नई दिल्ली. पशुपालन करने वाले किसान ये अच्छी तरह से जानते हैं कि जब पशु तंदुरुस्त रहता है तो ज्यादा उत्पादन करता है. यानि पशुपालन में ज्यादा फायदा होता है. जब पशु बीमार हो जाता है तो उत्पादन पर भी असर पड़ता है. वहीं पशुओं की शारीरिक जरूरतों को पूरा करने के लिए सिर्फ चारा ही जरूरी नहीं होता है. जबकि इसके लिए मिनरल सॉल्ट भी दिया जाता है. ताकि चारे में अगर इसकी कमी रह जाए तो इससे पूरा हो जाए. एक्सपर्ट का कहना है कि पशुओं के शारीरिक विकास, ज्यादा उत्पादन और शरीर के इंटरनल एक्शन को सुचारू रूप से कार्य करने के लिए पशु आहार में मिनरल सॉल्ट दिया जाता है.
एक्सपर्ट के मुताबिक ये खनिज लवण पशुओं की शारीरिक क्रियाओं के संचालन के साथ-साथ पशुओं की पाचन क्रिया में भी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. इन सॉल्ट की पशु को काफी मात्रा में जरूरत होती है लेकिन शरीर में इनकी कमी से पशुओं में विभिन्न प्रकार के रोग पैदा हो सकते हैं. जिनसे पशु की उत्पादन क्षमता पर बुरा असर पड़ता है. वहीं पशुपालकों को भारी आर्थिक नुकसान भी उठाना पड़ता है. पशुओं से भरपूर फायदा एवं उनकी उत्पादन क्षमता को बढ़ाने के लिए उनके आहार में इन सॉल्ट को प्रतिदिन उचित मात्रा में देना बहुत आवश्यक है.
क्यों दिया जाता है और क्या
इसमें अधिक मात्रा में आवश्यक खनिज लवण जैसे कैल्शियम, फासफोरस, पोटाशिम, सोडीयम, क्लोरिन, मैग्नीशियम आदि देना चाहिए. जबकि कम मात्रा में आवश्यक मिनरल सॉल्ट क्रोमियम आदि. मैग्नीज लोहा, तांबा, आयोडिन, जिंक कोबाल्ट, गन्धक, मोलिविडनम देते हैं. एक्सपर्ट का कहना है कि में खेतों की जमीन में मिनरल की कमी होने के कारण वहां उगने वाला जो चारा पशुओं को खिलाया जाता है उसमें कई मिनरल सॉल्ट पशुओं को नहीं मिल पाते हैं. जिसके चलते पशुओं में उन मिनरल सॉल्ट की कमी हो जाती है. इसलिए इसे देना जरूरी होता है.
मिनरल सॉल्ट देने से क्या होता है
- पशु आहार के सही तरह से पाचन में मिनरल सॉल्ट का महत्त्व होता है.
- मिनरल सॉल्ट दुधारू पशु के दूध उत्पादन में इजाफा करता है.
- पशुओं को खनिज लवण खिलाने से उनकी प्रजनन शक्ति में नियमिता रहती है. दो ब्यात के बीच के अंतर में भी कमी होती है.
- पशु लंबी अवधि तक उपयोगी रहता है. यानि ज्यादा दिनों तक फायदा पहुंचाएगा.
- पशुओं में रोगों से लड़ने की क्षमता को बढ़ जाती है.
- पशुओं में ब्यात से पहले पर्याप्त मात्रा में मिनरल सॉल्ट के खिलाने से ब्यात के समय होने वाले रोगों जैसे मिल्क फीवर, कीटोसिस, मूत्र में खून आना, को रोकने में मदद मिलती है.
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