नई दिल्ली. मुर्गीपालन एक बेहद कम लागत में किया जाने वाला बेहतरीन व्यवसाय है. इसकी खास बात ये है कि घर की महिलाएं घरेलू काम के साथ—साथ मुर्गियों का ख्याल रखते हुए इसका पालन कर सकती हैं. वहीं कामर्शियल तौर पर भी इसे किया जा सकता है और अच्छी खासी कमाई की जा सकती है. एक्सपर्ट का कहना है कि बहुत से लोगों ने मुर्गी पालन में हाथ आजमाया है और अपनी इनकम में ग्रोथ की है. अगर ग्रामीण इलाकों में किसान मुर्गी पालन करें तो अच्छी कमाई कर सकते हैं. हालांकि इसके लिए जरूरी है कि सुरक्षित मुर्गीपालन किया जाए.
एक्सपर्ट का कहना है कि सुरक्षित मुर्गी पालन के कुछ उपाय है. बताते चलें कि मुर्गे व मुर्गियां रानीखेत, गम्बोरो और बर्ड फ्लू जैसी कई बीमारियों के प्रति संवेदनशील हैं. ये बीमारियां दूषित पानी से या फिर प्रभावित पक्षी के मल मूत्र, पंखों आदि के जरिये पूरे झुण्ड को बड़ी तेजी से प्रभावित कर सकती है. मुर्गीपालन से जुड़े होने के नाते आप अच्छी तरह जानते हैं कि अपने पक्षियों को इन बीमारियों से बचाना कितना महत्वपूर्ण है? अपने पक्षियों के साथ-साथ स्वयं के बचाव के लिए कुछ तरीके अपनाएं.
दूरी बनाये रखें
अपने पक्षियों को बाड़े में बन्द रखें. सिर्फ मुर्गे-मुर्गियों की देखभाल करने वाले व्यक्ति को ही पक्षियों के पास जाने दें. गैर जरूरी लोगों को बाड़े में एंट्री न करने दें तथा अपने मुर्गे मुर्गियों को दूसरे पशु-पक्षियों के सम्पर्क में न आने दें.
साफ-सफाई रखें
आपके बाड़े में और उसके आसपास के क्षेत्र में सफाई बहुत जरूरी है. जिससे बैक्टीरिया और वायरस के प्रकोप से बचा जा सकता है. पक्षियों के बाहरी हिस्सों को साफ-सुथरा रखें और पक्षियों के आहार व पानी को रोजाना बदलें. मुर्गी फार्म में नियमित रूप से संक्रमण मुक्त करते रहें.
बीमारियां आने से रोकें
बाजार व अन्य फार्मों अथवा पक्षियों के सम्पर्क में आने वाली हर चीज की साफ-सफाई रखें. नये पक्षियों को कम से कम 30 दिन तक अपने हैल्दी पक्षियों से दूर रखें. बीमारी को फैलने से रोकने या बचाव के लिए मुर्गियों के सम्पर्क में आने से पहले और बाद में अपने हाथों, कपड़ों और जूतों को धोये तथा इंफेक्शन फ्री करें.
बीमारी उधार न लें
यदि आप अन्य फार्मों से उपकरणों, औजारों या मुर्गियों को उधार लेते हैं तो अपने स्वस्थ पक्षियों के सम्पर्क में आने से पहले उनकी ठीक तरह से सफाई करें और संक्रमण मुक्त करें.
लक्षणों पर नजर रखें
अपने पक्षियों पर नजर रखें. यदि पक्षी अधिक मर रहे हैं, आंखों, गर्दन और सिर के आसपास सूजन है, सिनक रहा है, पंखों, कलंगी और टांगों का रंग बदल रहा है या पक्षी अंडे कम देने लगे हैं तो ये सब खतरे के संकेत हैं. पक्षियों में अचानक कमजोरी, पंख गिरने और हरकत कम होने पर नजर रखें.
बीमार पक्षी की सूचना
अपने पक्षियों की हर एक सामान्य बीमारी अथवा मौत की सूचना तुरंत ही नजदीकी पशु चिकित्सालय को दें.
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