नई दिल्ली. दुनिया के ज्यादातर समुदायों के लोगों के खाने में मांस और मांस से बने प्रोडक्ट इस्तेमाल ज्यादा होता है. दरअसल, मांस से मिलने वाली प्रोटीन में पाचनशक्ती ज्यादा होती हैं, करीबन 70% प्रोटीन की मात्रा शरीर के लिए आवश्यक हैं जो सिवाय दूध और अंडे के किसी भी अन्नघटक से नहीं मिलती. इसलिए इंसानों के खाने मे मांस और मांस से बने प्रोडक्ट का इस्तेमाल सेहत के लिये जरुरी है. क्योंकी इनके जरीये इंसान के शरीर के बेहतरीन विकास के लिये जरुरी पोषक पदार्थ मिलते हैं.
शरीर का उचित ढंग से विकास होने में पशुजन्य पदार्थों का जैसे दूध, मांस, अंडा, मछली और उनसे बनाये व्यंजनो को खाने में शामिल करना जरूरी है. विश्वभर के सभी चिकित्सकों और वैज्ञानिकों का ये कहना हैं की उचित मात्रा मे मांस और मांस उत्पादों का सेवन करने से सेहत बढती है. इंसानों की ज्यादातर समस्याएं या बीमारियां गलत खाने से होती हैं, इसलिये मनुष्य का आहार उचित होना जरुरी है. गलत आदतें या खाना गंभीर बीमारियों की वजह बन सकती हैं.
- प्रोटीन्स
मांस शरीर के अच्छे विकास के लिए आवश्यक प्रथिनों का प्रमुख स्रोत है. शरीर मे उत्पन्न विविध संप्रेरको (Hormones) और एनजाइंम्स का कार्य सुचारु रुप से चलने के लिए, रोग प्रतिरोधक क्षमता तैयार होने मे और शरीर की मांस पेशियां और हड्डियां मजबूत होने मे प्रोटीन खाने मे होना जरुरी हैं. प्रेटीन्स द्वारा हमे रोज का शक्तिशाली काम करने के लिए आवश्यक अतिरिक्त ऊर्जा मिलती है. इस वजह से खिलाड़ी, बॉडी बिल्डर्स और जादा मेहनत करने वाले लोग मांस का सेवन नियमित रुप से करते हैं. मांस में मौजूद मायोग्लोबिन नामक प्रोटीन्स के मात्रानुसार लाल मांस और सफेद मांस ये प्रकार जाने जाते हैं. जैसे की भैंस या भेड़ या बकरी के मांस मे मायोग्लोबिन की मात्रा ज्यादा होती है. इसलिए उसे लाल मांस कहा जाता है और मुर्गी या शूकर का मांस या मछली मे मायोग्लोबिन की मात्रा कम होने से उसे सफेद मांस कहते हैं. मांस खाने से मिलने वाले प्रोटीन्स को संपूर्ण प्रथिने (Complete proteins) कहा जाता है. क्योंकि शरीर मे ये अच्छे तरह से घुल-मिल जाते हैं, साथ ही साथ मांस खाने से आहार मे आवश्यक नौ अमीनो अम्ल भी मिलते हैं. क्रिएटिन, टॉरिन और अँसेरिन जैसी मांस से मिलनेवाली विशिष्ट अमीनो अम्ल और उसके साधित के अभाव से दिमाग और स्नायूंओं के कार्यपर अनुचित असर हो सकता हैं ऐसा कुछ वैज्ञानिकों का कहना है. - चरबी/वसा
आमतौर पर सभी प्रकार के मांस में चरबी पाई जाती है. जिसकी मात्रा जानवर के प्रजाति के अनुसार बदलती है. चरबी ऊर्जा का सबसे बड़ा स्त्रोत्र होने के साथ-साथ अन्य कई पोषण सामग्री का जैसे ए, डी, ई और के कोर आफ लाइफ (A, D, E and K Fat-soluble vitamins) शरीर में अवशोषण सहायता करती हैं. चरबी में मौजूद अनसैचुरेटेड फैटी अम्ल (Unsaturated fatty acids) की वजह से पेशियों खासकर दिमाग की पेशियों का कार्य उचित ढंग से चलता हैं. साथ- साथ व्यंजनों को बढ़िया स्वाद और खुशबू चरबी की वजह से ही मिलती हैं. - विटामिन और मिनरल्स
मांस खाने से शरीर को आवश्यक विटामिन, एंटीऑक्सीडेंट (Antioxidants) और खनिजपदार्थ उचित मात्रा मे मिलती हैं. मांस से विटामिन ए, बी-6, बी-12 और डी; लोह, झिंक, फॉस्फरस आदि मिनरल्स और ओमेगा 3 फॅटी अम्ल पर्याप्त मात्र मे मिलते हैं. लाल मांस मे क्रिएटिन (creatine) और कार्नोसिन (carnosine) जैसी महत्वपूर्ण पोषकतत्त्व मौजूद हैं जो शरीर को अधिक ऊर्जा देने और स्रायू और दिमाग के विकास में मदद करती हैं. - लोहा
शरीर के रक्त पेशियों द्वारा पुरे शरीर में ऑक्सिजन का वहन किया जाता है. ऑक्सिजन, जिसे वाइटल एयर भी कहा जाता हैं, के वहन के लिये खून मे लोह होना बेहद जरुरी है. जो हमे उचित मात्रा मे मांस के सेवनसे मिलता हैं. बच्चे, वयस्क, बीमार और गर्भवती महिलांओ मे होने वाली लोहा की कमी मांस द्वारा पुरी हो सकती है. शरीर में लोह की कमी के कारण से होने वाले खून की कमी (Anaemia) से क्षतिग्रस्त लोगों को मांस खाने से अच्छा लाभ पहुंचता हैं.
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