नई दिल्ली. भेड़ पालन ने भी अब व्यावसायिक रूप ले लिया है. भेड़ को तीन वजहों से पाला जाता है. भेड़ का ऊन, दूध और मांस बेचकर पैसा कमाया जाता है. भेड़ों की खासियत होती है कि वह घास को चरती हैं. वह ऐसी घास को भी चरती हैं, जहां पर अन्य पशुओं के लिए पहुंचना मुश्किल होता है. उन्हें भूमि की सतह के बिल्कुल करीब स्थित छोटे कोमल घास खाना भी पसंद होता है. इसके अलावा अपने भेड़ को आहार पूरी करने के लिए पुराने पालक घास और साबूत मक्के भी देते रहे हैं. क्योंकि उनकी भेड़ें कम से कम 7 से 8 घंटा चरती थीं. इसके बाद में प्रतिदिन हर भेड़ को 0 से 5 पाउंड यानि 1.36 किलो मक्का और अल्फाल्फा घास भी देते थे.
भेड़ को पसंद है अनाज का स्वाद
दूध देने वाली भेड़ का चारा और मांस वाली भेड़ से अलग होता है. नियम के अनुसार मांस वाली भेड़ केवल घास, फूस और थोड़ी मात्रा में अनाजों पर निर्भर रह सकती हैं. जबकि दूध वाली भेड़ के आहार को आमतौर पर व्यावसायिक चारों से पूरा किया जाता, जिसमें सामान्य उच्च दर्जे के अनाज शामिल किए जाते हैं. कई लोग सोचते हैं कि केवल पालतू भेड़ें अनाज खाती हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि जंगल में रहने वाली भेड़ भी थोड़ी मात्रा में अनाज खाती है. हमें इस बात के लिए अक्सर सतर्क रहना चाहिए, क्योंकि भेड़ को आमतौर पर अनाज का स्वाद अच्छा लगता है.
इसलिए ठंड का मौसम है सबसे अच्छा
सर्दियों के मौसम में भेड़ के शरीर के वजन को बढ़ाने के लिए सबसे आदर्श समय माना जाता है. इस समय 100 से 250 ग्राम अनुपात में बाजरे का दाना देकर उन्हें बेहतर सेहत दी जा सकती है. आहार को हमेशा ज्यादा ऊर्जा के लिए तैयार किया जाना चाहिए. क्योंकि ठंड में ज्यादा ऊर्जा की जरूरत होती है. यदि भेड़ को सही वक्त पर चारा दिया जाए तो इससे अच्छा उत्पादन हासिल किया जा सकता है. अच्छा उत्पादन लेने का मतलब है कि अच्छी कमाई.
Leave a comment