नई दिल्ली. गर्मी अपने चरम पर है. टेंपरेचर पिछले सभी रिकॉर्ड तोड़ने को बेताब है. मौसम की बेरुखी ने इंसानों को तो परेशान कर ही दिया है साथ ही बेजुबान भी पारा चढ़ने से खतरे में आ गए हैं. हालत ये है कि जानवरों में स्ट्रेस पैदा हो रहा है. खास तौर पर स्ट्रीट डॉग खाना ना मिलने की स्थिति में आक्रामक भी हो रहे हैं. रोजाना राहगीरों को दौड़ाकर काट रहे हैं. वेटरनरी डॉक्टर का मानना है, कि जिस तरह तमाम लोग गर्मी से परेशान हैं, उसी तरह से जानवर भी बढ़ती गर्मी के कारण परेशानी में हैं. खास तौर पर स्ट्रीट डॉग. गली के आवारा कुत्तों में डिहाइड्रेशन की समस्या बनती है और इससे यह कुत्ते अपने स्वभाव को बदलते हुए आक्रामक हो सकते हैं.
गर्मी शुरू होते ही शहर से लेकर गांवों तक कुत्ते खूंखार हो गए हैं. गर्मी में कुत्ते ज्यादा आक्रामक हो जाते हैं जो लोगों पर हमला कर घायल कर रहे हैं. गर्मी के कारण कुत्तों में चिड़चिड़ापन और बेचैनी के लक्षण दिखाई देने लगते हैं. छाया और ताजे पानी की कमी से भी कुत्तों के व्यवहार में परिवर्तन आ जाता है और वे आक्रामक होने के कारण आने-जाने वाले लोगों को काट लेते हैं. कुत्ते बेहद संवेदनशील होते हैं. वे वफादार होते हैं, लेकिन अगर भूख और प्यास से बेहाल होते हैं वे आक्रामक हो जाते हैं.
रेबीज का टीका कब लगवाएं: कुत्ते के काटने पर टीका लगवाना बेहद जरूरी होता है. कुछ लोग लापरवाही में टीका नहीं लगवाते हैं, जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ता है. जरा सी सावधानी इंसान की जान भी बचा सकती है. कुत्ते के काटने से फैलने वाला रेबीज इंसान की मौत का कारण भी बन जाता है, इसलिए हमेशा इस बात का ध्यान रखें कि टीका जरूर लगवाएं. रेबीज का टीका 100 प्रतिशत तक प्रभावी होता है. पहला टीका काटने के दिन लगे. दूसरा टीका तीसरे दिन. तीसरा टीका सातवें दिन और आवश्यकता अनुसार 14वें और 28वें दिन लगवाएं. चिकित्सकीय परामर्श पर टिटनेस का टीका भी लगवाना जरूरी होता है.
कैसे करें बचाव: कुत्तों से बच्चों को दूर रखें, दौड़ाने पर रुक जाएं
कुत्तों के काटने के बाद 10 से 12 बार काटने वाले स्थान को साबुन से धोएं। डाक्टर से संपर्क कर उपचार कराएं
गर्मी के समय कुत्तों को परेशान न करें, न ही उन्हें मारें, इससे वह और आक्रामक हो जाते हैं
घर के आसपास रहने वाले कुत्तों के पानी और भोजन की व्यवस्था करें
पालक अपने कुत्तों को रैबीज वाले टीके अवश्य लगवा लें
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