नई दिल्ली. मिस यूनिवर्स ग्रेट ब्रिटेन 2024, क्रिस्टीना चाक भारत में एशियाई हाथियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार के खिलाफ जागरुकता बढ़ाने के मकसद से मथुरा पहुंची. जहां उन्होंने वाइल्डलाइफ एसओएस हाथी संरक्षण एवं देखभाल केंद्र का दौरा किया और एनजीओ की देखरेख में हाथियों से मुलाकात की. डेलिगेशन में ब्यूटी कॉन्टेस्ट के अन्य प्रतिभागी भी शामिल थे. महमानों में मिस वेल्स 2023 का ताज पहनने वाली मिल्ली एडम्स, हैरियट लेन, मेगन रॉबिन्सन, टिनी सिंबानी, स्टेफ़नी एलन भी शामिल थीं, जो मिस यूनिवर्स ग्रेट ब्रिटेन प्रतियोगिता की फाइनलिस्ट थीं. सेंटर के अधिकारियों ने कहा कि वन्यजीव संरक्षण के बारे में जागरुकता बढ़ाने के लिए मशहूर हस्तियों के साथ सहयोग करने की दिशा में यह दौरा एक सार्थक कदम बन गया.
इस डेलिगेशन को अपनी इस यात्रा के दौरान, हाथियों के इतिहास को समझने का अवसर मिला. एनजीओ के समर्पित प्रयासों की बदौलत इन राजसी जानवरों को दुर्व्यवहार और क्रूरता से मुक्त जीवन का दूसरा मौका दिया गया है. डेलिगेशन ने हाथी देखभाल एक्सपर्ट और पशु चिकित्सकों की वाइल्डलाइफ एसओएस टीम के साथ कई सत्रों में भाग लिया, जिससे भारत में एशियाई हाथियों के सामने आने वाली गंभीर चुनौतियों के बारे में बेहतरीन जानकारी उन्हें हासिल हो सकी. इसके अलावा उन्होंने बचाए गए हाथियों की मेडिकल रिक्वायरमेंट को समझने के लिए हाथी अस्पताल का भी दौरा किया.
मिस यूनिवर्स ने शेयर किया अपना एक्सपीरियंस
मिस यूनिवर्स ग्रेट ब्रिटेन 2024 क्रिस्टीना चाक ने कहा, “वाइल्डलाइफ एसओएस एलीफेंट कंजर्वेशन एंड केयर सेंटर का हमारा दौरा बेहतरीन रहा. यहां कई अच्छे एक्सपीरियंस हुए. इन बचाए गए हाथियों के साथ पहले भी जो गलत चीजें हुईं उसके बारे में जानकर मैं हैरान रह गई. मैं सभी से अनुरोध करूंगी कि वे किसी भी तरह से इस नेक काम का हिस्सा बनें, चाहे दान देकर या फिर सेंटर पर जाकर.” वाइल्डलाइफ एसओएस की सह-संस्थापक और सचिव गीता शेषमणि ने कहा, “क्रिस्टीना चाक और उनके साथी प्रतिभागियों का यहां आना हमारे लिए सम्मान की बात है. वन्यजीव संरक्षण के लिए उनका समर्थन और समर्पण वाकई सराहनीय है और उनके दौरे ने भारत में एशियाई हाथियों की दुर्दशा पर प्रकाश डालने में मदद की है.”
अवेयरनेस फैलाने में मिलेगी मदद
वाइल्डलाइफ एसओएस के सह-संस्थापक और सीईओ कार्तिक सत्यनारायण ने कहा, “हम वर्षों से अपने बचाव केंद्रों में मिस यूनिवर्स ग्रेट ब्रिटेन के खिताब धारकों की मेज़बानी करते आ रहे हैं. इस प्रयास का समर्थन और प्रचार करने के लिए आगे आने वाले प्रमुख युवा प्रभावशाली लोगों को देखना उत्साहजनक है. इससे देश में वन्यजीव संरक्षण और एशियाई हाथियों की दुर्दशा के बारे में अवेयरनेस फैलाने में मदद मिलेगी. वाइल्डलाइफ एसओएस (WSOS) 1998 में स्थापित एक गैर-लाभकारी चैरिटी है. जिसका मुख्य उद्देश्य पूरे भारत में मुश्किल में फंसे वन्यजीवों को बचाना और उनका पुनर्वास करना है. हम संरक्षण को बढ़ावा देने, अवैध शिकार और अवैध वन्यजीव व्यापार से निपटने के लिए सक्रिय रूप से वन्यजीव और प्रकृति संरक्षण परियोजनाएं चलाते हैं. हम सरकार और स्वदेशी समुदायों के साथ साझेदारी में काम करते हैं ताकि पूर्ववर्ती शिकारी समुदायों के लिए स्थायी, वैकल्पिक आजीविका बनाई जा सके.
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