें एक अचल, कठोर गैस-धारक होता है और गैस को डाइजेस्टर के ऊपरी हिस्से में संग्रहित किया जाता है, जिससे गैस का दबाव संग्रहित गैस की मात्रा के साथ बढ़ता है.

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