नई दिल्ली. मुर्गी पालन का बिजनेस लगातार बढ़ रहा है. देश में अंडे और मीट के लिए पोल्ट्री का बिजनेस बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. देश में दो तरह से मुर्गी पाली जाती हैं. एक तो बैकयार्ड और दूसरी पोल्ट्री फार्म में. पोल्ट्री फार्म में बड़े पैमाने पर मुर्गी पालन किया जाता है. वहीं बैकयार्ड पोल्ट्री पर छोटे स्तर पर मुर्गियां पाली जाती हैं. मौसम तेजी से गर्म हो रहा है. गर्मियों में अधिकतर मुर्गियां परेशान हो जाती है, क्योंकि जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जाती है, मुर्गियों में ना सिर्फ अंडा देने की क्षमता घट जाती है बल्कि मृत्यु दर भी बढ़ जाती है. इसके पीछे की सबसे बड़ी वजह मुर्गियों का खाना कम कर देना है. आहार कम खाने से अंडा उत्पादन कम होने के साथ-साथ अंडों का आकार भी छोटा हो जाता है एवं अंडों के ऊपर का कवच कमजोर व पतला हो जाता है. जिससे मुर्गी पालक को काफी हानि होती है.
आज पूरे देश में मुर्गी पालन का बिजनेस लगातार बढ़ रहा है. देश में अंडे और मीट के लिए पोल्ट्री का बिजनेस बड़े पैमाने पर किया जा रहा है. मुर्गियों को दाना देने में अगर थोड़ी भी देर हो जाती है तो अंडे का उत्पादन कम हो जाता है. बाहरी तापमान 39 डिग्री सेंटीग्रेड से अधिक होने लगता है, तब मुर्गियां बहुत परेशान हो जाती हैं. इसमें मुर्गियां चोंच खोलकर हांफती हैं और कमजोर हो जाती हैं तथा लड़खड़ाने लगती है. जिसके बाद लकवा होने से मर जाती है. इसलिए, मुर्गियों को तेज गर्मी से बचाने के लिए यह उपाय किए जाने चाहिए.
करें ये काम
- पोल्ट्री में हर समय साफ और ठंडा पानी उपलब्ध रखें.
- पानी के लिए पोल्ट्री फार्म का बर्तन मिट्टी का होना चाहिए. क्योंकि इसमें पानी ठंडा रहता है.
- गर्मी में मुर्गी के बिछावन (लीटर) की मोटाई 2 इंच से अधिक नहीं हो.
- यदि लीटर पुराना हो गया हो, तो उसे हटाकर नया लीटर काम में लें.
- मुर्गियां ठंडे समय में दाना खाना पसंद करती है.
- मुर्गियों को सुबह-शाम ठंडे मौसम में टहलने दें.
- पोल्ट्री की छत की बाहरी परत पर सफेद पेंट कर दें, जिससे सूर्य की किरणें छत से टकराकर वापस लौट जाएं.
- पोल्ट्रीफार्म की खिड़कियों से उसे 3-5 फीट की दूरी पर टाट के पर्दे लगाकर एवं उनमे पानी का छिड़काव करके पोल्ट्री फार्म को ठंडा किया जा सकता है.
- जरूरत पड़ने पर पंखे एवं कूलर का भी उपयोग किया जा सकता है.
- पोल्ट्री फार्म के आसपास छाया के लिए पेड़ लगाए जा सकते हैं.
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