Home मीट Meat: मीट उत्पादन के लिए इन मशीनों का किया जाता है इस्तेमाल
मीट

Meat: मीट उत्पादन के लिए इन मशीनों का किया जाता है इस्तेमाल

buffalo meat, Availability Of Meat Per Capita, Meat Export, Meat Product, MEAT PRODUCTION
प्रतीकात्मक तस्वीर.

नई दिल्ली. मीट पूरी दुनिया में पसंद किया जाने वाला खाद्य पदार्थ है, अगर 2022 के आंकड़ों पर गौर किया जाए तो दुनिया भर में 36 करोड़ टन मीट का उत्पादन हुआ था, पूरी दुनिया में भारत की हिस्सेदारी 1.06 करोड़ टन थी. भारत दुनिया में मीट उत्पादन के मामले में पांचवें नंबर पर आता है. रिपोर्ट की मानें तो बीते कुछ सालों में मीट उत्पादन में पांच फीसदी की ग्रोथ दर्ज की गई है. वहीं मीट उत्पादन को बढ़ाने के लिए सरकारी काम कर रही हैं, क्योंकि भविष्य में मीट उत्पादन से न सिर्फ रोजगार के अवसर बढ़ेंगे बल्कि लोगों को इससे पौष्टिक खाद्य भी मिलेगा. भारत जैसे देशों में संगठित तौर पर मीट का उत्पादन किया जाता है लेकिन अब इसे संगठित बनाने में कई बड़े प्रयास किया जा रहे हैं.

एक्सपर्ट का मानना है कि मीट उत्पादन बेहद हाइजीनिक तरीके से किया जाना चाहिए. इससे लोगों को ज्यादा फायदा पहुंचता है. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि अत्याधुनिक स्लाटर हाउस में बेहद ही सफाई के साथ कई मशीनरी का इस्तेमाल करके मीट का उत्पादन किया जाता है. ताकि लोगों को साफ सुथरा मीट उनकी थाली में मिल सके. जिससे उनकी सेहत में सुधार हो न के सेहत खराब.

मिक्सर या मसाज का इस्तेमाल
इस मशीन का ग्राउंड मीट उत्पादों के निर्माण में उपयोग किया जाता है, यहां कीमा बनाया हुआ मांस अन्य सभी गैर-मांस सामग्री और मसालों के साथ स्टील ड्रम के अंदर मिलाया जाता है. जिसमें घूमने वाले पैडल होते हैं.

ब्राइन इंजेक्टर का यूज
ब्राइन इंजेक्टर एक घोल है जिसमें नमक, फॉस्फेट, नाइट्राइट, एस्कॉर्बेट, चीनी आदि जैसे विभिन्न क्योरिंग तत्व होते हैं. चूंकि बड़े मांस के टुकड़ों में ब्राइन या क्योरिंग घोल के प्रवेश में अधिक समय लगता है, इसलिए टुकड़ों में ब्राइन इंजेक्ट करके इसे तेज़ किया जा सकता है. बेकन और हैम जैसे क्योर्ड और स्मोक्ड मीट उत्पादों की तैयारी में यह आवश्यक है.

मीट उत्पादन में सॉसेज फिलर
सॉसेज फिलर की तैयारी में प्राकृतिक या सिंथेटिक ढक्कन में मीट इमल्शन भरने के लिए इसका उपयोग किया जाता है. हाइड्रोलिक संचालित और मैनुअल सॉसेज फिलर दोनों उपलब्ध हैं. यूनिट में सिलेंडर, फिलर ट्यूब (नोजल) और एक ढक्कन होता है. सिलेंडर में पिस्टन की ऊपर की ओर/समानांतर गति आवरण में इमल्शन भरने में मदद करती है. आटोमेटिक पैटी बनाने और मीट बॉल बनाने वाली मशीनों की बात करें तो लगातार संचालन में तय वजन और आकार के मीट इमल्शन को पैटी या मीट बॉल के रूप में ढाला जाएगा जाता है.

ब्लेड टेंडराइजर का उपयोग
यह सख्त मांस के टुकड़ों को नरम करने की एक फिजिकल तरीका है. यहां, मांस के टुकड़ों और स्टेक को कई ब्लेड के सेट के बीच दबाया जाता है जिससे टिश्यू विघटन होता है.

Written by
Livestock Animal News

लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज (livestockanimalnews.com) एक डिजिटल न्यूज प्लेटफार्म है. नवंबर 2023 से ये लगातार काम कर रहा है. इस प्लेटफार्म पर एनिमल हसबेंडरी () यानि मुर्गी पालन, डेयरी (), गाय-भैंस, भेड़-बकरी, घोड़ा, गधा, मछली और पशुपालन, चारा, पशु चिकित्सा शि‍क्षा से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिलती हैं. ऐग और चिकन के रोजाना बाजार भाव भी इस प्लेटफार्म पर प्रकाशि‍त किए जाते हैं. नेशनल मीडिया जैसे न्यूज18 हिंदी, हिन्दुस्तान, अमर उजाला, दैनिक जागरण, दैनिक भास्कर में काम कर चुके पत्रकार (रिर्पोटर) की टीम लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के लिए खबरें और स्टोरी लिखती है. केन्द्र सरकार के Poultry, Cow, Buffalo, Goat, Sheep, Camel, Horse (Equine), Fisheries, Donkey, Feed-Fodder and Dairy रिसर्च इंस्टीट्यूट के साइंटिस्ट से बात कर उनकी रिसर्च पर आधारित न्यूज-स्टोरी लिखी जाती हैं. इसके साथ ही लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज प्लेटफार्म पर एनिमल साइंस और वेटरनरी कॉलेज-यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर और एक्सपर्ट से बात करके खबरें लिखी जाती हैं और उनके लिखे आर्टिकल भी पब्लिूश किए जाते हैं. ये सभी स्टोरी और स्टोरी से जुड़े वीडियो सोशल मीडिया फेसबुक, यूट्यूब (YouTube), इंस्टाग्राम, एक्स (ट्विटर) और लिंक्डइन पर शेयर किए जाते हैं. पशुपालकों की सक्सेट स्टोरी लिखी जाती हैं. उसी सक्सेस स्टोरी के वीडियो बनाकर उन्हें लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज के यूट्यूब चैनल पर पब्लिैश किया जाता है. अंग्रेजी में भी न्यूज और आर्टिकल पब्लिाश किए जाते हैं. लाइव स्टॉक एनिमल न्यूज पशुपालन, मछली पालन, मुर्गी पालन और डेयरी से जुड़े विषयों पर होने वाली सेमिनार, वर्कशॉप और एक्सपो को भी कवर करता है. साथ ही एनिमल हसबेंडरी मंत्रालय से जुड़ी खबरें भी कवर करता है. बाजार में आने वाले नए प्रोडक्ट की जानकारी भी इस प्लेटफार्म पर दी जाती है.

Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Related Articles

livestock animal news
मीट

Goat Farming: मीट के लिए करना चाहते हैं बकरी पालन तो जानें बिजनेस से जुड़ी अहम बातें यहां

जिस जानवर का वजन जितना ज्यादा होता है उसका दाम उतना ही...

अपने आकार के अनुसार एक मुर्गी 10-15 चूजे पाल सकती है.
पोल्ट्रीमीट

Meat: चिकन रिटेल बाजार के सामने क्या हैं चुनौतियां, पढ़ें यहां

बाजार में सालाना 8-10 फीसद की वृद्धि होने का अनुमान है, जो...