Home डेयरी NDRI ने क्यों कहा, रिसर्च और विकास की गतिविधियों के लिए AI विभाग की अलग से जरूरत
डेयरी

NDRI ने क्यों कहा, रिसर्च और विकास की गतिविधियों के लिए AI विभाग की अलग से जरूरत

Why did NDRI say, separate AI department is needed for research and development activities
NDRI. Photo courtesy ADRI.

करनाल. भारत सरकार द्वारा लागू की गई नई शिक्षा नीति-2020 को लेकर करनाल स्थित राष्ट्रीय डेयरी अनुसंधान संस्थान में एक दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. ये सम्मेलन डेयरी विज्ञान शिक्षा, रिसर्च और नवाचारों में विविधता लाने, डेयरी विज्ञान शिक्षा के वैश्वीकरण और विश्वविद्यालयों की अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों को ध्यान में केंद्रित कर किया गया. सम्मेलन में 2050 तक भारतीय डेयरी शिक्षा परिदृश्य को डेयरी किसानों की उम्मीदों के साथ जोड़ने के महत्व पर चर्चा की गई. रिसर्च और विकास की गतिविधियों के लिए एआई यानी आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस पर एक अलग से विभाग विभाग की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया. बता दें कि एनडीआरआई में ये सम्मेलन “नई शिक्षा नीति 2020: आशा और कार्रवाई के बीज” विषय पर आयोजित किया गया

“नई शिक्षा नीति-2020” के बारे में बताया
एक दिवसीय सम्मेलन में उद्योग प्रतिनिधियों, शिक्षाविदों, नीति निर्माताओं, स्नातक और स्नातकोत्तर छात्रों, संकायों, शिक्षाविदों सहित कई प्रतिष्ठित पैनल सदस्यों ने भाग लिया. संस्थान के निदेशक डॉक्टर धीर सिंह ने “नई शिक्षा नीति-2020” के बारे में बताया. उन्होंने विश्वभर में इंडिया को पुनर्जीवित करने की उम्मीद और अपेक्षाओं के अनुरूप भारतीय डेयरी शिक्षा परिदृश्य को संरेखित करने की बात दोहराई.

डेयरी विज्ञान शिक्षा में विविधता लाने पर जोर
डॉक्टर धीर सिंह ने नए और उन्नत रिसर्च बुनियादी ढांचे, आधुनिक और उद्यतन शिक्षण सुविधाओं, बदलती औद्यौगिक जरूरतों के अनुरूप कौशल विकास के लिए नवीन तंत्र, लागत प्रभावी प्रौद्योगिकियों के निर्माण के जरिए से संस्थान को गौरव दिलाने के लिए सभी आवश्यक कदम और गतिविधियां उठाने पर जोर दिया. कॉन्क्लेव की चर्चा और विचार-विमर्श चार स्तंभों पर केंद्रित किया गया. इसमें नंबर एक वैश्विक उत्कृष्टता के लिए डेयरी विज्ञान शिक्षा में विविधता लाना. दूसरा एनईपी-2020 को प्राप्त करने में उत्प्रेरक उपकरण के रूप में अनुसंधान और नवाचार लक्ष्य. तीसरा डेयरी विज्ञान शिक्षा का वैश्वीकरण और उत्कृष्टता को सशक्त बनाना और चौथा विश्वविद्यालयों की सामाजिक जिम्मेदारियाँ: न्यायसंगत और समावेशी शिक्षा.

संस्थान को वैश्विक नेता के रूप में बनाने की पहल
प्रसिद्ध पशुधन शिक्षाविद् केएम बुजरबरुआ, पूर्व कुलपति, असम कृषि विश्वविद्यालय, जोरहाट और पूर्व उप महानिदेशक (पशु विज्ञान), नई दिल्ली ने 2050 तक डेयरी किसानों की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए डेयरी शिक्षा के विविधीकरण के महत्व पर प्रकाश डाला. अमृत ​​काल.जीपीपीयूएटी, पंतनगर के कुलपति एमएस चौहान ने संस्थान को वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करने और हितधारकों को लाभान्वित करने के लिए शैक्षणिक और कौशल विकास में नई ऊंचाइयां लाने के लिए डेयरी क्षेत्र के लिए समस्या-समाधान अनुसंधान के महत्व को रेखांकित किया.

भविष्य की जरूरतों को पूरा करने पर जोर
पंतनगर स्थित राष्ट्रीय सदस्य, एनएएचईपी बाहरी सलाहकार पैनल और पूर्व कुलपति, जीपीपीयूएटी पीएल गौतम ने कहा कि भविष्य की जरूरतों को देखते हुए और उन्हें पूरा करने के लिए एनडीआरआई को एक नेता बनाने के लिए डेयरी शिक्षा पर और अधिक जोर देना चाहिए. उन्होंने कहा कि विश्व में बहुत प्रतिस्पर्धा है और आईसीएआर-एनडीआरआई जैसे खास और महत्वपूर्ण संस्थान को सभी क्षेत्रों के लिए अनुसंधान और शिक्षा में सर्वोत्तम बुनियादी ढांचा सुविधाएं बनाकर सक्षम वातावरण बनाना चाहिए.

बदलवों और अपेक्षाओं को रेखांकित किया
आईडीपी-एनएएचईपी के संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक) और प्रधान अन्वेषक आशीष कुमार सिंह ने बदलते वैश्विक परिदृश्य, पाठ्यक्रम और औद्योगिक आवश्यकताओं के तहत डेयरी शिक्षा में होने वाले सुधारों, बदलवों और अपेक्षाओं को रेखांकित किया.

Written by
Livestock Animal News Team

Livestock Animal News is India’s premier livestock awareness portal dedicated to reliable and timely information.Every news article is thoroughly verified and curated by highly experienced authors and industry experts.

Related Articles

This scheme aims at the development and conservation of indigenous breeds, genetic upgradation of bovine population, enhancement of milk production and productivity of bovines thereby making dairying more remunerative to farmers. The following steps have been undertaken under the scheme.
डेयरी

Dairy: इस राज्य में 50 लाख लीटर दूध का होगा उत्पादन, बनाया गया ये प्लान

नई दिल्ली. मध्यप्रदेश में सरकार दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई...

डेयरी

Milk Production: सबसे ज्यादा दूध उत्पादन करने वाले किसान हुए सम्मानित, जानें किसे मिला पहला ईनाम

नई दिल्ली. मध्यप्रदेश में दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए पशुपालकों को...

डेयरी

Dairy Sector: असम में डेयरी सेक्टर को आगे ले जाने और किसानों को फायदा पहुंचाने को बना ये प्लान

नई दिल्ली. डेयरी फार्मिंग के बिजनेस से किसानों को बड़ा फायदा पहुंचाया...

पशुओं को खनिज मिश्रण (मिनेरल पाउडर) खिलाना चाहिए.
डेयरी

Dairy: इन बीमारियों से पशुओं को ऐसे बचाएं, दूध उत्पादन भी नहीं घटेगा

नई दिल्ली. पशुपालन में बीमारी की वजह से सबसे ज्यादा नुकसान होता...