नई दिल्ली. हरा चारा पशुओं के लिए बुनियादी प्राकृतिक आहार माना जाता है. जबकि इसे पोषक तत्वों का सबसे किफायती सोर्स भी माना जाता है. हमारे देश में पशुधन की बड़ी संख्या चारे की खेती के सीमित क्षेत्रफल के कारण हरे चारे की बहुत कमी है. हरे चारे की कमी से पशुधन की उत्पादक क्षमता प्रभावित होती है. फसल चक्रों में मौसमी बदलावों के कारण पशुओं को पूरे साल पर्यात मात्रा में हरा चारा उपलब्ध नहीं हो पाता है. खासतौर पर गर्मी के दिनों में हरे चारे की ज्यादा कमी रहती है. इन परिस्थितियों में, पशुपालकों या दुग्ध उत्पादकों को आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ता है.
ऐसे में पशुओं को साइलेज दिया जाता है. ताकि इस तरह की परिस्थितियों में साइलेज के रूप में संरक्षित हरे चारे की उपलब्धता पशुओं की उत्पादकता को बनाए रखने के लिए बहुत जरूरी है. वर्ष भर विभिन्न मौसमों में उच्च गुणवत्तायुक्त चारे की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए साइलेज के रूप में हरे चारे का स्टोरेज बहुत अहम है. बता दें कि साइलेज में शुष्क पदार्थ की मात्रा 40 से 60 प्रतिशत तक होती है उसे हेलेज कहा जाता है. साहलेज हरे चारे का एक वैकल्पिक स्रोत है, जिसे किसी भी अन्य सूखे चारे, हरे चारे और पशु आहार के साथ मिश्रित करके पशुओं को खिलाया जा सकता है.
साइलेज स्टोरेज करने का तरीका
साइलेज बनाने और लंबे वक्त तक सही स्टोरेज के लिए, किसानों द्वारा खेतों पर स्टोरेज के लिए तमाम तरह के साइलो का इस्तेमाल किया जाता है. साइलो बंकर, प्लास्टिक बैग और प्लास्टिक फवर युक्त बेलर आवरण संरचनाओं का माइलेज बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है. लंबे वक्त के लिए साइलेज का बड़ी मात्रा में स्टोरेज करने के लिए कंक्रीट के सतही साइलो बंकर सबसे अच्छे होते हैं. साइलो बंकर को सिविल इंजीनियर या आर्किटेक्ट की सलाह के मुताबिक ऊंची जमीन की समतल सतह पर बनाना चाहिए. साइलेज वेस्ट और बारिश के पानी के निकास के लिए, कंक्रीट के फर्श को एक प्रतिशत ढलान के साथ बनाना चाहिए.
कितनी होती है बंकर की स्टोरेज क्षमता
बता दें कि साइलो बंकर की स्टोरेज क्षमता 3 से 500 मीट्रिक टन तक होती है. एक घन मीटर क्षेत्रफल का साइलो बंकर (1 मीटर x 1 मीटर x 1 मीटर) 500 से 600 किलोग्राम कुट्टी किए हुए चारे का साइलेज बनाने के लिए उपयुक्त होता है. 3 मीट्रिक टन साइलेज को 6 घनमीटर क्षेत्रफल के साइलो बंकर में संग्रहीत किया जा सकता है, जिसकी 4 मीटर लंबाई, 1.5 मीटर चौड़ाई और 1 मीटर ऊंचाई हो। 12 से 15 मीट्रिक टन साइलेज को 24 घनमीटर क्षेत्रफल के साइलो बैंकर में संग्रहीत किया जा सकता है. जिसकी 6 मीटर लंबाई 4 मीटर चौड़ाई और 0.9 मीटर ऊंचाई हो.
कितना आता है खर्च
साइलो बंकर में नींव की गहराई करीब 24 इंच और चौड़ाई 13.5 इंच होती है. 150 मीट्रिक टन क्षमता वाले साइलो की 18.2 मीटर या 60 फीट लंबाई 9.2 मीटर या 30 फीट चौडाई और 1.5 मीटर या 5 फीट ऊंचाई होती है. सामुदायिक या बड़े किसानों के स्तर पर 150 मीट्रिक टन क्षमता के बंकर निर्माण में अनुमानित लागत लगभग 10 लाख रुपये आएगी. मध्यम स्तर के पशुपालकों के लिए 3 से 5 मीट्रिक टन क्षमता के बंकर साइलो के निर्माण पर लगभग 35 हजार रूपये का खर्च होगा. छोटे पशुपालक, साइलेज बनाने के लिए एचडीपीई या प्लास्टिक साइलो बैग का उपयोग कर सकते हैं. प्लास्टिक साइलो बैग में 50 से 1000 किलोग्राम तक साइलेज का भंडारण किया जा सकता है. इन बैगों की जीवन अवधि 3 से 4 वर्ष तक ही होती है, भंडारण के दौरान चूहों और गिलहरी द्वारा छेद करने और काटने के कारण ये बैग क्षतिग्रस्त हो जाते हैं.
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